क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) और इससे संबंधित नियमों को लेकर केंद्र सरकार गंभीर चर्चा (Serious Discussions) कर रही है. वित्त मंत्रालय (Fin Min) के सूत्रों से यह जानकारी मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा है कि ज्यादातर देश इस आभाषी मुद्रा को टेरर फंडिंग (Terror Funding) और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के स्रोत के रूप में देखते हैं. अगस्त में ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य उल्लंघनों के संबंध में कई क्रिप्टो कंपनियों पर छापे मारे हैं.
मामले से जूड़े सूत्रों ने दी जानकारी
मामले से जूड़े सूत्रों ने बुधवार को बिजनेस टुडे को बताया कि फिलहाल क्रिप्टो करेंसी से संबंधित नियमों (Crypto Regulations) पर गहन विचार-विमर्श का दौर जारी है. उन्होंने कहा कि इस बात से कोई इंकार नहीं है कि ज्यादातर देशों में क्रिप्टो को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के रूप में देखा जाता है.
सूत्रों ने यह भी बताया कि बीते जुलाई महीने में संपन्न हुई G20 की बैठक के अनुरूप, क्रिप्टो करेंसी के लिए वैश्विक नियमों पर अन्य द्विपक्षीय भागीदारों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ चर्चा की जरूरत है.
आने वाले महीनों में तेज होगी चर्चा
इस मामले से संबंधित सूत्रों ने आगे बताया कि आने वाले महीनों में इस मुद्दे पर बातचीत और भी तेज होगी. गौरतलब है कि हाल ही में, केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा था कि जल्द ही एक नया क्रिप्टो करेंसी विनियमन पेश किया जाएगा.
वित्त मंत्री मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण की चिंताओं से निपटने के लिए क्रिप्टो करेंसी के अंतर्राष्ट्रीय विनियमन को लेकर लगातार बहस कर रही हैं.
क्रिप्टो एसेट से आय पर 30% टैक्स
बता दें फिलहाल देश में क्रिप्टो करेंसी को सरकार की ओर से मान्यता नहीं दी गई है. लेकिन इससे होने वाली आय पर भारी भरकम टैक्स लगाया गया है. सरकार इस वर्चुअल डिजिटल एसेट से प्राप्त राजस्व पर 30 फीसदी का टैक्स वसूल करती है.
निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करते हुए क्रिप्टो से होने वाली आय पर टैक्स लगाने का ऐलान किया था, जो एक अप्रैल 2022 से लागू है. इसके साथ ही इसके ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी की दर से टीडीएस भी लगाया गया है.