scorecardresearch
 

India vs China: रेयर अर्थ पर अमेरिका-चीन की डील, लेकिन भारत के लिए संकट... मंझधार में फंसी ऑटो इंडस्‍ट्री

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) ने बुधवार को अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील समझौते का ऐलान किया. इस समझौते के तहत चीन अब अमेरिकी कंपनियों को रेयर अर्थ एलिमेंट देगा. लेकिन भारत के लिए शिपमेंट भेजने का आवेदन दो बार ठुकराया है.

Advertisement
X
अमेरिका से चीन ने रेयर अर्थ पर की डील, लेकिन भारत पर क्‍या
अमेरिका से चीन ने रेयर अर्थ पर की डील, लेकिन भारत पर क्‍या

भारत की ऑटो इंडस्‍ट्री में संकट आ सकता है, क्‍योंकि चीन ने अमेरिका के साथ रेयर अर्थ पर डील (China-US Rare Earth Elements Deal) तो कर ली है, लेकिन भारत का आवेदन एक नहीं, बल्कि दो बार ठुकरा दिया है. ऐसे में अगर भारत को रेयर अर्थ (Rare Earth) नहीं मिला तो ऑटो इंडस्‍ट्री में EV सेक्‍टर्स को सबसे ज्‍यादा नुकसान होगा. हालांकि चीन में भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत और चीन के उप विदेश मंत्री सन वेइदोंग के बीच रेयर अर्थ को लेकर चर्चा हुई है, लेकिन अभी डील को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है. 

उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) ने बुधवार को अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील समझौते का ऐलान किया. इस समझौते के तहत चीन अब अमेरिकी कंपनियों को रेयर अर्थ एलिमेंट देगा. बदले में चीनी छात्रों को अमेरिका के कॉलेजों और विश्‍वविद्यालयों में पढ़ाई करने की इजाजत देगा. ट्रंप ने यह भी कहा कि टैरिफ (Trump Tariff) को लेकर भी चीन के साथ डील हुई है, जिससे अमेरिका को 55% लाभ मिल रहा है, जबकि चीन को सिर्फ 10% फायदा पहुंचेगा. 

क्‍या है रेयर अर्थ मैटेरियल? 

  • रेयर अर्थ एलिमेंट कुल 17 हैं, जिसमें लैंथेनम, नियोडियम, प्रासियोडियम जैसे मिनरल्स शामिल हैं. यह कोई आम खनिज नहीं बल्कि खास मैग्नेटिक और इलेक्ट्रॉनिक गुण हैं और टेक्निकल पोडक्‍ट्स के लिए बेहद जरूरी हैं. 
  • ये सभी जगहों पर नहीं मिलते हैं, जिस कारण इन्‍हें रेयर अर्थ कहा जाता है. चीन में इसका उत्‍पादन सबसे ज्‍यादा होता है. इसे निकालने का प्रोसेस भी बहुत जटिल और महंगा है. 
  • इस रेयर अर्थ मिनरल्स का इस्तेमाल कई आधुनिक तकनीकों और इंडस्ट्री में होता है, जिनमें स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी, इलेक्ट्रिक वाहन, विंड टरबाइन, सौर पैनल और बैटरी शामिल हैं. 

रेयर अर्थ को लेकर चीन पर निर्भर क्‍यों है पूरी दुनिया? 
वर्तमान में चीन दुनिया का सबसे बड़ा रेयर अर्थ एनिमेंट उत्‍पादक देश है. अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, चीन वैश्विक खनन रेयर अर्थ उत्पादन का 61 प्रतिशत हिस्सा रखता है, लेकिन वैश्विक उत्पादन का 92 प्रतिशत नियंत्रित करता है. साथ ही भारत और अमेरिका जैसे देशों के लिए चीन से व्‍यापार अन्‍य जगहों की तुलना में सरल और सस्‍ता भी माना जाता है. 

Advertisement

क्‍यों जरूरी है रेयर अर्थ एलिमेंट? 
यह चीज इलेक्ट्रिक वाहन और पारंपरिक वाहनों के लिए ज्‍यादा जरूरी है. सीधे शब्‍दों में कहें तो इसके बिना कोई भी वाहन बनकर तैयार नहीं हो सकता है. इस चीज का उपयोग मोटर और स्टीयरिंग से लेकर ब्रेक, वाइपर और ऑडियो उपकरण तक के सिस्‍टम में किया जाता है. Rare Earth नहीं होने पर वाहनों के उत्‍पादन पर ब्रेक लग सकता है. इतना ही नहीं Rare Earth Elements का यूज स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी, इलेक्ट्रिक वाहन, विंड टरबाइन, सौर पैनल और बैटरी में भी होता है. 

India China Rare Earth

भारत के लिए क्‍यों है संकट? 
अमेरिका से डील हो गई है... ऐसा ट्रंप का दावा है, लेकिन अभी भारत को Rare Earth Elements देने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है. चीन में भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत और चीन के उप विदेश मंत्री सन वेइदोंग के बीच पिछले गुरुवार को इसे लेकर एक बैठक हुई थी. लेकिन वहां से भी कोई अपडेट नहीं आया है. 

चीन ने एक्‍सपोर्ट नियमों (China Export Rules) में बदलाव किया है, जिसके बाद से ही इसका शिपमेंट रुका हुआ है. कंपनियों भी परेशान हैं और कह रहीं हैं कि अगर शिपमेंट जल्‍द शुरू नहीं हुआ तो उत्‍पादन रुक सकता है. बीजिंग ने भारत-बाध्य शिपमेंट के लिए एक नहीं बल्कि दो आवेदनों को ठुकरा दिया है. ऐसे में यह संकट और गहरा हो गया है. हालांकि भारत लगातार चीन से इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश कर रहा है. 

Advertisement

महंगी हो जाएंगी ये चीजें 
अगर ऐसे ही शिपमेंट रुका रहा तो भारत में कई इलेक्‍ट्रॉनिक समान महंगे हो सकते हैं. रेयर अर्थ में शिपमेंट के कारण 8 से 10 फीसदी कीमतें बढ़ सकती हैं. एक्‍सपर्ट्स का अनुमान है कि ₹ 1.6 लाख की कीमत वाला इलेक्ट्रिक स्कूटर ₹8-13,000 तक महंगा हो सकता है. समस्या यह है कि ICE कारों को भी मोटर, ड्राइविंग पावर स्टीयरिंग, विंडस्क्रीन वाइपर आदि के लिए रेयर अर्थ मैग्नेट की आवश्‍यकता होती है. ऐसे में इसकी भी कीमत में इजाफा हो सकता है. 

चीन के जवाब का इंतजार 
हालांकि अभी तक चीन की तरफ से इसे लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है. दुनिया को रेयर अर्थ पर जिनपिंग के बयान का इंतजार है. अगर सच में चीन रेयर अर्थ मैटेरियल की अनुमति देता है तो फिर दुनिया के लिए ये बड़ी राहत होगी और संभव है कि भारत के साथ भी डील हो जाए. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement