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US vs China Tariff: 2 महीने पहले ही जिनपिंग को मिल गई थी टैरिफ की खबर, लेकिन एक जिद... और अब बुरा फंसा चीन!

चीन को लेकर अमेरिका का यह नजरिए करीब दो महीने पहले ही जिनपिंग को बताया गया था. ट्रंप की टीम ने चीनी अधिकारियों से साफ कहा था कि राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग को ट्रंप (Donald Trump) के साथ बातचीत करनी चाहिए. लेकिन चीन ने बार-बार इस तरह के फोन कॉल की व्‍यवस्‍था करने से इनकार कर दिया.

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अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग
अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग

अमेरिका ने चीन से आयात होने वाले प्रोडक्‍ट्स पर 145% टैरिफ लागू किया है, लेकिन इस बात की जानकारी चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) को बहुत पहले ही हो गई थी. अमेरिकी अधिकारियों ने चीनी अधिकारियों से 2 महीने पहले ही इस बात की जानकारी दे दी थी कि अमेरिका चीन पर हैवी टैरिफ (Heavy Tariff on China) लगाने वाला है, लेकिन चीन के एक जिद्द की वहज से अब चीन बुरी तरह फंसा हुआ नजर आ रहा है. 

CNN के रिपोर्ट के अनुसार, चीन को लेकर अमेरिका का यह नजरिए करीब दो महीने पहले ही जिनपिंग को बताया गया था. ट्रंप की टीम ने चीनी अधिकारियों से साफ कहा था कि राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग को ट्रंप (Donald Trump) के साथ बातचीत करनी चाहिए. लेकिन चीन ने बार-बार इस तरह के फोन कॉल की व्‍यवस्‍था करने से इनकार कर दिया. 

बस चीन के इसी जिद की वजह से वह टैरिफ के जाल में फंसा हुआ नजर आ रहा है और अब आलम ये है कि बाकी देशों पर अभी अमेरिका ने टैरिफ लागू नहीं किया है, लेकिन चीन 145% टैरिफ का भुगतान करेगा, जो उसके इकोनॉमी में गहरी चोट देगा. 

चीन के साथ इन चीजों पर बन सकती है बात 
सीएनएन की रिपोर्ट यह भी बताती है कि शी जिनपिंग का रवैया देखकर ऐसा नहीं लगा रहा है कि वह अमेरिका से पहले बातचीत करने वाले हैं, लेकिन अगर बातचीत होती है तो डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) अमेरिका के एक्‍सपोर्ट बढ़ाने और TikTok डील को लेकर बड़ी बार्गेनिंग कर सकते हैं. ताकि अमेरिका को ज्‍यादा फायदा पहुंचे. व्‍हाइट हाउस में बुधवार को ट्रंप ने यह भी कहा था कि चीन डील तो करना चाहतो हैं, लेकिन वह यह नहीं जानता है कि कैसे बातचीत आगे बढ़ाए. 

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चीन को सही मौके का इंतजार
कई महीनों से अमेरिका और चीन के नेता एक-दूसरे के बारे में बात करने से कतरा रहे हैं, जिससे दोनों देशों के प्रस्तावों पर कोई प्रतिक्रिया न मिलने के कारण संबंधों में खटास आ रही है. कामकाजी स्‍तर पर दोनों देशों के बीच अधिकारियों से बातचीत हो रही है, लेकिन बड़े स्‍तर पर बातचीत नहीं हो रही है. चीन अभी एक बेहतर माध्‍यम की तलाश कर रहा है, ताकि अमेरिका से अच्‍छी बातचीत हो सके. 

चीन ने भी लगाया टैरिफ  
अमेरिका द्वारा चीन पर 145 प्रतिशत टैरिफ (145% Tariff on China) लगाया गया है, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका पर 84 फीसदी टैरिफ लगा चुका है. चीन अमेरिका के लिए एक बड़े एक्‍सपोर्टर में से एक है. चीन के सामनों पर टैरिफ लगाने को लेकर ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका में बहुत सी चीजें महंगी हो सकती है. 

अमेरिका को हो सकता है ज्‍यादा नुकसान 
अमेरिका को ज्‍यादा नुकसान की आशंका कई अर्थशास्त्रियों ने जताई है. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अमेरिका ज्‍यादातर चीनी प्रोडक्‍ट्स पर निर्भर है. ऐसे में टैरिफ लगने से चीन से आयात प्रभावित होगा और सप्‍लाई चेन भी बिगड़ सकता है. ऐसे में महंगाई बढ़ने की ज्‍यादा संभावना होगी और अमेरिका को अधिक नुकसान हो सकता है. अमेरिकी उपभोक्ता और कंपनियां आयातित वस्तुओं पर अधिक कीमत चुकाएंगे और अमेरिकी निर्यात पर चीन के जवाबी टैरिफ से अमेरिकी किसानों और व्यवसायों को नुकसान होगा. 

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अमेरिका और चीन के बीच का व्यापार कितना है?
2023 में चीन अमेरिकी वस्तुओं के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक था. यूएस-चीन ट्रेड कॉउसिल के आधार पर अमेरिका ने साल 2023 के दौरान चीन को $145 बिलियन का माल निर्यात किया. 2023 के आंकड़ों के अनुसार, चीन से अमेरिका को होने वाला कुल निर्यात लगभग 500 अरब डॉलर से अधिक का था.

चीन अमेरिका को कई तरह के सामान बेचता है, जिसमें से मुख्‍य तौर पर स्मार्टफोन, कंप्यूटर, टेलीविजन, और अन्य उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक सामान, मशीनरी, कपड़े और ऑटोमोबाइल पार्ट शामिल हैं. 

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