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बिज़नेस न्यूज़

300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को छंटनी की आजादी, अब 60 दिन बाद हड़ताल!

New labour laws
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बुधवार को राज्यसभा में तीन प्रमुख श्रम सुधार विधेयक पास हुए. सरकार का कहना है कि अब नए श्रम कानूनों से देश के संगठित और असंगठित दोनों ही प्रकार के श्रमिकों को कई प्रकार की नई सुविधाएं मिलेंगी. लेकिन इसके साथ ही कर्मचारियों पर इस बदलाव का असर पड़ने वाला है.

Parliament passes Labour Bills
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राज्यसभा ने बुधवार को उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. सरकार ने इस बिल के कई फायदे गिनाए. लोकसभा ने इन तीनों बिलों को मंगलवार को पारित किया था.

labour code bills
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नए कानून के मुताबिक अब सभी मजदूरों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा और उनके वेतन का डिजिटल भुगतान करना होगा. यानी बैंक खातों में पैसे डालने होंगे. साथ ही साल में एक बार सभी कर्मचारियों का हेल्थ चेकअप भी अनिवार्य किया गया है.

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कानून में बदलाव
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कानून में बदलाव का असर कर्मचारियों पर पड़ने वाला है, क्योंकि अब जिन कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या 300 से कम है, वे बिना सरकारी इजाजत की कर्मचारियों की छंटनी कर सकेंगी. अब तक ये नियम सिर्फ उन्हीं कंपनियों के लिए था, जिसमें 100 से कम कर्मचारी थे. 

बनेगा कारोबारी माहौल
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श्रम मंत्री संतोष गंगवार की मानें तो श्रम सुधारों का मकसद बदले हुए कारोबारी माहौल के अनुकूल पारदर्शी सिस्टम तैयार करना है. उन्होंने संसद में कहा कि 300 तक कर्मचारियों वाली कंपनियां अब कर्मचारियों को रखने और हटाने पर खुद फैसला ले सकेंगी. छंटनी या शटडाउन की इजाजत उन्हीं कंपनियों को दी जाएगी, जिनके कर्मचारियों की संख्या पिछले 12 महीने में हर रोज औसतन 300 से कम रही हो.

राज्यों में पहले से कानून
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केद्रीय मंत्री ने संसद में कहा कि 16 राज्यों ने पहले ही अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की बगैर इजाजत फर्म को बंद करने और कर्मचारियों की छंटनी करने की इजाजत दे दी है. 

नए रोजगार पैदा होंगे
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सरकार की मानें तो रोजगार सृजन 300 तक कर्मचारियों की सीमा जरूरी है. अब कंपनियां बेहिचक कर्मचारियों की संख्या बढ़ा पाएंगी. पहले 100 तक सीमा होने की वजह से नियोक्ता अधिक कर्मचारियों की भर्ती से कतराने लगते थे.

हड़ताल अब आसान नहीं
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इसके अलावा नए विधेयक के मुताबिक किसी भी संगठन में काम करने वाला कोई भी कामगार बिना 60 दिन पहले नोटिस दिए हड़ताल पर नहीं जा सकता, फिलहाल ये अवधि छह हफ्ते की है.
 

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