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'बंगले के अंदर मेरे कपड़े फाड़े गए, न्यूड करके पीटा गया और वो मूकदर्शक...,' करीबी सहयोगी का तेज प्रताप पर गंभीर आरोप

तेज प्रताप यादव के सहयोगी सौरभ उर्फ़ अविनाश ने आरोप लगाया कि उन्हें 26 नंबर आवास के अंदर बुलाकर 20–30 गुंडों से पिटवाया गया, कपड़े उतरवाकर आपत्तिजनक वीडियो बनाया गया. तेज प्रताप की ओर से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

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तेज प्रताप यादव के समर्थक सौरभ ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. (Photo: Screengrab)
तेज प्रताप यादव के समर्थक सौरभ ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. (Photo: Screengrab)

जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) प्रमुख और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर विवादों में हैं. उनके करीबी सहयोगी और ‘हनुमान’ कहे जाने वाले सौरभ उर्फ़ अविनाश ने एक वीडियो जारी कर गंभीर आरोप लगाए हैं. 

सौरभ का दावा है कि उन्हें तेज प्रताप के 26 नंबर सरकारी आवास के भीतर बुलाकर 20–30 गुंडों से पिटवाया गया, कपड़े उतरवाए गए और उनका आपत्तिजनक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया.

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में सौरभ भावुक होकर कहते दिखते हैं कि उन्होंने तेज प्रताप के लिए दिन-रात मेहनत की, चुनाव में प्रचार किया, पर बदले में उन्हें ‘फटी हुई बंडी’ और अपमान मिला. उनका आरोप है कि तेज प्रताप के आवास पर मौजूद लोग मूकदर्शक बने रहे और उनका फोन रात नौ बजे से डेढ़ बजे तक जब्त रखा गया.

तेजप्रताप पर गंभीर आरोप

सौरभ ने बताया कि रविवार को वह खान सर के यहां रिसेप्शन में गए थे जहां तेज प्रताप ने उनका मोबाइल छीन लिया. बाद में उन्हें अपने 26 नंबर आवास (तेज प्रताप के बंगले) पर बुलाया गया. आरोप है कि वहां सहयोगियों ने उन्हें अलग कर मारपीट की और जबरन सुबोध राय व सत्येंद्र राय को गाली देने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने मना किया तो और बुरी तरह पीटा गया.

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यह भी पढ़ें: राबड़ी देवी के बाद अब तेज प्रताप यादव को भी सरकारी आवास खाली करने का आदेश

सौरभ ने कहा कि उनकी गाड़ी के टायर भी पंक्चर कर दिए गए. उन्होंने कहा, 'हम इस पर कानूनी कार्रवाई करने का काम करेंगे बहुत ही घटिया आज पता चल गया कि तेज प्रताप यादव ने इस तरीके का मानसिकता अपनाया और अपने कार्यकर्ताओं को इस कदर बर्बाद करने का काम किया है.'

वीडियो वायरल होने के बाद राजनीति में हलचल तेज है, हालांकि तेज प्रताप यादव की तरफ़ से अभी तक किसी तरह की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. यह मामला जेजेडी की आंतरिक राजनीति, तेज प्रताप की शैली और उनके सहयोगियों के साथ व्यवहार पर कई गंभीर सवाल खड़ा करता है.
 

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