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हिजाब को लेकर चर्चा में आईं नुसरत परवीन ने अब तक जॉइन नहीं की ड्यूटी, नौकरी पर सस्पेंस बरकरार

बिहार में हिजाब को लेकर चर्चा में आईं महिला डॉक्टर ने अब तक अपनी ड्यूटी जॉइन नहीं की है, जिससे मामला और चर्चा में आ गया है. दरअसल, एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला डॉक्टर से नकाब हटाने के लिए कहा था, जिसके बाद सियासी विवाद खड़ा हो गया.

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सीएम नीतीश कुमार के महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. (File Photo: PTI)
सीएम नीतीश कुमार के महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. (File Photo: PTI)

बिहार में हिजाब को लेकर चर्चा में आईं आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन ने अब तक अपनी ड्यूटी जॉइन नहीं की है. अधिकारियों के मुताबिक शनिवार शाम तक उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया, जबकि जॉइनिंग की समय-सीमा को विशेष मामले में आगे बढ़ाया गया है.

दरअसल, सोमवार को पटना स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिस्सा लिया था और चयनित आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे थे. इस दौरान जब महिला डॉक्टर नुसरत परवीन नियुक्ति पत्र लेने मंच पर पहुंचीं तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें नकाब पहने देखा तो पूछा कि यह क्या है? इसके बाद उन्होंने नकाब हटा दिया. इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसके बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया. 

नुसरत परवीन ने अब तक जॉइन नहीं की ड्यूटी

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पटना के सिविल सर्जन अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि नुसरत परवीन ने शनिवार शाम 7 बजे तक ड्यूटी जॉइन नहीं की. उन्होंने बताया कि जानकारी मिली है कि जॉइनिंग की अंतिम तारीख 20 दिसंबर के बाद बढ़ा दी गई है. अब यह देखना होगा कि नुसरत परवीन सोमवार को ड्यूटी जॉइन करती हैं या नहीं. हालांकि सिविल सर्जन ने नई डेडलाइन स्पष्ट नहीं की.

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सिविल सर्जन अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि महिला डॉक्टर के ड्यूटी जॉइन ना करने के पीछे की वजह की सटीक जानकारी नहीं मिली है, क्योंकि उनका ना तो डॉक्टर से और ना ही उनके परिवार के सदस्यों से संपर्क हुआ है.

पटना सदर के सबलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात सर्जन विजय कुमार ने भी पुष्टि की कि नुसरत परवीन ने अब तक ड्यूटी जॉइन नहीं की है. उन्होंने बताया कि शनिवार को करीब पांच से छह लोगों ने ड्यूटी जॉइन की, लेकिन नुसरत परवीन उनमें शामिल नहीं थीं. हालांकि उनका नाम सूची में है, लेकिन सिविल सर्जन कार्यालय से अब तक उनका नियुक्ति पत्र PHC को प्राप्त नहीं हुआ है.

विजय कुमार ने बताया कि तय प्रोटोकॉल के अनुसार उम्मीदवारों को पहले पटना स्थित सिविल सर्जन कार्यालय में रिपोर्ट करना होता है और उसके बाद संबंधित कार्यस्थल पर ड्यूटी जॉइन करनी होती है.

राज्यपाल ने क्या कहा था...

इस बीच, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का बयान आया. उन्होंने कहा कि इस मामले में 'विवाद' शब्द सुनकर पीड़ा होती है. उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी पिता और बेटी के बीच भी कोई विवाद हो सकता है. पटना में पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि आप लोगों ने इस मुद्दे को क्या बना दिया है. यह व्यक्ति यानी नीतीश कुमार छात्राओं को अपनी बेटियों की तरह मानते हैं.

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इससे पहले दिन में गवर्नमेंट तिब्बी कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GTCH) के प्रिंसिपल महफूजुर रहमान ने संकेत दिया था कि इस 'विशेष मामले' में जॉइनिंग की समय-सीमा शनिवार से आगे बढ़ाई गई है. उन्होंने कहा कि नुसरत परवीन ने अभी तक ड्यूटी जॉइन नहीं की है और उनके आगे के कदम को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है.

प्रिंसिपल महफूजुर रहमान ने बताया कि नुसरत परवीन के परिवार ने मीडिया कवरेज से बचने की इच्छा जताई है और कहा है कि महिला डॉक्टर इस बात पर दोबारा विचार करेंगी कि उन्हें ड्यूटी जॉइन करनी है या नहीं. उन्होंने उन खबरों को भी खारिज किया, जिनमें दावा किया गया था कि नाराजगी के चलते परिवार कोलकाता चला गया है. प्रिंसिपल ने कहा कि परिवार ने खुद ऐसी खबरों को झूठा बताया है.

नुसरत के पास दो विकल्प...

महफूजुर रहमान ने कहा कि परिवार किसी से नाराज नहीं है. उन्होंने यह भी दावा किया कि परिवार मीडिया द्वारा खड़े किए गए विवाद से निराश है. प्रिंसिपल के मुताबिक नुसरत परवीन ने आखिरी बार 17 या 18 दिसंबर को कॉलेज में उपस्थिति दर्ज कराई थी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नुसरत परवीन के पास दो विकल्प हैं, या तो वे ड्यूटी जॉइन करें या फिर उच्च शिक्षा हासिल करने का रास्ता चुनें.

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