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मांझी पहले से नाराज, अब समधन भी बोलीं- मुझे मंत्री बनने का मिले मौका, कुर्सी से चुंबक की तरह चिपके हैं ये JDU के 3 नेता

Bihar News: ज्योति देवी ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के ऊपर भी बड़ा हमला बोला और सवाल पूछा कि आखिर क्यों बिजेंद्र यादव, विजय चौधरी और श्रवण कुमार जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेता हर बार मंत्री बनते हैं और क्यों नहीं नए लोगों को मंत्री बनने का मौका दिया जाता है ?

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जीतन राम मांझी की समधन ज्योति देवी विधायक हैं.
जीतन राम मांझी की समधन ज्योति देवी विधायक हैं.

Bihar News: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की समधन और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की विधायक ज्योति देवी का कहना है कि वह भी बिहार सरकार में मंत्री बनने की इच्छुक हैं. ज्योति देवी ने बिहार में गठित नई सरकार में एक भी महिला मंत्री नहीं होने को लेकर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें मंत्री बनाएंगे तो वह जरूर मंत्री के तौर पर काम करेंगी.

aajtak से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए ज्योति देवी ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के ऊपर भी बड़ा हमला बोला और सवाल पूछा कि आखिर क्यों बिजेंदर यादव, विजय चौधरी और श्रवण कुमार जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेता हर बार मंत्री बनते हैं और क्यों नहीं नए लोगों को मंत्री बनने का मौका दिया जाता है ?

बाराचट्टी विधायक ज्योति देवी ने कहा, "श्रवण कुमार, विजय चौधरी और बिजेंदर यादव जैसे नेता इतने सालों से चुंबक की तरह मंत्री पद से चिपके हुए हैं और नए लोगों को मौका नहीं दिया जा रहा है जो कि तीन बार या चार बार चुन कर आए हैं. यही लोग मंत्री बने रहेंगे तो नए नेता कब सीखेंगे ?

क्या जीतन राम मांझी बहुमत परीक्षण से पहले पलट सकते हैं?

हालांकि, ज्योति देवी ने दावा किया कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को लेकर जो सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या जीतन राम मांझी बहुमत परीक्षण से पहले पलट सकते हैं, ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है. ज्योति देवी ने कहा कि विपक्ष के तरफ से जीतन मांझी को मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर था मगर वह एनडीए के साथ ही बने रहेंगे.

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RJD का क्या भरोसा? 

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की विधायक ने आगे कहा, ''आरजेडी का क्या भरोसा, हमको मुख्यमंत्री का ऑफर देकर दो-चार महीने के बाद भगा सकता है. इसकी कौन गारंटी लेगा? तेजस्वी यादव भी ऑफर लेकर उपमुख्यमंत्री बन गए थे, सभी मलाईदार विभाग जैसे पथ निर्माण और ग्रामीण विकास विभाग उन्हीं के पास थे. इसके बावजूद भी वह सट कर नहीं रहे. क्या भरोसा कि मुख्यमंत्री का ऑफर देकर मांझी जी को मुख्यमंत्री बना दें और 3 महीना के बाद लात मार के भगा दे.''

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