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CM नीतीश के मुरीद हुए ओवैसी के विधायक, क्या बिहार में फिर AIMIM के साथ होगा 'खेला'?

बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के विधायक मुर्शीद आलम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना राजनीतिक गुरु बताया है. इतना ही नहीं, उन्होंने नीतीश की जमकर तारीफ की. सवाल उठता है कि ओवैसी के साथ बिहार में फिर खेला तो नहीं होने जा रहा है?

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ओवैसी के विधायक मुर्शीद आलम सीएम नीतीश कुमार के मुरीद (Photo-ANI)
ओवैसी के विधायक मुर्शीद आलम सीएम नीतीश कुमार के मुरीद (Photo-ANI)

बिहार की सियासत में असदुद्दीन ओवैसी ने दोबारा से पांच सीटें जीतकर अपना लोहा मनवाया, लेकिन अब उनकी ही पार्टी के विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करने लगे हैं. AIMIM के नवनिर्वाचित पांचों विधायकों में से तीन विधायकों ने सोमवार को पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. इसके बाद ओवैसी के विधायक मो. मुर्शीद आलम ने नीतीश कुमार को अपना राजनीतिक गुरु बताया. सवाल उठने लगे हैं कि क्या फिर AIMIM के साथ सियासी खेला होगा?

सीमांचल की जोकीहाट सीट से AIMIM के टिकट पर विधायक बने मुर्शीद आलम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर दो बड़ी मांग उनके सामने रखी. इसमें जोकीहाट में दो नए महाविद्यालय और जोकीहाट में एक अतिरिक्त ब्लॉक (अंचल) की स्वीकृति की मांग की गई. इसके साथ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेरे सियासी गुरु हैं और मुझे सियासत में लाने वाले नीतीश कुमार हैं, उनके योगदान को कभी नहीं भूल सकता हूं.

ओवैसी के MLA के गुरु हैं नीतीश कुमार

असदुद्दीन ओवैसी के विधायक मुर्शीद आलम ने अपना राजनीतिक गुरु नीतीश कुमार बताते हुए जमकर तारीफ की. यही नहीं, मुर्शीद आलम ने कहा कि वो दूसरे दल से जरूर हैं, लेकिन नीतीश कुमार के एहसान को कभी नहीं भूल सकते हैं.

उन्होंने कहा कि 2014 में मुझे नीतीश कुमार ने जेडीयू में शामिल कराया था. अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिला हूं. इतना ही नहीं, अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए जिस तरह से मुर्शीद आलम ने नीतीश कुमार के सामने डिमांड रखी है और उनकी शान में कसीदे गढ़े हैं, उसके चलते सियासी कयास लगाए जाने लगे हैं.

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मुलाकात के निकाले जा रहे सियासी अर्थ

हालांकि, AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरउल ईमान ने कहा कि उनकी और उनके विधायकों की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हुई मुलाकात का कोई और मायने नहीं निकाला जाए. उन्होंने मुख्यमंत्री से सीमांचल के मुद्दे पर मिलने गए थे. इसीलिए कोई सियासी अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए, लेकिन जिस तरह से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार की तारीफ ओवैसी के विधायक कर रहे हैं, उसके राजनीतिक मायने तलाशे जा रहे हैं. मुर्शीद आलम ही नहीं, अख्तरुल ईमान भी जेडीयू से AIMIM में आए हैं.

क्या फिर AIMIM के साथ होगा 'खेला'?

बता दें कि 2020 में ओवैसी के पांच विधायक बिहार चुनाव में जीतकर आए थे, जिनमें से चार विधायकों ने AIMIM को छोड़कर आरजेडी का दामन थाम लिया था. इस बार भी उन्हीं पांचों सीटों पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM जीतने में सफल रही है. बायसी सीट से गुलाम सर्वर, अमौर से अख्तरुल ईमान, जोकीहाट से मोहम्मद मुर्शीद आलम, कोचाधामन से सरवर आलम और बहादुरगंज से मोहम्मद तौसीफ आलम चुने गए हैं. ये पांचों विधायक बिहार के मुस्लिम बहुल सीमांचल से जीते हैं.

जेडीयू क्या सबसे बड़ी पार्टी बनेगी? 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 85 सीटें जीतकर विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से दूसरे नंबर पर है. 89 सीटों के साथ सहयोगी बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. ऐसे में चर्चा है कि क्या AIMIM के विधायकों को जेडीयू में शामिल कराकर जेडीयू अपने कुनबे को सबसे बड़ा बना सकती है?

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बिहार के राजनीति में AIMIM विधायक मुर्शीद आलम की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर की गई तारीफ कई संभावनाओं को हवा दे दी है. इसके अलावा, अख्तरुल ईमान ने भी जिस तरह नीतीश कुमार के साथ अपनी सियासी नजदीकियां बढ़ा रहे हैं, उसके चलते ही सवाल उठने लगा है कि बिहार में क्या फिर ओवैसी के साथ सियासी खेला होगा?

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