ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) हैदराबाद में स्थित एक राजनीतिक दल है. AIMIM की स्थापना मूल रूप से मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (MIM) के रूप में 1927 में हैदराबाद राज्य के नवाब महमूद नवाज खान किलेदार द्वारा उलमा-ए-मशाइकीन की उपस्थिति में एक विभाजन समर्थक पार्टी के रूप में की गई थी. पार्टी की पहली बैठक 12 नवंबर 1927 को नवाज खान के घर पर हुई थी.
यह राज्य तेलंगाना, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और बिहार में भी एक महत्वपूर्ण राजनीतिक दल है. AIMIM ने 1984 से हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र की लोकसभा सीट पर कब्जा कर रखा है. 2014 के तेलंगाना विधान सभा चुनावों में, पार्टी ने सात सीटें जीतीं और भारत के चुनाव आयोग द्वारा 'राज्य पार्टी' के रूप में मान्यता प्राप्त की.
पुराने हैदराबाद से परे दूसरे राज्यों में इसकी बहुत कम उपस्थिति थी. हालांकि, हाल के वर्षों में, इसका अन्य राज्यों में विस्तार होना शुरू हुआ है. अब इसकी महाराष्ट्र में महत्वपूर्ण उपस्थिति है. इम्तियाज जलील ने औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की और कई सदस्य विधान सभा के लिए चुने गए. AIMIM ने 2020 में पांच विधान सभा सीटें जीतकर बिहार में भी अपनी पैठ बना ली है.
पार्टी के कई सदस्यों पर हिंसा भड़काने, भय फैलाने और नफरत फैलाने वाले भाषण देने का आरोप लगा जाता रहा है.
बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के विधायक मुर्शीद आलम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना राजनीतिक गुरु बताया है. इतना ही नहीं, उन्होंने नीतीश की जमकर तारीफ की. सवाल उठता है कि ओवैसी के साथ बिहार में फिर खेला तो नहीं होने जा रहा है?
बिहार विधानसभा में AIMIM के सभी पांच विधायक ने सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी से मिले. उन्होंने सीमांचल क्षेत्र में विकास, सड़क, शिक्षा और बेसिक सुविधाओं को प्राथमिकता देने की मांग रखी.
पश्चिम बंगाल के निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा AIMIM से गठबंधन के दावे पर पार्टी ने कड़ा रुख अपनाया है. AIMIM प्रवक्ता असीम वकार ने स्पष्ट कहा कि ओवैसी किसी "तोड़ने की मानसिकता" वाले व्यक्ति के साथ नहीं जाएंगे. बाबरी मस्जिद जैसे ढांचे के शिलान्यास और कबीर की राजनीतिक सक्रियता ने मुर्शिदाबाद में तनाव और बढ़ा दिया है.
मौलाना महमूद मदनी और उससे पहले मौलाना अरशद मदनी ने बयान देकर सियासी भूचाल ला दिया है. बिहार चुनाव के बाद मौलाना मदनी के बयान को असदुद्दीन ओवैसी के बढ़ते सियासी कद से जोड़कर देखा जा रहा है. ऐसे में मुस्लिम कयादत या फिर इमेज बिल्डिंग का सवाल है.
बिहार चुनाव के नतीजों पर AIMIM नेता शोएब जमई ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होनें कहा कि महागठबंधन के साथियों के साथ सहानुभूति है. सहनी जी ने पूरा कुर्ता पजामा तैयार करवा लिया. जब जमई से NDA की जीत पर सवाल पूछा गया तो उन्होनें कहा कि वह बहुत दुखी थे दो दिन कुछ खाया पिया नहीं.'
तेलंगाना के जुबली हिल्स उपचुनाव में AIMIM का सपोर्ट लेने में कामयाब रही कांग्रेस ने जीत का स्वाद चखा है. इस सीट पर कांग्रेस के नवीन यादव ने BRS के हैट्रिक को खत्म करते हुए लंबे समय बाद कांग्रेस का खाता खोला है. यही वही सीट है जहां से पिछली बार अजहरुद्दीन चुनाव लड़े थे.
AIMIM इस बार बिहार में सबसे ज्यादा मुस्लिम विधायकों विधानसभा भेज रही है. ऐसा तब हुआ है जब कांग्रेस और RJD ओवैसी की पार्टी को बीजेपी की B टीम बता रहे थे. लेकिन सीमांचल के मतदाताओं ने इन आलोचनाओं की परवाह न करते हुए AIMIM को वोट देने का रिस्क उठाया. क्योंकि ओवैसी उनकी आकांक्षाओं पर सटीक उतर रहे हैं.
बिहार चुनाव में एआईएमआईएम को पांच सीटों पर जीत मिली है. जोकीहाट, बहादुरगंज, कोचाधामन, अमौर, बायसी में ओवैसी की पार्टी को जीत मिली. गौरतलब है कि यह पार्टी सीमांचल क्षेत्र में खास प्रभाव रखती है जहां मुस्लिम आबादी अधिक है. AIMIM ने इस चुनाव में 243 में से 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. उसे कुल 5 सीटों पर जीत मिली.
बिहार विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल सीटों पर प्रशांत किशोर और असदुद्दीन ओवैसी ने जो रणनीति अपनाई है, यूपी में मायावती के ऐसा ही करने पर उनके विरोधी बीजेपी का मददगार बनने का आरोप लगते रहे हैं. अगर बिहार में भी मुस्लिम वोटों के बंटवारे का फायदा एनडीए को मिला, तो जाहिर है कि महागठबंधन वाले पीके और ओवैसी को कोसेंगे ही.
बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक बयानबाजी निचले स्तर पर पहुंच गई है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के नेता तौसीफ आलम ने तेजस्वी यादव पर सीधा और हिंसक हमला बोला है. किशनगंज में एक रैली के दौरान तौसीफ आलम ने तेजस्वी यादव को धमकी देते हुए कहा, 'अगर आंख से देखोगे तो आंख निकाल लेंगे.'
बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है, जिसमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के पार्टी के उम्मीदवार तौसीफ आलम ने RJD नेता तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है. किशनगंज में एक रैली के दौरान आलम ने तेजस्वी को धमकी देते हुए कहा, 'अगर आंख से देखोगे तो आंख निकाल लेंगे, ऊंगली दिखाओगे तो ऊंगली काट देंगे, जवान संभाल करके नहीं बोलोगे तो जवान काट देंगे.'
बिहार विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने अपने 25 उम्मीदवार उतारे हैं. इस बार सीमांचल के साथ-साथ बिहार के दूसरे इलाके की सीटों पर भी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन इस बार ओवैसी की सियासी चाल बदली हुई है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या 2020 की तरह जीत दर्ज कर पाएंगे?
AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार चुनाव को लेकर बताया कि AIMIM ने बिहार में गठबंधन के लिए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सीपीआई (ML) और सीपीआई के नेताओं को पत्र लिखा था. ओवैसी ने कहा कि पार्टी ने तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर छह विधानसभा सीटें मांगी थीं, ताकि बिहार में सरकार बनाई जा सके. जब उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया.
साल 2020 में AIMIM की सफलता मुख्य रूप से सीमांचल बेल्ट (अररिया, किशनगंज, कटिहार, और पूर्णिया) तक सीमित थी. लेकिन इस बार ओवैसी नए मैदानों में किस्मत आजमा रहे हैं. उनकी यह रणनीति 'केवल मुस्लिम' टैग को हटाकर AIMIM की अपील को धार्मिक रेखाओं से परे ले जाने की है.
बिहार चुनाव से पहले AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने घोषणा की है कि बड़े घटक दलों द्वारा नजरअंदाज किए जाने के बाद पार्टी बिहार में एक तीसरा गठबंधन बनाएगी. अख्तरुल ईमान ने कहा कि बड़े घटक दलों ने हमें इसका अवसर न दिया, जिसके नतीजे में मुझे तीसरा गठबंधन बनाना पड़ रहा है.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें 32 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम हैं. इस सूची में सबसे खास बात सीमांचल क्षेत्र की 14 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान है, जिसे ओवैसी का गढ़ माना जाता है. ओवैसी ने कहा कि 'AIMIM अब सिर्फ सीमांचल नहीं, पूरे बिहार में विकल्प बनकर उभरेगी'.
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM बिहार विधानसभा चुनाव में लगभग 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी, जो पिछली बार की तुलना में पांच गुना अधिक है. AIMIM बिहार में तीसरा विकल्प बनने की रणनीति पर काम कर रही है. इसी क्रम में आज पार्टी ने एक लिस्ट जारी कर बताया कि वह किन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.
अहिल्यानगर में 'I Love Mohammad' विवाद के बाद आज असादुद्दीन ओवैसी की इलाके में जनसभा है. सोमवार को हुए प्रोटेस्ट को देखते हुए पुलिस ने शर्तों के साथ सभा की अनुमति दी है.
हल्ला बोल में बिहार चुनाव और राज्य के विकास मॉडल पर गहन चर्चा हुई. इस बहस में एनडीए और महागठबंधन के पारंपरिक मुकाबले से इतर छोटे दलों की भूमिका पर विशेष ध्यान दिया गया. क्या जन सुराज पार्टी, ओवैसी की एआईएमआईएम और चिराग पासवान की एलजेपी जैसे दल आगामी बिहार चुनाव में महत्वपूर्ण फैक्टर बन सकते हैं. देखें हल्ला बोल.
इम्तियाज जलील ने कहा कि मैंने चिकन बिरयानी और एक वेजिटेरियन डिश बनाई है. अगर नगर आयुक्त आएंगे और शाकाहारी खाना मांगेंगे तो मैं दूंगा. लेकिन सरकार यह तय नहीं कर सकती कि हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीट बैन का फैसला स्वतंत्रता दिवस के दिन लिया गया.
मालेगांव बम धमाके से जुड़ा फैसला आने के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "क्या महाराष्ट्र सरकार और मोदी सरकार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी? या फिर वे आतंकवाद पर अपना पाखंड जारी रखेंगे. धमाके के 17 साल बाद आरोपियों का बरी होना चांज पर गंभीर सवाल खड़े करता है."