मालदा में राहत शिविर के बाहर अफरा-तफरी, हिंसा पीड़ितों से मिले गवर्नर, बोले- जल्द होगी ठोस कार्रवाई

राज्यपाल बोस ने कहा कि मैंने शिविर में रह रहे परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. मैंने उनसे विस्तृत चर्चा की. मैंने उनकी शिकायतें सुनीं और उनकी भावनाओं को समझा. उन्होंने मुझे यह भी बताया कि वे क्या चाहते हैं, निश्चित रूप से, सक्रिय कार्रवाई की जाएगी. 

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मालदा में हिंसा पीड़ितों से मिले राज्यपाल सीवी आनंद बोस (फोटो- ANI) मालदा में हिंसा पीड़ितों से मिले राज्यपाल सीवी आनंद बोस (फोटो- ANI)

अनुपम मिश्रा / सूर्याग्नि रॉय / इंद्रजीत कुंडू

  • कोलकाता,
  • 18 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 8:38 PM IST

पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस शुक्रवार को मालदा पहुंचे. यहां उन्होंने राहत शिविर में जाकर हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की. राज्यपाल के राहत शिविर में पहुंचते ही अफरा-तफरी मच गई. संभवतः हिंसा पीड़ितों की मदद कर रहे स्थानीय लोग राज्यपाल से मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिससे अफरा-तफरी मच गई.

वहीं, राज्यपाल बोस ने कहा कि मैंने शिविर में रह रहे परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. मैंने उनसे विस्तृत चर्चा की. मैंने उनकी शिकायतें सुनीं और उनकी भावनाओं को समझा. उन्होंने मुझे यह भी बताया कि वे क्या चाहते हैं, निश्चित रूप से, सक्रिय कार्रवाई की जाएगी. राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं ने बताया कि उन्हें धमकाया गया, बदमाश उनके घरों में घुस आए और उनके साथ मारपीट की गई. अपशब्दों का प्रयोग किया गया.

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दरअसल, वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 11 अप्रैल को हुई हिंसा के बाद कई हिंदू परिवार पलायन कर मालदा में शरण लिए हुए हैं. हालांकि सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल से वहां ना जाने की अपील की थी, लेकिन अपने कर्तव्य का हवाला देकर राज्यपाल ने मालदा दौरा रद्द नहीं किया. 

राज्यपाल ने कहा था कि वो हालात का जायजा लेकर और पीड़ित परिवारों से बात करके केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर खत्म होना चाहिए, तभी शांति और सौहार्द स्थापित हो सकता है.

बता दें कि सीएम ममता ने बुधवार को राज्यपाल सीवी आनंद बोस से अपील की थी कि वे मुर्शिदाबाद जिले का दौरा कुछ समय के लिए टाल दें. सीएम ने कहा था कि मैं राज्यपाल से अपील करूंगी कि वे कुछ और दिनों का इंतजार करें, क्योंकि विश्वास बहाली के उपाय किए जा रहे हैं. स्थिति सामान्य हो रही है. 

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राज्यपाल के मालदा दौरे से पहले बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रमुख सुकांत मजूमदार ने गुरुवार (17 अप्रैल) को मुर्शिदाबाद दंगों में बेघर हुए लोगों के एक समूह को राजभवन ले जाकर गवर्नर से मुलाकात करवाई थी. इन पीड़ितों ने राज्यपाल को अपनी दुखद गाथा सुनाई.

पीड़ितों से मिलूंगा, केंद्र को दूंगा सिफारिशेंः राज्यपाल 

राज्यपाल बोस शुक्रवार सुबह ट्रेन से मालदा रवाना हुए थे. उन्होंने कहा था कि मैं हालात का जायज़ा लेने, पीड़ितों से मिलने और केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपने जा रहा हूं. मैं अस्पतालों, पीड़ितों के घरों और राहत शिविरों का दौरा करूंगा. उन्होंने यह भी कहा कि मालदा के बाद वे मुर्शिदाबाद भी जाएंगे.

NHRC और NCW की टीम भी पहुंची मालदा

वहीं, मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की टीमों ने भी मालदा में राहत शिविरों का दौरा किया. NHRC की टीम ने मालदा स्थित पर लालपुर हाईस्कूल में बनाए गए राहत शिविर का दौरा किया, जहां सैकड़ों विस्थापित लोग शरण लिए हुए हैं. ये लोग 11-12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सूती, धूलियन और जंगीपुर जैसे मुस्लिम-बहुल इलाकों में फैली हिंसा के बाद यहां पहुंचे थे. NHRC ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वतः संज्ञान लिया है और तीन हफ्तों में विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है. इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 274 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं.

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पीड़ित महिलाओं से मिलकर रिपोर्ट देंगेः महिला आयोग 

पीटीआई के मुताबिक राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि हमें शिकायतें मिली हैं कि राहत शिविरों में महिलाओं के साथ उचित व्यवहार नहीं हो रहा, हम पीड़ित महिलाओं से मिलकर स्थिति का आकलन करेंगे और रिपोर्ट देंगे. उन्होंने कहा कि हम उनकी सुरक्षा के लिए तब तक काम करेंगे जब तक उन्हें सिक्योरिटी नहीं मिल जाती. हम इन सभी महिलाओं के लिए बहुत चिंतित हैं, और हम चाहते हैं कि उन्हें उचित आश्रय मिले. हम पीड़ित महिलाओं से बात करेंगे, हम उनके साथ चर्चा करेंगे.

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