भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने Axiom Mission 4 (Ax-4) के लिए नई लॉन्च तारीख की घोषणा की है. यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि यह इन देशों के पहले अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक ले जाएगा. @Axiom_Space ने @NASA और @SpaceX के साथ मिलकर 22 जून 2025 को अगली संभावित लॉन्च तारीख तय की है.
Axiom-4 मिशन क्या है?
Axiom Mission 4 एक निजी अंतरिक्ष मिशन है, जो Axiom Space, NASA और SpaceX के सहयोग से संचालित हो रहा है. यह मिशन SpaceX की Falcon 9 रॉकेट और Crew Dragon अंतरिक्ष यान के जरिए चार अंतरिक्ष यात्रियों को ISS तक ले जाएगा. इस मिशन में भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला शामिल हैं, जो ISRO की ओर से पायलट की भूमिका निभाएंगे.
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उनके साथ पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी होंगे. मिशन की अवधि 14 दिन होगी, जिसमें अंतरिक्ष यात्री ISS पर रहकर वैज्ञानिक प्रयोग, अनुसंधान और जन-जागरूकता गतिविधियां करेंगे. यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ISRO को भविष्य के मिशनों के लिए अनुभव प्रदान करेगा.
क्यों हुई लॉन्च में देरी?
Axiom-4 मिशन की शुरुआत पहले 29 मई 2025 के लिए निर्धारित थी, लेकिन कई तकनीकी और पर्यावरणीय कारणों से इसे कई बार स्थगित करना पड़ा. प्रमुख कारणों में शामिल हैं...
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इन सभी मुद्दों को हल करने के लिए ISRO, पोलैंड और हंगरी की टीमें Axiom Space, NASA और SpaceX के साथ मिलकर काम कर रही हैं.
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22 जून 2025: नई लॉन्च तारीख
Axiom Space ने सभी तैयारियों का मूल्यांकन करने के बाद 22 जून 2025 को अगली संभावित लॉन्च तारीख घोषित की है। यह तारीख निम्नलिखित मापदंडों पर आधारित है...
लॉन्च NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से होगा. लिफ्टऑफ का समय भारतीय समयानुसार दोपहर 2:23 बजे के आसपास का है.
Axiom-4 का चालक दल
Axiom-4 मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं...
पेगी व्हिट्सन (कमांडर): पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री और Axiom Space की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक. यह उनका दूसरा निजी अंतरिक्ष मिशन होगा.
शुभांशु शुक्ला (पायलट): ISRO के अंतरिक्ष यात्री और भारतीय वायुसेना के पायलट. वह भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री होंगे, जो ISS पर जाएंगे.
स्लावोश उज़नांस्की-विस्निव्स्की (मिशन विशेषज्ञ): यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के पोलिश अंतरिक्ष यात्री. यह पोलैंड का दूसरा अंतरिक्ष मिशन है.
टिबोर कपु (मिशन विशेषज्ञ): हंगरी के HUNOR कार्यक्रम के तहत चुने गए अंतरिक्ष यात्री. यह हंगरी का दूसरा अंतरिक्ष मिशन है.
मिशन के उद्देश्य
Axiom-4 मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री कई वैज्ञानिक प्रयोग और गतिविधियां करेंगे...
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ISRO के प्रयोग: शुभांशु शुक्ला सात प्रयोग करेंगे, जिनमें माइक्रोग्रैविटी में सूक्ष्मजीवों का अध्ययन, मांसपेशियों के पुनर्जनन और अंतरिक्ष में फसलों की वृद्धि शामिल है.
पोलैंड और हंगरी के प्रयोग: इन देशों के अंतरिक्ष यात्री भी अपने वैज्ञानिक अध्ययन करेंगे, जैसे कि माइक्रोग्रैविटी में मानव आवाज और संज्ञानात्मक कार्यों का विश्लेषण.
जन-जागरूकता: हंगरी का SUMIMANT प्रोजेक्ट बच्चों और युवाओं में अंतरिक्ष के प्रति जागरूकता बढ़ाएगा.
कुल मिलाकर, इस मिशन में 31 देशों की 60 वैज्ञानिक गतिविधियां शामिल हैं, जो इसे अब तक का सबसे बड़ा Axiom मिशन बनाती हैं.
भारत के लिए महत्व
Axiom-4 मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक मील का पत्थर है. यह मिशन न केवल ISRO की तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करता है, बल्कि गगनयान मिशन की तैयारियों को भी मजबूत करता है. गगनयान भारत का पहला स्वतंत्र मानव अंतरिक्ष मिशन होगा, जो 2026 में तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किलोमीटर की कक्षा में ले जाएगा.
शुभांशु शुक्ला का ISS पर अनुभव ISRO को भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (Bharatiya Antariksh Station) बनाने में मदद करेगा. यह मिशन भारत की आत्मनिर्भरता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी दर्शाता है.
आजतक साइंस डेस्क