केंद्रीय मंत्री रिजिजू और ओवैसी में तगड़ी बहस, अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं को लेकर X पर भिड़े

दोनों नेताओं में विवाद का केंद्र रहा प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप और मौलाना आज़ाद नेशनल फैलोशिप योजना, जिनकी सीमाओं और बंद होने को लेकर दोनों नेताओं ने आलोचना और जवाबी बयान जारी किए. ओवैसी ने आलोचना करते हुए कहा कि NDA सरकार ने स्कॉलरशिप को केवल कक्षा 9 और 10 तक सीमित कर दिया है, जबकि मुस्लिम छात्रों के बीच ड्रॉपआउट की समस्या कक्षा 5 से ही शुरू हो जाती है.

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ओवैसी ने यह भी दावा किया कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का बजट 2023-24 में घटा (File Photo- ITG) ओवैसी ने यह भी दावा किया कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का बजट 2023-24 में घटा (File Photo- ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अल्पसंख्यक छात्र कल्याण योजनाओं को लेकर भिड़ गए. विवाद का केंद्र रहा प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप और मौलाना आज़ाद नेशनल फैलोशिप योजना, जिनकी सीमाओं और बंद होने को लेकर दोनों नेताओं ने आलोचना और जवाबी बयान जारी किए.

ओवैसी ने आलोचना करते हुए कहा कि NDA सरकार ने स्कॉलरशिप को केवल कक्षा 9 और 10 तक सीमित कर दिया है, जबकि मुस्लिम छात्रों के बीच ड्रॉपआउट की समस्या कक्षा 5 से ही शुरू हो जाती है. इस पर रिजिजू ने जवाब दिया कि प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप केवल कक्षा IX और X तक ही सीमित है क्योंकि राइट टू एजुकेशन (RTE) एक्ट के तहत कक्षा I से VIII तक के छात्रों को मुफ्त और अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा देना अनिवार्य है.

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केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप योजना को बंद कर दिया गया है क्योंकि यह अन्य मंत्रालयों और विभागों की समान योजनाओं से ओवरलैप करती है.

रिजिजू ने कहा, “UGC और CSIR फैलोशिप स्कीम सभी सामाजिक वर्गों और समुदायों के उम्मीदवारों के लिए खुली हैं, जिसमें अल्पसंख्यक भी शामिल हैं. PMJVK और PM VIKAS जैसी योजनाएं अधिकतम समावेशिता और सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए लागू की जा रही हैं.”

हालांकि, ओवैसी ने आरोप लगाया कि RTE एक्ट को प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप को सीमित करने के लिए ‘फिग लीफ’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. उनका कहना है कि प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप का उद्देश्य ड्रॉपआउट दर को कम करना था, जो कक्षा IX-X से कहीं पहले शुरू हो जाती है, और यह अल्पसंख्यक परिवारों पर वित्तीय बोझ को कम करने में मदद करती है.

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ओवैसी ने मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप योजना के बंद होने पर कहा कि यह योजना उच्च शिक्षा और छात्रवृत्ति में अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए बनाई गई थी, क्योंकि अल्पसंख्यक कम प्रतिनिधित्व वाले समूह हैं. उन्होंने कहा कि ओपन कैटेगरी का होना योजना की आवश्यकता को कम नहीं करता.

इसके अलावा, ओवैसी ने यह भी दावा किया कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का बजट 2023-24 में भारी घटा और तब से महंगाई के बावजूद लगभग समान ही बना हुआ है.

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