बारिश से हर तरफ तबाही... मुंबई जलमग्न, केरल में खोले गए रिलीफ कैंप, कर्नाटक में NDRF तैनात, बड़े Updates

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक के लिए रेड अलर्ट जारी किया है क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सामान्य से पहले आने की वजह से इन इलाकों में भारी बारिश हुई.

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मुंबई में बारिश के बाद जलमग्न सड़कें (तस्वीर: AFP) मुंबई में बारिश के बाद जलमग्न सड़कें (तस्वीर: AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2025,
  • अपडेटेड 10:23 AM IST

समय से पहले मॉनसून पिछले कुछ घंटों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में अचानक आई बारिश ने तबाही मचा दी. मुंबई में सोमवार (26 मई) को भारी बारिश और आंधी आई, जिससे आम जन-जीवन पर खास असर पड़ा. शहर के कई हिस्सों में 200 मिमी से ज्यादा बारिश हुई. इसके साथ ही, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक के लिए रेड अलर्ट जारी किया है क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सामान्य से पहले आने की वजह से इन इलाकों में भारी बारिश हुई. 

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26 मई को मुंबई में भारी बारिश के बाद जलमग्न सड़क से गुजरते यात्री (तस्वीर: AFP)

IMD ने 27 मई से विशेष रूप से तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान लगाया है, जिसकी तीव्रता 1 जून तक जारी रहने की उम्मीद है. इसी तरह, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में 27-30 मई तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.

मुंबई में भारी बारिश के दौरान जलमग्न सड़क से एलपीजी सिलेंडर ले जाता एक कर्मचारी (तस्वीर: AP)

बदले मौसम से कई राज्य प्रभावित

26 मई को मुंबई में हुई बारिश ने 19 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. तमिलनाडु में 31 मई तक गरज, बिजली और तेज़ हवाएं चलने की संभावना है. इस बीच, मध्य महाराष्ट्र के कोंकण और घाट क्षेत्रों में आज अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है.

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मुंबई में भारी बारिश के बाद जलमग्न सड़क के किनारे बारिश से बचने के लिए शरण लेते लोग (तस्वीर: रॉयटर्स)​​​​​​

वहीं, केरल में खराब मौसम की वजह से चार लोगों की मौत की खबर है. सूबे में संपत्ति का काफी नुकसान हुआ है, 29 घर नष्ट हो गए और 868 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए. प्रभावित नागरिकों की सहायता के लिए वायनाड, इडुक्की और कोझिकोड जिलों में शिविर स्थापित करके राहत अभियान चलाए जा रहे हैं.

आईएमडी ने आगे चेतावनी दी है कि 27 मई को केरल और माहे में आंधी, बिजली और 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाओं के साथ व्यापक रूप से व्यापक रूप से हल्की/मध्यम वर्षा हो सकती है, कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है और कुछ जगहों पर अत्यधिक भारी बरसात हो सकती है और उसके बाद 28 मई से 1 जून के दौरान भारी वर्षा हो सकती है.

खतरनाक परिस्थितियों के कारण मछुआरों को पश्चिमी और पूर्वी तटों से दूर रहने की सलाह दी गई है, जिसके कारण केरल, कर्नाटक और गोवा सहित कई राज्यों में मछली पकड़ने का काम स्थगित कर दिया गया है.

केरल के कोझिकोड में बारिश के बीच कोनोली नहर में मछलियां पकड़ते लोग (तस्वीर: PTI)

मॉनसून के शुरुआती दौर ने केरल और कर्नाटक में रोजमर्रा जिंदगी में व्यवधान पैदा कर दिया है. सड़कें और निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं, और जल निकायों के उफान ने स्थिति को और भी बदतर बना दिया है. मौजूदा गंभीर मौसम की स्थिति इस साल मॉनसून के जल्दी आने से उत्पन्न चुनौतियों को उजागर करती है.

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पुणे में 3 की मौत

एजेंसी के मुताबिक, अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि पिछले दो दिनों में पुणे जिले में बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई. पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस के मुताबिक, खेड़ तहसील के रौंदलवाड़ी निवासी संतोष खांडवे सोमवार दोपहर मछली पकड़ते समय बिजली की चपेट में आ गए.

मुंबई में भारी बारिश के बाद जलमग्न सड़क पर फूड डिलीवरी बॉय (तस्वीर: AFP)

केरल में 4 की मौत, रिलीफ कैंप खुले

केरल में सोमवार को भी भारी बारिश जारी रही, जिसकी वजह से कई जगहों पर लोगों को रिलीफ कैंप और सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा. मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, राज्य में अब तक तीव्र मॉनसून ने चार लोगों की जान ले ली है. सीएमओ ने कहा कि केरल में 29 घर नष्ट हो गए और 868 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.

वायनाड जिले में पांच और इडुक्की और कोझिकोड जिलों में एक-एक राहत शिविर खोले गए. राज्य में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दो दिन बाद ही तेज होने के कारण करीब सभी जिलों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलीं, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हुई, निचले इलाकों में घरों में पानी भर गया और यातायात बाधित हुआ. एजेंसी के मुताबिक, लगातार बारिश की वजह से बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं, जिससे गांव, कस्बे और ऊंची पहाड़ियां प्रभावित हुई हैं, जबकि कई जिलों में जल निकायों के उफान ने निवासियों को खतरे में डाल दिया है.

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कुछ रास्तों पर ट्रेनों की आवाजाही आंशिक रूप से प्रभावित हुई है. जलभराव की वजह से अंतर्देशीय गावों के रास्तों और शहर की सड़कों ट्रैफिक जाम हो गई. अधिकारियों ने कहा कि कई जगहों पर पेड़ गिरने की वजह से रेल यातायात आंशिक रूप से प्रभावित हुआ और अवरोधों को हटाने के बाद यातायात बहाल कर दिया गया.

रेलवे के एक बयान में कहा गया है कि गुरुवायुर-पुंकुन्नम, एर्नाकुलम साउथ-एर्नाकुलम टाउन और अंबलप्पुझा-अलाप्पुझा के साथ-साथ तिरुवल्ला यार्ड सहित विभिन्न खंडों में पेड़ गिरे हैं. जिला अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि भारी बारिश जारी रहने के कारण वायनाड के सुल्तान बाथरी के पुजमकुनी गांव के कई आदिवासी परिवारों को राहत शिविरों में ले जाया गया है. उन्होंने बताया कि बाथरी में राहत रिलीफ कैंप गए हैं और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम वायनाड जिले में डेरा डाले हुए है.

कर्नाटक में बारिश से तबाही के बाद रेड अलर्ट, NDRF तैनात

कर्नाटक के तटीय इलाकों में सोमवार को लगातार तीसरे दिन भारी मॉनसूनी बारिश हुई, जिससे दक्षिण कन्नड़ जिले में सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिसके चलते अधिकारियों ने रेड अलर्ट जारी किया और आपदा प्रतिक्रिया दल तैनात किए. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि तटीय कर्नाटक के लिए रेड अलर्ट अगले पांच दिनों तक लागू रहेगा. रेड अलर्ट 24 घंटों में 20 सेमी से ज्यादा की अत्यधिक भारी बारिश का संकेत देता है. मंगलुरु शहर के कई हिस्सों में जलभराव और यातायात जाम की खबरें मिली है, क्योंकि जल निकासी व्यवस्था भारी बारिश से निपटने में विफल रही.

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बेंगलुरु में बारिश के बीच लोग ट्रांसपोर्ट व्हीकल का इंतजार करते हुए (तस्वीर: PTI)

दक्षिण कन्नड़ के जिला प्रभारी मंत्री दिनेश गुंडू राव ने स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पूरे क्षेत्र में बारिश से संबंधित व्यवधानों को दूर करने के लिए तुरंत कार्रवाई करें, जिससे लोगों को होने वाली असुविधा को कम किया जा सके. अधिकारियों के मुताबिक, जिले भर के पहाड़ी इलाकों से भूस्खलन की छोटी-मोटी घटनाएं सामने आई हैं.

मंगलुरु शहर के कोट्टारा जंक्शन, मालेमार, महावीर सर्कल से जलभराव की बड़ी घटनाएं सामने आई हैं, जबकि शहर के उर्वा, मटादकानी, कुद्रोली, कोडियालबेल (पश्चिम) से छोटी बाढ़ की खबरें आई हैं. थोक्कुट्टू, गुडिनाबली, मरकाडा, पनम्बुरु और आसपास के इलाकों में भी जलभराव हुआ है.

दक्षिण कन्नड़ के कार्यवाहक उपायुक्त आनंद के ने बताया कि लगातार बारिश के कारण सोमवार को जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए. दक्षिण कन्नड़ के उपायुक्त और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बेंगलुरू से वीडियो कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए मंत्री राव ने चल रही प्री-मॉनसून और मॉनसून बारिश की तैयारियों की समीक्षा की.

कर्नाटक के चिकमगलुरु के पास, बारिश के बीच मछली पकड़ने के लिए टोकरी वाली नाव ले जाते मछुआरे (तस्वीर: PTI)

प्रेस रिलीज में कहा गया कि राव ने अधिकारियों को बाढ़ और भूस्खलन वाले इलाकों में सतर्क रहने और बिना देरी किए इमरजेंसी रेस्पॉन्स ऑपरेशन शुरू करने का निर्देश दिया.

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उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान विभागों के बीच जवाबदेही और समन्वय की जरूरत पर जोर दिया. आईएमडी ने तटीय इलाकों में अगले 48 घंटों में भारी बारिश जारी रहने का अनुमान लगाया है. जिला प्रशासन के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कई इलाकों में बारिश का आंकड़ा 150 मिमी को पार कर गया, जिसमें सुलिया के बेल्लारे में सबसे ज्यादा 200.5 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद बंटवाल के सरपडी और पुत्तूर के बेलांदूर में 190 मिमी बारिश हुई.

बारिश के बीच लोग मैसूर पैलेस पर पहुंचे लोग (तस्वीर: PTI)

बिगड़ते हालात को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक टीम पुत्तूर में तैनात की गई है, जबकि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की दो टीमें मंगलुरु और सुब्रह्मण्य में तैनात की गई हैं. अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं. प्रशासन ने स्थानीय निकायों और पंचायत विकास अधिकारियों को तत्काल निवारक और राहत उपाय करने के निर्देश भी दिए हैं. जेसीबी और बचाव नौकाओं जैसे निर्माण उपकरण तैयार रखे गए हैं.

अधिकारियों ने बताया कि कुमता के पास उत्तर कन्नड़ जिले के कुछ हिस्सों में भूस्खलन की भी खबरें हैं और बेलथांगडी के आसपास नदियों में जल स्तर बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. अधिकारियों ने चल रहे राजमार्ग निर्माण कार्यों के कारण आवासीय क्षेत्रों में पानी घुसने की शिकायतों के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है. इस बीच, मौसम की शुरुआत में मछली पकड़ने वाली नावें प्रतिकूल समुद्री परिस्थितियों के कारण न्यू मैंगलोर बंदरगाह पर लौट रही हैं.

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हिमाचल में बारिश और आंधी की संभावना

स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने सोमवार को बताया कि 27 मई से हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर बारिश, आंधी, बिजली और ओलावृष्टि की संभावना है. मौसम विभाग ने 27 और 28 मई को शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में और 27 मई को कांगड़ा, सोलन और सिरमौर जिलों में आंधी, बिजली और ओलावृष्टि के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि पूरे राज्य में मौसम ज्यादातर शुष्क रहा. 30 और 31 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है. 27 मई से 1 जून तक निचले, मध्य और ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है.

 
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