द्वारका एक्सप्रेसवे पर अंडरपास और टनल का ट्रायल शुरू, अब आसान होगा दिल्ली-गुरुग्राम का सफर

ट्रायल रन के दौरान जिन हिस्सों को खोला गया है, उनमें एक शैलो टनल शामिल है, जो द्वारका और यशोभूमि को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जोड़ती है. इसके अलावा यात्री इस टनल और राइट टर्न अंडरपास के माध्यम से द्वारका और यशोभूमि से गुरुग्राम (सिरहौल की दिशा में) भी जा सकेंगे.

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द्वारका एक्सप्रेसवे पर अंडरपास और टनल का ट्रायल शुरू हो गया है द्वारका एक्सप्रेसवे पर अंडरपास और टनल का ट्रायल शुरू हो गया है

पीयूष मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2025,
  • अपडेटेड 10:20 PM IST

दिल्ली-गुरुग्राम नेशनल हाईवे (NH-48) पर ट्रैफिक का झंझट कम करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक बड़ी पहल करते हुए द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली सेक्शन पर बने अंडरपास और टनल का ट्रायल रन शुरू कर दिया है. ये ट्रायल 29 मई 2025 से हर दिन दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक किया जाएगा.

प्रारंभिक ट्रायल रन के दौरान जिन हिस्सों को खोला गया है, उनमें एक शैलो टनल शामिल है, जो द्वारका और यशोभूमि को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जोड़ती है. इसके अलावा यात्री इस टनल और राइट टर्न अंडरपास के माध्यम से द्वारका और यशोभूमि से गुरुग्राम (सिरहौल की दिशा में) भी जा सकेंगे. इसी तरह एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 से गुरुग्राम की ओर जाने के लिए भी इन अंडरपासों का संयोजन उपयोग में लाया जा सकता है.

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ये टनल आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों से निर्मित की गई है और इसमें सीसीटीवी निगरानी, एक स्पेसल मॉनिटरिंग रूम और इमरजेंसी एग्जिट का प्रबंध किया गया है. सुरक्षा के मद्देनज़र इस टनल में 4.5 मीटर से ऊंचे वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी, साथ ही दोपहिया, तिपहिया वाहन और ज्वलनशील पदार्थ ले जाने वाले वाहनों को भी इस टनल व अंडरपास में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

NHAI इस ट्रायल के माध्यम से ट्रैफिक पैटर्न, सुरक्षा उपायों और पूरी प्रणाली की दक्षता का आकलन कर रहा है, ताकि इसे शहर की यातायात व्यवस्था में सुचारू रूप से जोड़ा जा सके. अगर ट्रायल सफल रहता है, तो इस टनल और अंडरपास को 5 जून 2025 से पूरी तरह से चालू कर दिया जाएगा.

इस टनल के चलते दिल्ली-एनसीआर के लाखों यात्रियों को सुविधा होगी. यह न केवल द्वारका एक्सप्रेसवे को IGI एयरपोर्ट से जोड़ेगी, बल्कि गुरुग्राम, वसंत कुंज, द्वारका, अलीपुर जैसे क्षेत्रों की आपसी कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाएगी. साथ ही, गुरुग्राम, फरीदाबाद और मानेसर जैसे औद्योगिक इलाकों से उत्तर भारत के शहरों जैसे सोनीपत, पानीपत और चंडीगढ़ की ओर ट्रैफिक को भी सुगम बनाएगी.
 

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