चावल की जगह इस चीज को खाना कर दें शुरू, शुगर-कोलेस्ट्रॉल और मोटापा रहेगा कंट्रोल

किनोआ एक पौष्टिक और हेल्दी ऑप्शन है जो व्हाइट राइस की तुलना में कई फायदे प्रदान करता है. इसके नियमित सेवन से वेट मैनेजमेंट, हार्ट हेल्थ, इम्युनिटी, और हड्डियों की मजबूती में मदद मिल सकती है.

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Quioa Quioa

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 7:30 PM IST

 चावल दुनिया भर में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला अनाज है और लगभग आधी जनसंख्या इसका रोजाना सेवन करती है, लेकिन खासकर व्हाइट राइस के सेवन से ब्लड शुगर, वजन और कोलेस्ट्रोल बढ़ने की समस्या हो सकती है. ऐसो में आप व्हाइट राइस की बजाय किनोआ का सेवन कर सकते हैं. किनोआ खाने से आपकी सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं. किनोआ न केवल चावल जैसी ही पकाने और खाने में आसान है, बल्कि यह पौष्टिकता के मामले में काफी बेहतर है.

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डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद

किनोआ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) व्हाइट राइस की तुलना में काफी कम होता है, यानी यह ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है और कंट्रोल में रखता है. इसमें प्रोटीन और फाइबर की मात्रा दोगुनी से अधिक होती है, जबकि कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है. इसके अलावा, किनोआ में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, और फास्फोरस जैसे जरूरी मिनरल्स की मात्रा भी अधिक होती है. कहाँ तक कि ब्राउन राइस के मुकाबले भी किनोआ में फाइबर, प्रोटीन, और जरूरी अमीनो एसिड ज्यादा पाए जाते हैं. इसके साथ कुछ विशेष फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं जो एनीमिया की रोकथाम, कोलेस्ट्रॉल सुधार, ब्लड शुगर कंट्रोल, और हड्डियों को मजबूत बनाते हैं.

किनोआ के फायदे

किनोआ में ग्लूटेन नहीं होता, इसलिए यह उन लोगों के लिए भी सुरक्षित है जिन्हें ग्लूटेन एलर्जी होती है.ये हैं किनोआ खाने के फायदे-

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- हेल्दी वेट को मेंटेन करने में मदद मिलती है.

- हार्ट हेल्थ बेहतर होती है.

- कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा कम होती है.

- इम्युनिटी बढ़ती है.

- एनीमिया की समस्या कम होती है.

- हड्डियां मजबूत होती हैं.

- डायबिटीज में ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है.

क्या है खाने का सही तरीका?

किनोआ का उपयोग खिचड़ी, उबला हुआ अनाज या चावल की जगह पर किया जा सकता है. इसके अलावा, इसका आटा भी बाजार में उपलब्ध है जिसे रोटी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. आप इसकी जगह ओट्स का भी ऑप्शन ले सकते हैं. इसे पानी या दूध में उबालकर खा सकते हैं. रेगुलर या कम से कम हफ्ते में 3-4 बार इसका सेवन करने से इसके फायदे मिल सकते हैं.

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