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जब रामायण में हनुमान बने दारा सिंह, रोटी-सब्जी नहीं, खाते थे 100 बादाम

aajtak.in
  • 17 मई 2020,
  • अपडेटेड 12:43 PM IST
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रामानंद सागर की रामायण के महानायक, महाबलि रामभक्त श्री हनुमान का किरदार निभाने वाले अभिनेता दारा सिंह तो अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन रामायण में निभाए गए हनुमान के किरदार ने आज भी दर्शको के दिल में अपनी ज्योत जला रखी है.

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60 साल की उम्र में रामायण के बजरंगी को ये रोल ऑफर हुआ था. काफी रेसलिंग करने की वजह से दारा सिंह को उन दिनों घुटनों के दर्द की समस्या थी, लेकिन वो हनुमान के किरदार के लिए रामानंद सागर कैंप की पहली पसंद थे. हनुमान के किरदार से अभिनेता और रेसलर दारा सिंह पहले ही भली भांति परिचित थे. साल 1976 में आई फिल्म बजरंगबली में दारा सिंह पहले भी हनुमान का किरदार निभा चुके थे.

जब रामानंद सागर को दारा सिंह ने अपने घुटनों के दर्द की समस्या बताई, तो रामानंद ने कहा ये किरदार मैं नहीं खुद भगवान चाहते हैं कि आप करें, ऐसा मैंने(रामानंद) ने सपने में भी देखा है. रामानंद सागर से अपने परिवार जैसे सम्बन्ध के चलते दारा सिंह फिर ना नहीं कह पाए.

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1976 में आई फिल्म बजरंगबली को डायरेक्टर चंद्रकांत ने बनाया था. इस फिल्म में मधुर संगीत दिया था कल्याण जी आनंद जी ने, लता मंगेशकर, आशा भोसले और महेंद्र कपूर की आवाज में इस फिल्म के गाने रिकॉर्ड किए गए थे.

ये फिल्म उस दौर में जबरदस्त हिट रही थी और उसके बाद से ही दारा सिंह हनुमान के किरदार के लिए सबसे पहले दावेदार माने जाने लगे. फिर 1987-88 में रामानंद सागर ने दारा सिंह को अपनी ऐतिहासिक रामायण का हनुमान बनाया और इस महाकाव्य के महारथी को दर्शकों का खूब प्यार मिला.

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आज तक से दारा सिंह के बेटे और एक्टर विन्दु दारा सिंह ने खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि पिता दारा सिंह उमर गांव में हो रही रामायण की शूटिंग के समय सारा दिन हनुमान का मास्क नहीं उतारते थे.

डाइट में सिर्फ 100 बादाम और पूरे दिन 3 नारियल पानी पी कर वो शूटिंग किया करते थे. ताकि बार बार उन्हें खाने पीने के लिए अपना मास्क ना उतारना पड़े और मेकअप मैन को बार बार परेशानी ना हो.

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विन्दु ने बताया कि एक दिन जब जय वीर हनुमान के लिए विन्दु को हनुमान के किरदार का ऑफर आया, तो पिता दारा सिंह ने उन्हें बताया कि भगवान मनगढंत नहीं है. इस किरदार को निभाने के लिए उन्हें नॉन वेज छोड़ना पड़ेगा.

शराब से दूरी बनानी पड़ेगी और यहां तक कि कोई भी कुविचार को अपने मन में आने से रोकना पड़ेगा. तब जा कर उनके अभिनय में वो दिव्यता झलकेगी, जिसकी अपेक्षा दर्शक मेरे बाद तुमसे भी लगाएंगे.

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अपने पिता के आखिरी दिनों के बारे में विन्दु बताते है कि साल 2011 में एक दिन छत पर बैठ कर वो अपने पिता दारा सिंह से बात कर रहे थे. तब दारा जी ने कहा कि लगता है कि अब उनका वक्त इस संसार में पूरा हो गया है. जिस काम के लिए वो आये थे अब वो अंतिम पड़ाव में है.

दारा सिंह ने ये भी कहा कि उनकी मौत के बाद वो नहीं चाहते कि उनके नाम से कोई रोड, हनुमान मंदिर या संस्था बनाई जाए, या फिर उनके स्टेचू का निर्माण किया जाए. लेकिन बाद में पंजाब में दारा स्टूडियो के बाहर उनके फैंस के लिए एक प्रतिमा दर्शन के लिए बनाई गई.

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दारा जी ने यहां तक कहा था कि मरने के बाद घर के सभी लोग पार्टी करना खुशियां मानना. लेकिन उदास हो कर कभी उनको याद ना करना. ये जीवन का एक चक्र है जो एक ना एक दिन पूरा होता है इससे किसी को डरना नहीं चाहिए.


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एक समय पर बेटे विन्दु हनुमान के किरदार के लिए निर्देशकों के लिए पहली पसंद थे. विन्दु ने बताया कि जब उन्हें बजरंगबली का किरदार करने का ऑफर मिला तब वो बेहद नर्वस थे. उन्हें लग रहा था कि जो अलौकिक अभिनय हनुमान बन उनके पिता दारा सिंह ने निभाया क्या वो ऐसा बेजोड़ अभिनय कर पाएंगे.

1996 में आए सीरियल जय वीर हनुमान में बिंदु को फाइनली मिला हनुमान के किरदार को निभाने का मौका और विन्दु ने इस रोल को बखूबी निभाया भी था. कमाल की बात ये कि की इस सीरियल में भी श्री राम का किरदार निभाने वाले कोई और नहीं रामानंद सागर की रामायण के राम अरुण गोविल ही थे.

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अपने जीवन के आखिरी दौर में दारा सिंह ने एक दिन बेटे विन्दु से कहा कि वो एक बार फिर रामायण देखना चाहते है और पूरी रामायण 20 दिनों में देख भी ली. जब विन्दु ने पूछा कि आपकी बकेट लिस्ट में कुछ ऐसा भी है जो आप करना चाहते हैं तो दारा सिंह ने कहा कि नहीं वो सब कुछ कर चुके हैं.

अपने सारे कर्त्तव्य निभा चुके है बस प्रभु राम की भक्ति ही उनका काम रह गया है. दारा सिंह सपने में भी खुद को राम भक्त हनुमान के रूप में अक्सर देखा करते थे और सोते हुए भी रामायण के डायलॉग बोला करते थे. ये बात उन्होंने बेटे विन्दु से कई बार शेयर भी की थी.

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दारा सिंह के पोते फतेह अभिनेता विन्दु और उनकी पहली पत्नी फराह के बेटे है और जल्द डेब्यू करने जा रहे हैं. विन्दु बताते है की फराह हमेशा से चाहती थी की फतेह एक्टर नहीं डॉक्टर बने.

लेकिन जब एक दिन फतेह ने उनसे अपने एक्टर बनने की बात कही तो विन्दु ने कहा कि आज वो जमाना नहीं रहा जब एक अभिनेता का बेटा भी अभिनेता ही बने और उससे बाकियों की तरह स्ट्रगल ना करना पड़े. इस कम्पटीशन के जमाने में हर किसी को अपनी प्रतिभा साबित करनी पड़ती है, जिसके बाद उससे मिलता है दर्शको का प्यार.

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विन्दु ने ये भी बताया कि पिछले 5 साल से फतेह सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक सिर्फ अपनी एक्टिंग और अपने आप को तैयार करने में ही बिताते हैं. लेकिन अभी एक और साल उन्हें खुद को साबित करने में और लग सकता है.

विन्दु चाहते है कि फतेह किसी बड़े डायरेक्टर के हाथों लॉन्च हो या फिर उनके प्रोजेक्ट दारा सिंह के साथ उनका डेब्यू हो, जिसमें दारा सिंह का किरदार फतेह ही निभाए. इस बायोपिक को 56 साल के विन्दु ने खुद लिखा है.

आपको बता दें की फतेह ने फिल्मों की परख और अभिनय की बारीकियों को समझने के लिए हाल ही में रिलीज हुई फिल्म बागी 3 में बतौर अस्सिटेंट डायरेक्टर काम किया था. साथ ही टाइगर श्रॉफ के कई डमी सीन्स उन्होंने खुद शूट किए थे, जिसमें एक्टिंग डांसिंग और एक्शन भी शामिल था.

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