वाल्मिकि नगर विधानसभा क्षेत्र बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में स्थित है और यह वाल्मिकि नगर लोकसभा सीट के तहत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. यह सामान्य श्रेणी की सीट है, जिसे 2008 में परिसीमन के बाद बनाया गया था और तब से अब तक यहां केवल तीन विधानसभा चुनाव हुए हैं.
लेकिन बाद में इसका नाम पास के जंगल वाले इलाके के आधार पर वाल्मिकि नगर पड़ा. यही इलाका आगे चलकर एक टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित हुआ और अब यह राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त कर चुका है. यह बिहार का एकमात्र बाघ संरक्षण क्षेत्र है और नेपाल के चितवन नेशनल पार्क से सटा हुआ है.
मान्यता है कि यहीं पर ऋषि वाल्मिकि ने रामायण की रचना की थी और माता सीता ने यहीं शरण ली थी. इन धार्मिक मान्यताओं के कारण यह क्षेत्र विशेष आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है.
वाल्मिकि नगर पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है. इसकी पश्चिमी सीमा गंडक नदी निर्धारित करती है. गंडक परियोजना के अंतर्गत नदी पर बना बांध न केवल सिंचाई बल्कि जलविद्युत उत्पादन का भी प्रमुख स्रोत है. यहां की नहर प्रणाली उत्तर-पश्चिम बिहार की जीवनरेखा है और यह पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों को भी सिंचाई सुविधा प्रदान करती है.
यह क्षेत्र जनजातीय आबादी में समृद्ध है, जिसमें थारू और ओरांव समुदाय की उपस्थिति उल्लेखनीय है. यहां की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कृषि आधारित है, जिसमें मुख्य रूप से धान, मक्का और गन्ना की खेती होती है. जंगलों से लघु वनोपज भी मिलते हैं और सीमित स्तर पर पर्यटन गतिविधियां भी संचालित होती हैं.
परिवहन की दृष्टि से यह क्षेत्र अब भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. आसपास के कस्बे जैसे नरकटियागंज और बगहा रेलवे से जुड़े हैं, लेकिन कई गांव ऐसे हैं जो मानसून के दौरान सड़क संपर्क से कट जाते हैं. नजदीकी जिला केंद्र बेतिया है, जो लगभग 70 किमी दूर है. मोतीहारी लगभग 130 किमी दक्षिण-पूर्व में, जबकि उत्तर प्रदेश की ओर गोरखपुर लगभग 120 किमी की दूरी पर है. नेपाल का भैरहवा 85 किमी उत्तर-पश्चिम और बीरगंज 140 किमी पूर्व में स्थित है. राजधानी पटना से यहां की दूरी लगभग 285 किमी है.
धीरेंद्र प्रताप सिंह (JD(U)) वर्तमान में क्षेत्र के विधायक हैं. 2010 में यह सीट जदयू के राजेश सिंह ने जीती थी जबकि धीरेंद्र प्रताप सिंह उस समय बसपा उम्मीदवार थे. 2015 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की, जब जदयू ने सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी थी. बाद में उन्होंने पुनः जदयू में वापसी की और 2020 में सीट बरकरार रखी.
2020 में इस क्षेत्र में 3,31,874 मतदाता थे, जो 2024 लोकसभा चुनाव में बढ़कर 3,45,890 हो गए. चुनाव आयोग के अनुसार, 2020 की मतदाता सूची में से 4,112 मतदाता 2024 तक प्रवास कर चुके थे. अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 14.7% (48,785), अनुसूचित जनजाति 18.93% (62,824) और मुस्लिम समुदाय 9.7% (32,192) है. क्षेत्र में कोई शहरी मतदाता नहीं है.
2024 के लोकसभा चुनाव में जदयू के सुनील कुमार कुशवाहा ने वाल्मीकि नगर विधानसभा क्षेत्र में अपने राजद प्रतिद्वंद्वी पर 26,829 मतों की बढ़त दर्ज की. 2008 से अब तक हुए तीन विधानसभा और पांच लोकसभा चुनावों में NDA का दबदबा रहा है, जबकि विपक्ष अब तक जीत से दूर रहा है.
2025 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाला NDA यहां मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहा है, जबकि राजद के नेतृत्व वाला विपक्षी गठबंधन चुनौती पेश करने की कोशिश कर रहा है. इस बार प्रशांत किशोर द्वारा स्थापित जन सुराज पार्टी पर भी निगाहें होंगी, जिसे राज्य के कुछ हिस्सों, खासकर इस क्षेत्र में समीकरण बिगाड़ने वाला कारक माना जा रहा है.
(अजय झा)