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जब आंखें मिलेंगी तभी लेन-देन होगा सक्सेस, चेहरा भी बनेगा पासवर्ड

aajtak.in
  • 20 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:57 PM IST
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ऑनलाइन शॉपिंग और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को सेफ बनाने के लिए मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने वाली है. जिसका रोडमैप तैयार है. दरअसल, हर दिन ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से जुड़े फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं. इसलिए सरकार इसे रोकने के लिए कुछ नए फीचर्स पर काम कर रही है. (Photo: Getty)

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जानकारी के मुताबिक डिजिटल पेमेंट सिस्टम को ज्यादा सिक्योर बनाने के लिए OTP के साथ अब चेहरा और आइरिस (Iris) भी पासवर्ड के तौर पर इस्तेमाल होंगे. दरअसल, बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड को देखते हुए सरकार ने यह प्लान तैयार किया है. खबरों की मानें तो इसे जल्द लागू किया जा सकता है. (Photo: Getty)

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जानकार भी मानते हैं कि चेहरा और आइरिस (Iris) को पासवर्ड के तौर पर इस्तेमाल करने से साइबर फ्रॉड पर रोक लगाई जा सकेगी. बता दें, सरकार ने डिजिटल पेमेंट के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन लागू करने का प्रस्ताव तैयार किया है. जिसमें OTP के साथ फेशियल रिकॉग्निशन, आइरिस स्कैन (Iris scan) और लोकेशन जैसे फीचर्स को जोड़ा गया है. (Photo: Getty)

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सरकार का डिजिटल ट्रांजेक्शन पर फोकस है. इसलिए देश में तेजी से डिजिटल लेन-देन का कारोबार बढ़ रहा है.   बिजनेस इंसाइडर की एक रिपोर्ट को मानें तो UPI ट्रांजेक्‍शंस में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. लेकिन साथ ही फर्जीवाड़े के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं. इसे रोकने और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को और सुरक्षित बनाने के बारे में सोचा जा रहा है. (Photo: Getty)

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कैसे करेगा काम
आने वाले दिनों में OTP के साथ फेशियल रिकॉग्निशन, आइरिस और लोकेशन को जोड़ा जाएगा. जिससे डिजिटल लेन-देन और सुरक्षित हो जाएगा. डिजिटल लेन-देन के दौरान सभी फीचर्स की ऑथेंटिकेशन के बाद ही ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पूरी होगी. खासकर स्मार्टफोन से लेन-देन में इस फीचर्स को जोड़ा जाएगा. (Photo: Getty)

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गौरतलब है कि फिलहाल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें अभी 3D पिन और OTP से ट्रांजेक्शन पूरी होती है. वहीं रिपोर्ट की मानें तो पिछले एक साल ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड के चलते 18 सरकारी बैंकों को करीब 1.17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. (Photo: Getty)

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टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के बारे में
टू-फैक्‍टर ऑथेंटिकेशन में डेबिट और क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्‍शन पर दो लेयर पर डिटेल्स भरनी होती है. सबसे पहले में ग्राहक को कार्ड डिटेल्स भरना होता है उसके बाद CVV नंबर डालना होता है. दूसरी लेयर में OTP डालना होता है जो ग्राहक के रजिस्टर्ड मोबाइल पर आता है. (Photo: File)

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गौरतलब है कि देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन 13 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रहा है, जबकि आने वाले दिनों में मोबाइल वॉलेट में करीब 53 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है. इसी के चलते आरबीआई ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड के खिलाफ सख्त कदम उठाने का विचार कर रही है. (Photo: File)

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