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आमों का राजा है वलसाड का ये रसीला आम, दुनियाभर में रहती है डिमांड, जानें कीमत

वलसाड के हापुस यानी अल्फांसो को आमों का राजा कहा जाता है. इस आम की एक किलो की कीमत 1200 से 1500 रुपये होती है. इसकी डिमांड देश-विदेश में रहती है. यह गुजरात के वलसाड के वाडी में पाया जाता है.

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गर्मी का मौसम आ चुका है. इस मौसम में रसदार फलों को खाने का अलग ही आनंद है. खासकर आम को लोग बड़े चाव के साथ खाते हैं. इसके स्वाद के क्या ही कहने हैं. ऐसे ही इसे फलों का राजा नहीं कहा गया है. इसी क्रम में आमों में वलसाड का हापुस आम यानी अल्फांसो आम का स्वाद बाकियों से काफी अलग होता है. अल्फांसो आम की डिमांड देश के साथ-साथ विदेशों में भी काफी रहती है. ये गुजरात के वलसाड की वाडी में पाया जाता है.

गुजरात के वलसाड का हापुस आम का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. इस आम की खासियत का अंदाजा इससे ही लगा सकते हैं कि एक आम खाने के बाद दूसरा खाने का मन करने लगता है.  क्योंकि इसका स्वाद लाजवाब होता है. इसके स्वाद के पीछे वलसाडी हापुस के अंदर एंजाइम का कॉम्बिनेशन होता है. इस वजह से इसका स्वाद काफी स्वादिष्ट होता है. लेकिन एक बार यह आम पक जाने के बाद इसे एक सप्ताह के भीतर खाना होता है क्योंकि तभी तक इसका स्वाद बना रहता है.

आसानी से बिक जाता है आम

आमों का राजा कहे जाने वाला वलसाडी हापुस को अल्फांसो के नाम से जाना जाता है. वलसाड हाइवे पर हर साल आम बेचने वाले व्यापारी का कहना है कि आम बेचकर महीने के 20 से 30 हजार रुपये आराम से कमा लेते हैं. इस समय वलसाड के सरदार  A P C मार्केट में आम आने की शुरुआत हो चुकी है. आम के व्यापारी का कहना है कि आम के पैदावार इस बार भी अच्छी होगी. गर्मी के कारण और बदलते मौसम से जरूर थोड़ा बहुत फर्क पड़ेगा, वहीं, आमों पर दाग नहीं पड़ने चाहिए, इससे आमों को एक्सपोर्ट करने में बड़ी दिक्कत आती है.

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डिमांड के कारण पेड़ों की संख्या में बढ़ोतरी

वलसाड हापुस आम के उत्पादन की बात करें तो दक्षिण गुजरात में 573229 मीट्रिक टन,  मध्य गुजरात में  96331 मीट्रिक टन, उत्‍तर गुजरात में 21506  मीट्रिक टन, सौराष्‍ट्र और कच्छ में इन आमों का उत्‍पादन 306763  मीट्रिक टन है. वहीं लगातार इस आम की बढ़ती मांग और अच्छी कीमतों की वजह से इसके पेड़ों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है. पिछले वर्षों में हापुस आमों के पेड़ों की संख्‍या में भी इजाफा हुआ है. सरकारी आकड़ों के मुताबिक साल 2017-18 में जहां इनकी संख्‍या 35541 थी तो 2018-19  में 36103, 2019- 20  में 36435,  2020- 21 में 36890 और 2021-22  में 37344 रही.

वलसाड के किसान प्रवीण भाई पटेल का कहना है कि सरकारी आकड़ों को देखने से पता लगता है कि आम के पेड़ों में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन कुछ किसानों की मानें तो इस साल कुछ जगहों पर हर साल की तुलना में आम कम हैं. लेकिन कुछ जगहों पर हापुस आमों की खेती ज्यादा हो रही है. इस साल आम शायद दो से तीन बार आएंगे. 

हापुस की कीमत 1200 से 1500 रुपये होती है

वलसाड हापुस आम खरीदना चाहते हैं तो अप्रैल का अंत या मई महीना सबसे अच्छा वक्त होता है. इस साल इसकी कीमत 1200 से 1500 रुपये होगी. लेकिन इस सीजन में वलसाड हापुस आम आसानी से मिल पाएगा या नहीं. यह कहना अभी उचित नहीं होगा क्योंकि आने वाले वक्त में मौसम कैसे अपना रुख बदलता है उस पर सब कुछ निर्भर होगा.

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