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इस फसल को एक बार लगाने से सालों तक कमाएं मुनाफा, जड़-फूल और बीज की भी होती है बिक्री

सर्पगंधा की खेती 10 से 38 डिग्री सेंटीग्रेड में की जा सकती है. बलुई दोमट मिट्टी, दोमट मिट्टी और भारी मिट्टी में इसका पौधा अच्छे विकास करता है. मिट्टी का पी.एच. मान 8.5 से अधिक नहीं होनी चाहिए. सर्पगंधा का पौधा अपने औषधीय गुणों की वजह से जाने जाते हैं. 

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Sarpgandha ki kheti
Sarpgandha ki kheti

Sarpgandha ki kheti: खेती-किसानी में नई और मुनाफा देने वाली फसलों की खेती की तरफ किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है.  इन फसलों से किसान कम वक्त में ही अच्छी कमाई हासिल कर ले रहे हैं. सर्पगंधा भी कुछ इसी तरह का फसल है. सर्पगंधा का पौधा अपने औषधीय गुणों की वजह से जाने जाते हैं. इसके फूल, बीज और जड़ सभी की बाजार में बिक्री होती है.ऐसे में इस फसल की खेती से किसान को ज्यादा मुनाफा हासिल हो रहा है.

10 से 38 डिग्री सेंटीग्रेड होती है खेती

10 से 38 डिग्री सेंटीग्रेड में इस सर्पगंधा की खेती की जा सकती है. बलुई दोमट मिट्टी, दोमट मिट्टी और भारी मिट्टी में इसका पौधा अच्छे विकास करता है. मिट्टी का पी.एच. मान 8.5 से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसकी खेती तीन तरीके बीज, जड़, कलम के माध्यम से की जाती है. इसकी खेती के लिए जलनिकासी की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए. पानी लगने पर इसका पौधा जल्द खराब हो सकता है.

18 महीने में मिलने लगता है उत्पादन

बता दें कि सर्पगंधा का पौधा 18 महीने में उपज देना शुरू कर देता है. इससे आप लगातार 4 साल तक फूल और बीज मिलते रहते हैं. इसे बेचकर किसान लगतार मुनाफा हासिल कर सकते हैं और कम वक्त में ही किसान अमीर बन सकते हैं. एक एकड़ में सर्पगंधा के  3.2 से 4 किलोग्राम बीज की जरुरत होती है.

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सर्पगंधा की खेती में किसानों को बंपर मुनाफा

एक एकड़ में किसान सर्पगंधा की खेती से 7-9 क्विंटल सूखी जड़ें हासिल कर सकते हैं. इन जड़ों को बाजार में 3 हजार रुपये प्रति किलो तक बेच सकते हैं. इसके अलावा इसके फूलों और बीजों से भी बंपर मुनाफा हासिल किया जा सकता है.

 

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