देश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन भी आय के दूसरे सबसे बड़े स्रोत के तौर पर उभर कर सामने आया है. सरकार भी किसानों को अपने स्तर पर पशुपालन के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसी कड़ी में किसानों को बकरी पालन को लेकर भी जागरूक किया जा रहा है. हाल ही में उत्तर प्रदेश का पहला भेड़-बकरी प्रशिक्षण केंद्र इटावा में खोला गया है. यहां किसानों को बकरी और भेड़ पालन को लेकर प्रशिक्षित किया जाता है. साथ ही प्रशिक्षण केंद्र में किसानों के रहने और भोजन की व्यवस्था भी की गई है.
पोषक तत्वों से भरपूर बकरी का दूध
बकरी के दूध में बीमारियों से लड़ने के लिए गाय और भैंस के दूध की तुलना में अधिक पोषक तत्व होते हैं. साथ ही इनका मांस बिक्री के लिए भी प्रयोग किया जाता है. यदि छोटे बच्चों को खरीदा जाए और दो या तीन साल बाद उन्हें बड़ा करके बेचा जाए तो कई गुना लाभ होता है. समान्यत: बकरी का दूध मार्केट में अच्छी कीमतों पर बिकता है. लेकिन डेंगू और टाइफाइड जैसी बीमारियों में इसका रेट कई गुना तक बढ़ जाता है.
बकरी पालन की ट्रेनिंग के लिए यहां करें संपर्क
बकरी के दूध के साथ-साथ अपने आउटलेट खोलकर पनीर, चीज़, पेड़ा बनाने की प्रक्रिया भी किसानों को सिखाई जा रही है. इससे किसानों का मुनाफा कई गुना बढ़ जाएगा. अगर आप बकरी पालन के लिए ट्रेनिंग लेना चाहते हैं तो भेड़-बकरी केंद्र इटावा( https://cigetawah.com/) से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा आप केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा ( www.cirg.res.in) से भी आप इसकी ट्रेनिंग के लिए खास तौर पर संपर्क कर सकते हैं.
बैंक लोन में काम देगा यहां मिलने वाला सर्टिफिकेट
बकरी पालन की ट्रेनिंग का सबसे ज्यादा फायदा यह है कि इसका सर्टिफिकेट बैंक लोन में भी काम आएगा. प्रशिक्षण के दौरान पशुपालकों को बीमा दावा और बैंकिंग प्रणाली के बारे में भी बताया जाता है. ताकि किसानों को कर्ज लेने में दिक्कत न हो. फिलहाल, बरबरी, जमुनापारी एवं ब्लैक गोट बकरी की प्रजाति के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.