इजरायल ने ईरान पर अबतक के सबसे बड़े हमले में ईरान को जबर्दस्त चोट पहुंचाई है. ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के नाम से शुरू किए गए इस हमले में इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह कर दिया है. ईरान ने पुष्टि की है कि इजरायली हमले में नतांज परमाणु साइट तबाह हो गया है. नतांज वो जगह है जहां ईरान यूरेनियम इनरिचमेंट कर रहा था. यूरेनियम को इनरिच करने के बाद ही इससे परमाणु बम बनाया जाता है.
यही नहीं इजरायल ने ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को मारने का दावा किया है. इजरायल ने ईरान के टॉप सैन्य कमांडरों को मार डाला है. इसके अलावा इजरायली सेना ने ईरान के बैलेस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को पंगु कर दिया है.
इजरायल ने ईरानी एयर डिफेंस को भेदते हुए अपने फाइटर प्लेन तेहरान के आसमान में उतार दिए और अपने हमले को अंजाम दिया.
लेकिन सवाल है कि इजरायल ने इतना बड़ा हमला क्यों किया? ये हमला इतना बड़ा है कि इसके आउट आफ कंट्रोल हो जाने की आशंका है और ये पूर्ण युद्ध में तब्दील हो सकता है. आखिर इजरायल ने इतना बड़ा, इतना घातक और इतना प्रचंड प्रहार क्यों किया.
इसका जवाब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने एक वीडियो जारी कर दिया है.
Moments ago, Israel launched Operation “Rising Lion”, a targeted military operation to roll back the Iranian threat to Israel's very survival.
— Benjamin Netanyahu - בנימין נתניהו (@netanyahu) June 13, 2025
This operation will continue for as many days as it takes to remove this threat.
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Statement by Prime Minister Benjamin Netanyahu: pic.twitter.com/XgUTy90g1S
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, "दशकों से, तेहरान के तानाशाह बेशर्मी से खुलेआम इजरायल के विनाश का आह्वान करते रहे हैं.उन्होंने अपने नरसंहारक बयानों को परमाणु हथियार विकसित करने के कार्यक्रम के साथ समर्थन दिया है. हाल के वर्षों में, ईरान ने नौ परमाणु बमों के लिए पर्याप्त उच्च-संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन किया है. नौ,"
ईरान से किस बात का डर इजरायल को सताता है?
दरअसल इजरायल को डर सताता आ रहा है कि अगर ईरान ने परमाणु बम बना लिया तो ईरान की ये कामयाबी इजरायल के वजूद को ही खत्म कर सकती है. इसलिए इजरायल किसी भी कीमत पर ईरान को परमाणु बम हासिल होने नहीं देना चाहता है. अमेरिका भी यही चाहता है कि ईरान किसी भी हालत में परमाणु बम न बनाए. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि ईरान परमाणु बम नहीं बना सकता है. अमेरिका किसी भी हालत में ईरान को परमाणु बम नहीं बनाने देगा.
Israeli Strike Hits Residential Area in Northeastern Tehranhttps://t.co/533au0TKud pic.twitter.com/QPRr8twZsM
— Fars News Agency (@EnglishFars) June 13, 2025
लेकिन ईरान इसे अपनी सुरक्षा के जरूरी बताता है और हर हाल में परमाणु बम बनाना चाहता है. इसके लिए ईरान इजरायल-अमेरिका से किसी तनाव को लेने पर आमदा है. हाल ही में ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने कहा था कि अमेरिका या इजरायल नहीं बताएगा कि हमें परमाणु कार्यक्रम रखना चाहिए या नहीं? खामेनेई ने कहा था कि अमेरिका हमारे परमाणु कार्यक्रम को कमजोर नहीं कर पाएगा और तेहरान अपने यूरेनियम संवर्धन कार्य को नहीं छोड़ेगा.
ईरान और इजरायल के बीच लंबे समय से तनाव चला आ रहा है. ईरान द्वारा समर्थित हमास और हिजबुल्लाह जैसे समूहों के हमलों, खासकर 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले, ने तनाव को और बढ़ाया. ईरान का 1 अक्टूबर 2024 को इजरायल पर मिसाइल हमला भी इस जवाबी कार्रवाई का कारण बना. इजरायल का मानना था कि ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को नष्ट करना क्षेत्रीय स्थिरता और उसकी सुरक्षा के लिए जरूरी था.
नेतन्याहू ने ईरान पर इजरायली हमले की वजह बताते हुए कहा कि इजरायल ने नाजी नरसंहार से सबक सीखा है और "फिर कभी ऐसा नहीं होगा" का संदेश दिया है, इजरायल ने कसम खाई कि उनका देश ईरानी शासन द्वारा किए गए परमाणु नरसंहार का शिकार नहीं बनेगा.
उन्होंने जोर देकर कहा, "इजराइल उन लोगों को कभी भी उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के साधन विकसित करने की अनुमति नहीं देगा जो हमारे विनाश का आह्वान करते हैं. आज रात इजरायल उन शब्दों को कार्रवाई के साथ समर्थन देता है."
इन खतरों को अगली पीढ़ी के लिए नहीं छोड़ सकते
नेतन्याहू ने कहा हमने ईरान के परमाणु संवर्धन कार्यक्रम के केंद्र पर हमला किया. हमने ईरान के परमाणु हथियारीकरण कार्यक्रम के केंद्र पर हमला किया. हमने नतांज़ में ईरान की मुख्य संवर्धन सुविधा को निशाना बनाया. हमने ईरानी बम पर काम कर रहे ईरान के प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया. हमने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के केंद्र पर भी हमला किया.
पीएम नेतन्याहू ने ईरान पर हमले की वजह बताते हुए कहा, "हम इन खतरों को अगली पीढ़ी के लिए नहीं छोड़ सकते, क्योंकि अगर हम अभी कार्रवाई नहीं करेंगे, तो अगली पीढ़ी नहीं आएगी."
कल्पना कीजिए 10000 मिसाइल...
नेतन्याहू ने यह भी दावा किया कि ईरान द्वारा पैदा परमाणु खतरे के अलावा वह अपने मिसाइल-विकास कार्यक्रम पर भी काम कर रहा है, जिसका लक्ष्य तीन वर्षों के भीतर 10,000 मिसाइलों का उत्पादन करना है.
पीएम नेतन्याहू ने इजरायल के अटैक को सही ठहराते हुए कहा, "कल्पना कीजिए कि 10,000 टन टीएनटी न्यू जर्सी के आकार के देश पर गिरे.
Israel Strikes Residential Areas in Tehran in Early Morning Attackhttps://t.co/Y5ttBaIFor pic.twitter.com/H0vv2tR1X3
— Fars News Agency (@EnglishFars) June 13, 2025
"यह एक असहनीय खतरा है. इसे भी रोका जाना चाहिए. ईरान अब इजरायल को नष्ट करने की नई योजना पर काम कर रहा है. आप देखिए, पुरानी योजना विफल हो गई. ईरान और उसके सहयोगियों ने इजरायल को रिंग ऑफ फायर से घेरने की कोशिश की और 7 अक्टूबर के भयानक हमले के साथ हम पर हमला करने की कोशिश की."
इजरायली डिफेंस फोर्स ने भी ईरान पर हमले की वजह बताते हुए कहा कि सालों से ईरानी इजरायल के विनाश का आह्वान कर रहा था और ऐसी स्थिति में हमारे पास कोई विकल्प नहीं रह गया था. IDF के प्रवक्ता बीजी एफी डेफरिन ने कहा, “सालों से ईरानी शासन ने इजरायल देश के विनाश का आह्वान किया है, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सक्रिय रूप से ठोस सैन्य अभियानों की योजना बनाई और उन्हें आगे बढ़ाया है. हाल के महीनों में खुफिया जानकारी से संकेत मिला है कि ईरान परमाणु हथियार हासिल करने से पहले से कहीं ज़्यादा करीब है."
IDF ने कहा, "आज सुबह, IDF ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लक्षित करते हुए पूर्वव्यापी और सटीक हमले किए, जिसका उद्देश्य निकट भविष्य में शासन की परमाणु बम विकसित करने की क्षमता को रोकना है. हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. हम एक आसन्न और अस्तित्वगत खतरे के जवाब में काम कर रहे हैं. हम ईरानी शासन को परमाणु हथियार हासिल करने की अनुमति नहीं दे सकते, जो न केवल इजरायल के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है. यह ऑपरेशन हमारे यहां रहने के अधिकार, हमारे भविष्य और हमारे बच्चों के भविष्य के बारे में है.”
हम उस बिंदु पर हैं जहां से वापसी संभव नहीं
IDF के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल EYAL ZAMIR ने ईरान पर हमले की वजह इजरायल के वजूद पर मंडराते खतरे को बताई. उन्होंने कहा, "आज रात ऑपरेशन 'राइजिंग लॉयन' शुरू किया, ताकि इजरायल स्टेट के खिलाफ ईरानी शासन से खतरों पर रणनीतिक हमला किया जा सके. हम किसी भी अन्य अभियान से अलग एक ऐतिहासिक अभियान के बीच में हैं. यह एक ऐसे दुश्मन द्वारा अस्तित्व के लिए खतरा पैदा करने से रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान है, जो हमें नष्ट करने पर आमादा है. हमने यह अभियान इसलिए शुरू किया क्योंकि समय आ गया है, हम उस बिंदु पर हैं जहां से वापसी संभव नहीं है. हम ऑपरेशन के लिए किसी और समय का इंतजार नहीं कर सकते, हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है.
इजरायल ने दर्दनाक नियति तैयार कर ली है- खामेनेई
ईरान ने इस इजरायली हमले से हुए नुकसान को स्वीकार किया है. ईरानी सरकारी टेलीविजन ने पुष्टि की है कि देश के अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी शुक्रवार को इजरायली हमले में मारे गए.
ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने भी माना है कि कई कमांडर, वैज्ञानिक मारे गए हैं. खामेनेई ने ट्वीट किया, "यहूदी शासन ने आज भोर में अपने शैतानी, रक्तरंजित हाथों से हमारे प्यारे देश में एक अपराध किया है. रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर इसने अपनी दुर्भावनापूर्ण प्रकृति को पहले से भी ज़्यादा उजागर किया है.
दुश्मन के हमलों में कई कमांडर और वैज्ञानिक शहीद हो गए हैं. उनके उत्तराधिकारी और सहयोगी बिना किसी देरी के अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे.
इस अपराध के साथ ही ज़ायोनी शासन ने अपने लिए एक कड़वी, दर्दनाक नियति तैयार कर ली है, जिसे उसे निश्चित रूप से देखना होगा."
इस हमले के बाद ईरान ने इजरायल पर बड़े हमले की धमकी दी है. ईरान के सशस्त्र बलों के प्रवक्ता जनरल शेकरची ने सरकारी टेलीविजन पर कहा कि इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका को "एक जोरदार तमाचा" मिलेगा और ईरान के सशस्त्र बल तैयार हैं और जल्द ही जवाबी हमले करेंगे.