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US ने बनाई दूरी, अरब देश भी नहीं साथ... ईरान पर इजरायली पलटवार में इसलिए देरी!

ईरान ने अप्रैल में इजरायल पर 600 से अधिक रॉकेट, मिसाइल और ड्रोन दागे थे तो जॉर्डन और सऊदी अरब ने भी अमेरिका, यूके और फ्रांस का साथ इजरायल की मदद करने में दिया था. जॉर्डन ने ईरान के हालिया अटैक में भी इजरायल की बड़ी मदद की थी. इजरायल और ईरान के बीच 2 हजार किलो मीटर से ज्यादा की दूरी है. ऐसे में इजरायल के लड़ाकू विमानों को इतनी बंदिशों के साथ ईरान पर हमला करना बहुत मुश्किल हो जाएगा.

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ईरान पर कब हमला करेगा इजरायल?
ईरान पर कब हमला करेगा इजरायल?

'इजरायल ईरान पर कब हमला करेगा', ये वो सवाल है जिस पर सारी दुनिया की निगाह है. अगर इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया तो फिर दोनों देशों के बीच महायुद्ध शुरू होने से कोई नहीं रोक पाएगा. नेतन्याहू जिस तरह से ईरान को जवाब देने में वक्त ले रहे हैं, अमेरिका जिस तरह से कह रहा है कि इजरायल उनकी भी नहीं सुन रहा, उसे देखते हुए जानकार नेतन्याहू के 'ईरान प्लान' से डरे हुए हैं.

1 अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर हमला किया और उसके बाद इजरायल ने ईरान को करारा जवाब देने का ऐलान कर दिया. इसके बाद से सारी दुनिया इजरायल के पलटवार से डरी हुई है क्योंकि इजरायल का ईरान पर सीधा हमला मिडिल ईस्ट में महायुद्ध की शुरुआत करवा सकता है लेकिन बड़ी बात ये है कि इजरायल की तरफ से ईरान के हमले के इतने दिन बाद भी सिर्फ धमकियां दी जा रही हैं. इजरायल ईरान को कह रहा है कि वो ऐसा हमला करेगा कि वो याद रखेगा. लेकिन सवाल ये है कि वो हमला कैसा होगा? आखिर इजरायल को जवाब देने में इतना वक्त क्यों लग रहा है? इसे समझने के लिए हमें इजरायल के विकल्पों को जानना होगा। 

ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले की तैयारी कर रहा इजरायल?

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पहली संभावना ये है कि इजरायल ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाए. ऐसे हमले में ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम और मिसाइल लॉन्च करने वाले ठिकाने इजरायल के निशाने पर होंगे. लेकिन इस तरह का हमला इजरायल के सबसे बड़े डर को खत्म करने के लिए काफी नहीं होगा, जो ईरान के परमाणु बम बनाने से जुड़ा है और अमेरिका इसके खिलाफ खुलकर बोल रहा है. नेतन्याहू किसी की सुनने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों को तो निशाना बनाने की तैयारी नहीं कर रहा. शायद इसीलिए नेतन्याहू इतना वक्त ले रहे हैं. लेकिन इससे जुड़ा पहला सवाल ये है कि क्या इजरायल ऐसा कर सकता है? 

ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करना इजरायल के लिए बहुत मुश्किल होगा क्योंकि इजरायल और अमेरिका से बचने के लिए ईरान ने अपने सभी परमाणु ठिकाने अंडरग्राउंड बना रखे हैं. इसलिए उन्हें ढूंढकर खत्म करना अकेले इजरायल के बस की बात नहीं होगी. ऐसे में अगर ये हमला नाकाम हुआ तो भी ईरान को भड़काने के लिए काफी होगा और वो परमाणु बम बनाने के अपने लक्ष्य को कई गुना तेज कर सकता है.

इजरायल के लिए मुश्किल है हमला करना

इजरायल के लिए ये काम करना अब पहले से ज्यादा और भी मुश्किल हो गया है. एक तरफ अमेरिका इसके खिलाफ है तो वहीं अरब देशों ने इजरायल को कह दिया है कि वो ईरान पर हमले के दौरान उनके हवाई क्षेत्र में न आए. एक रिपोर्ट के मुताबिक जॉर्डन, UAE, सऊदी अरब और कतर ने अमेरिका से कहा है कि अगर उनके क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए कोई देश ईरान पर हमला करता है तो ईरान बदले में उन पर भी हमले कर सकता है. ईरान ने ऐसे संकेत भी दिए हैं. ऐसे में संघर्ष से बचने के लिए वह नहीं चाहते कि उनके हवाई या जमीनी क्षेत्र का इस्तेमाल ईरान के खिलाफ हो. बड़ी बात ये है कि ईरान के विदेश मंत्री हाल ही में सऊदी अरब और कतर के दौरे पर थे.

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ईरान ने अप्रैल में इजरायल पर 600 से अधिक रॉकेट, मिसाइल और ड्रोन दागे थे तो जॉर्डन और सऊदी अरब ने भी अमेरिका, यूके और फ्रांस का साथ इजरायल की मदद करने में दिया था. जॉर्डन ने ईरान के हालिया अटैक में भी इजरायल की बड़ी मदद की थी. इजरायल और ईरान के बीच 2 हजार किलो मीटर से ज्यादा की दूरी है. ऐसे में इजरायल के लड़ाकू विमानों को इतनी बंदिशों के साथ ईरान पर हमला करना बहुत मुश्किल हो जाएगा. अब सवाल ये है कि क्या इसी वजह से नेतन्याहू हमला करने में देर लगा रहे हैं?

इजरायल के सांसद ने दिए सवालों के जवाब

1 तारीख को ईरान ने हमला किया था. अगर इजरायल को ईरान की तरह मिसाइलों से हमला करना होता तो वो कब का कर चुका होता लेकिन इजरायल कह रहा है कि उसके वार को ईरान हमेशा याद रखेगा. इजरायल से जुड़े अहम सवालों को इजरायल के सांसद पूछा गया जो इजरायल की संसद की सुरक्षा और विदेश मामलों की समिति के सदस्य भी हैं. उनसे पूछा गया, 1 अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर हमला किया था, देर क्यों हो रही है? 

उन्होंने जवाब दिया, इजरायल के पास अपनी सुरक्षा करने का अधिकार है. हम अपनी रक्षा कर सकते हैं. मैं आपको बता दूं कि हम अपने लोगों की रक्षा करेंगे. उनसे पूछा गया, क्या अमेरिका की वजह से ईरान को जवाब देने में देरी हो रही है, जो नहीं चाहता कि आप ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाएं? उन्होंने कहा कि 'मैं एक बार फिर कह दूं कि हम अपनी रक्षा कर सकते हैं और करेंगे.' इजरायली सांसद से पूछा गया, ईरान के परमाणु ठिकाने संभावित हमलों की सूची से बाहर नहीं हैं? उन्होंने कहा, 'हम सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. हम अपनी क्षमताओं को पहले भी दिखा चुके हैं. अपने लोगों की रक्षा के लिए हम सबकुछ करेंगे.'

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गद्दारी के आरोप में इस्माइल कानी गिरफ्तार

ईरान में इजरायल क्या करेगा. क्या वो ईरान के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाएगा. क्योंकि ईरान लगातार इजरायल को ऐसी किसी हरकत से बाज आने की चेतावनी दे रहा है. लेकिन क्या वाकई में इजरायल ईरान में सत्ता बदलने के लिए ऐसा कर सकता है? ईरान में घुसकर हमास चीफ को मारकर इजरायल अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर चुका है. 

इस बीच एक खबर ने सारी दुनिया को चौंका दिया है. इजरायल ने जुलाई में हमास नेता इस्माइल हानिया को उड़ाया तो बीते 27 सितंबर को हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मार डाला. खास बात ये रही कि बेहद ही गोपनीय तरीके से रहने वाले इन नेताओं की सटीक जानकारी इजरायल के पास थी. इस बीच खबर आई है कि ईरान ने अपनी कुद्स फोर्स के टॉप कमांडर इस्माइल कानी को हिरासत में लिया है. ईरान को शक है कि शीर्ष स्तर पर गद्दारी करके इन नेताओं की लोकेशन इजरायल तक पहुंचाई गई. बेरूत में नसरल्लाह के संभावित उत्तराधिकारी सफीद्दीन के इजरायली हमले में मारे जाने के बाद कई दिनों तक इस्माइल कानी के बारे में पता नहीं चल रहा था. 

क्या हर जगह मौजूद हैं इजरायल के जासूस?

ये आशंका जताई गई कि शायद कानी भी सफीद्दीन के साथ मारे गए. लेकिन इसी बीच ये जानकारी सामने आई कि कानी हमले के समय सफीद्दीन के साथ नहीं थे. अब स्काई न्यूज के अरब संस्करण ने बताया है कि इस्माइल कानी जिंदा हैं और तेहरान में हिरासत में हैं, जहां उनसे इजरायल के साथ संबंधों को लेकर कड़ी पूछताछ की जा रही है. ये खबर बताती है कि इजरायल के जासूस हर जगह हैं. इसमें ईरान की सेना भी शामिल है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जिंदगी भर याद रहने वाले पलटवार की धमकी देने वाला इजरायल क्या ईरान में सत्ता के केंद्र को निशाना बना सकता है?

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इजरायल के दुश्मनों को मारने का क्रम देखें तो ये अपने आप में बहुत कुछ बताता है. पिछले साल हमास के हमले के बाद इजरायल ने उसके चीफ को मारा फिर इजरायल ने हमास का साथ देने वाले और ईरान के सबसे शक्तिशाली प्रॉक्सी ग्रुप के नेता को मारा. इस फेहरिस्त में ईरान का नंबर अगला है जो इजरायल के खिलाफ एक साथ कई प्रॉक्सी ग्रुप को इस्तेमाल कर रहा है. हानिया को जिस तरह से तेहरान के सबसे सुरक्षित इलाके में मारा गया, उसने ईरान में इजरायल की घुसपैठ दिखा दी और अब ईरान की एलीट कुद्स फोर्स के कमांडर पर लगे गद्दारी के आरोप ने ईरान की कमजोरी सामने लाकर रख दी है. 

आखिरी वक्त पर इस्माइल कानी ने बदली लोकेशन

स्काई न्यूज अरबी ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि 67 साल के ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल कानी को पूछताछ के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया. वर्तमान में उनकी स्थिति क्या है, इस बारे में कुछ पता नहीं है. इस्माइल कानी को आखिरी बार पिछले सप्ताह रविवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में देखा गया था. ईरान को अपने टॉप जनरल पर शक तब हुआ, जब पिछले सप्ताह इजरायल ने नसरल्लाह के संभावित उत्तराधिकारी सफीद्दीन को निशाना बनाया. सफीद्दीन जैसे ही लोकेशन पर पहुंचा, इजरायली विमानों ने उस जगह को बमों से तहस-नहस कर दिया. बताया जाता है कि सफीद्दीन के साथ कानी को भी उस जगह पर होना था, लेकिन आखिरी वक्त में उन्होंने इरादा बदल दिया. क्या ऐसा इजरायल से सांठगांठ होने के चलते हुए. ये वो सवाल है, जिसका जवाब ढूंढ़ने में ईरान लगा हुआ है.

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एक तरफ दुनिया को डर है कि इजरायल ईरान में राजनीतिक हत्याएं न करवा दे तो वहीं इजरायल ने आरोप लगाया कि ईरान उसके यहां रहने वाले अरब लोगों को भड़का रहा है. इस तरह दोनों तरफ से नए-नए मोर्चे पर जंग चल रही है.

(इनपुट: गौरव सावंत)

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