थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं ने रविवार को दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संघ (आसियान) शिखर सम्मेलन के दौरान एक विस्तारित सीजफायर समझौते पर हस्ताक्षर किए. ये समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उपस्थिति में हुआ, जिन्होंने जुलाई में दोनों देशों के बीच पांच दिनों तक चले घातक सीमा संघर्ष को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया था. ट्रंप के आगमन के तुरंत बाद हस्ताक्षरित इस समझौते ने क्षेत्रीय शांति की उम्मीदें जगाई हैं. शांति समझौते के बाद थाई पीएम और कंबोडियाई पीएम ने ट्रंप का आभार जताया.
ये विस्तारित सीजफायर समझौता तीन महीने पहले हुई एक संधि पर आधारित है. ये संधि तब हुई थी, जब ट्रंप ने दोनों देशों के तत्कालीन नेताओं से फोन पर बातचीत की थी. उन्होंने नेताओं से सीमा संघर्ष खत्म करने की अपील की थी.
थाई पीएम ने किया ट्रंप का धन्यवाद
समझौते के बाद थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम ने ट्रंप को धन्यवाद देते हुए कहा, 'दोनों देशों के बीच शांति के लिए ट्रंप की निजी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद.'
जल्द रिहा होंगे युद्धबंदी
उन्होंने वादा किया कि हथियारों को तुरंत हटाने और युद्धबंदियों (पीओडब्ल्यू) को मुक्त करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी. फुमथम ने आगे कहा, 'यदि इस घोषणा का पूर्ण कार्यान्वयन हो गया तो ये स्थायी शांति के निर्माण खंड प्रदान करेगा.'
कंबोडिया के पीएम ने की सराहना
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेत ने भी ट्रंप, चीन सरकार और मलेशिया की भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि ये समझौता भरोसे को पुनर्निर्माण करने और आगे बढ़ने का वक्त है.
वहीं, समझौते के ट्रंप ने कहा, 'वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान संघर्ष को भी बहुत जल्द सुलझा लेंगे.' इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर और पाक पीएम शहबाज शरीफ की भी तारीफ की.
जुलाई में हुआ था संघर्ष
दरअसल, जुलाई में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर भड़के संघर्ष ने दर्जनों लोगों की जान चली गई थी और लाखों लोग बेघर हो गए थे. ये विवाद फ्रांसीसी उपनिवेशवाद काल से चली आ रही सीमा विवाद पर आधारित था, जिसमें प्रीहविहार मंदिर क्षेत्र शामिल है. संघर्ष के तीसरे दिन ट्रंप ने दोनों देशों के तत्कालीन नेताओं से फोन पर बातचीत की और संघर्ष खत्म करने की अपील की. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि युद्ध नहीं रुका तो वाशिंगटन के साथ उनके ट्रेड वार्ताओं को रोक दिया जाएगा.
अब कुआलालंपुर में हुए इस विस्तारित समझौते ने उस आधार को मजबूत किया है. थाई प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई और कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेत ने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की मेजबानी में वार्ता की.