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'हम हमास जैसे आतंकियों और पुतिन जैसे अत्याचारियों को नहीं जीतने देंगे', हमास और रूस पर अमेरिकी प्रेसिडेंट बाइडेन की दो टूक

इजरायल और हमास के बीच दो हफ्ते से जंग चल रही है. ये जंग फिलहाल खत्म होते नहीं दिख रही है. इस बीच दुनियाभर के देश दो हिस्सों में बंटे देखे जा रहे हैं. अलग-अलग देशों के समर्थन में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ कर दिया है कि वो अपने स्टैंड पर कायम रहेगा.

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आज राष्ट्र को संबोधित करेंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आज राष्ट्र को संबोधित करेंगे.

इजरायल और हमास के बीच युद्ध तेज होता जा रहा है. 13 दिन बीत गए हैं और गाजा पट्टी में हमास के लड़ाकों को मारने के लिए बम, रॉकेट और मिसाइल से हमले किए जा रहे हैं. इस युद्ध से दुनिया भी टेंशन में देखी जा रही है. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने युद्ध को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है. बाइडेन ने राष्ट्र को संबोधित किया और साफ कहा, हम हमास जैसे आतंकवादियों और पुतिन जैसे अत्याचारियों को नहीं जीतने दे सकते और ना ही जीतने देंगे. मैं ऐसा नहीं होने दूंगा.

बाइडेन ने कहा, मैंने हमास द्वारा बंदी बनाए गए अमेरिकियों के परिवारों से बात की है. हम उनके परिजन को घर लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. राष्ट्रपति के रूप में मेरे लिए बंधक बनाए गए अमेरिकियों की सुरक्षा से बढ़कर कोई प्राथमिकता नहीं है. हम जानते हैं कि हमारे सहयोगी और शायद सबसे महत्वपूर्ण रूप से हमारे विरोधी और प्रतिस्पर्धी यूक्रेन में हमारी प्रतिक्रिया पर नजर रख रहे हैं.

'दुनिया में गलत संदेश जाएगा'

बाइडेन ने कहा, यदि हम पुतिन को यूक्रेन की स्वतंत्रता को मिटाने देते हैं तो दुनियाभर के अन्य आक्रामकों में गलत संदेश जाएगा और वो भी ऐसे ही प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित होंगे. अमेरिकी नेतृत्व ही दुनिया को एक साथ रखता है. अमेरिका के गठबंधन ही हमें सुरक्षित रखते हैं.

'तो सब खतरे में पड़ जाएगा'

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उन्होंने कहा, अमेरिकी मूल्य ही हमें ऐसा भागीदार बनाते हैं जिसके साथ अन्य देश काम करना चाहते हैं. अगर हम यूक्रेन से दूर चले जाएं और इजरायल से मुंह मोड़ लें तो यह सब खतरे में पड़ जाएगा. मैंने इजरायल में भी कहा था, चाहे यह कितना भी कठिन समय क्यों ना हो, हम शांति को नहीं छोड़ सकते. हम दो स्टेट सॉल्यूशन को नहीं छोड़ सकते हैं. इजरायली और फिलिस्तीनी सुरक्षा, सम्मान और शांति से रहने के पात्र हैं.

'हमें बिना किसी लाग-लपेट के हिंसा की निंदा करनी चाहिए'

बाइडेन ने आगे कहा, हमें बिना किसी लाग-लपेट के यहूदी विरोध की निंदा करनी चाहिए. हमें बिना किसी लाग-लपेट के इस्लामोफोबिया की भी निंदा करनी चाहिए. आप सभी को दुख हो रहा है. मैं चाहता हूं कि आप सब कुछ जानो. मैं आपको देखता हूं. यहां अमेरिका में हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम कौन हैं. हम नफरत के सभी रूपों को अस्वीकार करते हैं. चाहे वो मुसलमानों, यहूदियों या किसी के भी खिलाफ हो. बाइडेन का कहना था कि महान राष्ट्र यही करते हैं- और हम एक महान राष्ट्र हैं. हम एक राष्ट्र के रूप में अपनी जिम्मेदारियों के आड़े क्षुद्र, पक्षपातपूर्ण, क्रोधपूर्ण राजनीति को नहीं आने दे सकते. 

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अमेरिकी टूरिस्ट के लिए दुनियाभर में सावधानी बरतने की अपील

वहीं, इजरायल-हमास युद्ध से अमेरिका खासा सतर्क देखा जा रहा है. गुरुवार को अमेरिकी टूरिस्ट के लिए दुनियाभर में एक अलर्ट जारी किया गया है. इसमें ऐहतियात बरतने की अपील की गई. अमेरिकी विदेश विभाग ने एक्स पर पोस्ट लिखा और कहा, दुनियाभर में विभिन्न जगहों पर तनाव बढ़ते देखा जा रहा है. ऐसे में अमेरिकी नागरिकों और उनके हितों के खिलाफ आतंकवादी हमलों, प्रदर्शन या हिंसक घटनाओं की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. विदेश विभाग, अमेरिकी नागरिकों को विदेश में ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह देता है.

'जहां पर्यटक आते, वहां खास सावधनी बरतें'

आगे कहा, अमेरिकी नागरिकों को चाहिए कि वो उन स्थानों पर सतर्क रहें जहां पर्यटक अक्सर आते हैं. जानकारी और अलर्ट प्राप्त करने और विदेश में किसी इमरजेंसी में आपके बारे में पता लगाने को आसान बनाने के लिए स्मार्ट ट्रैवलर एनरोलमेंट प्रोग्राम (STEP) में नॉमिनेशन करें. फेसबुक और ट्विटर पर डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट को फॉलो करें.

'मानव सहायता के लिए काम कर रहा है यूएन'

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक्स पर पोस्ट किया और लिखा, मैं एक मानवीय मिशन पर मिस्र में हूं. गाजा में नागरिकों को बड़े पैमाने पर समर्थन देने की तैयारी की जा रही है. मानवतावादियों को सहायता प्राप्त करने में सक्षम होने की आवश्यकता है और उन्हें इसे सुरक्षित रूप से वितरित करने में सक्षम करने की जरूरत है.

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'ड्रोन और रॉकेट से एयरपोर्ट को बनाया निशाना'

जेरूसलम पोस्ट के मुताबिक, ड्रोन और रॉकेटों ने गुरुवार शाम को ऐन अल-असद हवाई अड्डे को निशाना बनाया. ये एयरपोर्ट पश्चिमी इराक में अमेरिकी और अन्य अंतरराष्ट्रीय बलों के लिए है. वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग मैथ्यू मिलर ने गुरुवार को एक बयान में इजरायल का समर्थन किया और कहा, इजरायल कह रहा है कि हमास को गाजा से बाहर निकाला जाना चाहिए. ये मांग उचित है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी नागरिकों की रक्षा की जानी चाहिए.

'सैनिकों से मिले पीएम नेतन्याहू'

इजरायल की गोलानी ब्रिगेड गाजा सीमा के पास तैनात है. गुरुवार को सैनिकों से मिलने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहुंचे. उन्होंने कहा, मैं यहां देश के सभी हिस्सों से आए गोलानी सैनिकों के साथ हूं. वे शेरों की तरह लड़े हैं और शेरों की तरह ही लड़ेंगे. उन्होंने पूछा- क्या आप युद्ध को जारी रखने के लिए तैयार हैं? इस पर सैनिकों ने हां में जवाब दिया. नेतन्याहू ने कहा, हम पूरी ताकत से जीतेंगे. इजरायल के सभी लोग आपके पीछे हैं और हम जीत हासिल करने के लिए अपने दुश्मनों पर कठोर प्रहार करेंगे. 

'हमास के हमले में मारे गए हैं 1400 इजरायली'

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बता दें कि इजरायल में हमास के अचानक हमले में 1,400 लोग मारे गए हैं. जवाब कार्रवाई में उत्तरी इजरायल में लेबनान की सीमा के पास इजराइली सेना मोर्चा संभाले है. लेबनानी भूमि की ओर गोलाबारी की. दूसरी ओर से रॉकेट लॉन्च किए गए. सेना ने कहा, लेबनान से कम से कम 20 रॉकेट और एक टैंक रोधी मिसाइल दागी गई है. उसकी सेना तोपखाने से जवाबी कार्रवाई कर रही है.

इजरायल ने तुर्किये से अपने सभी राजनयिक वापस बुलाए

इजरायल ने युद्ध के बीच सुरक्षा कारणों से अपने नागरिकों को तुर्की की यात्रा ना करने की चेतावनी दी है. इसके साथ ही अपने सभी राजनयिकों को तुर्किये से वापस बुलाने का फैसला किया है.

हमास ने अब गाजा में चर्च पर हमले का आरोप लगाया

हमास की तरफ से एक बयान में बड़ा आरोप लगाया गया है. हमास ने कहा, गाजा चर्च पर इजरायली बमबारी धार्मिक स्थानों और रक्षाहीन नागरिकों के खिलाफ एक और अपराध है. गाजा शहर में पोफिलियस के प्राचीन ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च को निशाना बनाया गया, जिसमें शरण लेने वाले ईसाई लोगों में से कई लोग हताहत हुए. साथ ही साथ बड़े हिस्से में भारी क्षति हुई. दो दिन पहलेबैपटिस्ट अस्पताल में नरसंहार किया और अब जानबूझकर चर्च को निशाना बनाया. इस घटना को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय और दुनिया भर की चर्च परिषदों को निंदा करना चाहिए, ताकि पूजा स्थलों और रक्षाहीन नागरिकों के खिलाफ इस फासीवादी आक्रामकता को रोका जा सके.

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दरअसल, गुरुवार शाम युद्धक विमानों ने दक्षिणी गाजा में अल-जायतौन पड़ोस में सेंट पोर्फिरियस चर्च पर बमबारी की, जिसमें एक बच्ची और एक महिला की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. चर्च की इमारत के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके बगल की एक इमारत नष्ट हो गई.

'मलेशिया के नेता ने अमेरिका को ठहराया अत्याचार का जिम्मेदार'

वहीं, मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, अमेरिकी समर्थन के कारण इजरायल अपराध कर रहा है. उन्होंने कहा, फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायल अत्याचार कर रहा है और ये अत्याचार अमेरिका से मिलने वाले समर्थन के कारण हो रहे हैं.

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