अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे और अब अंतरिम सरकार बनाए जाने के बाद उसकी ओर से विरोधियों और विपक्षियों एक्शन लेने का काम शुरू कर दिया है. तालिबान की नवगठित सरकार (Taliban Government) ने अफगानिस्तान में अशरफ गनी शासनकाल में मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है.
अशरफ गनी शासनकाल में मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के सभी बैंक खातों को फ्रीज करने के फैसले से एक दिन पहले तालिबान सरकार के गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने विरोध प्रदर्शनों को लेकर नए नियम जारी कर दिए, जिसके तहत कोई भी विरोध प्रदर्शन की जानकारी 24 घंटे पहले देनी होगी.
इस बीच तालिबान सरकार के गठन के बाद अपदस्थ राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगान के बाशिंदों से 15 अगस्त को अचानक देश छोड़ने और शांति-स्थिरता सुनिश्चित नहीं कर पाने के लिए देशवासियों से माफी मांगी है.
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अशरफ गनी ने बुधवार को बयान जारी करके कहा, "काबुल छोड़ना मेरे जीवन का सबसे कठिन फैसला था, लेकिन मेरा मानना था कि कत्लेआम रोकने और 60 लाख नागरिकों को बचाने का यही एकमात्र रास्ता है." उन्होंने कहा कि अफगान लोगों के लाखों डॉलर लेकर भागने का आरोप बेबुनियाद है. भ्रष्ट्राचार से लड़ना राष्ट्रपति के तौर पर मेरा प्रमुख मकसद रहा था. मैंने अपनी सारी संपत्ति सावर्जनिक रूप से घोषित कर दी है. मैं अपने बयानों की सत्यता को साबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के तहत आधिकारिक ऑडिट या वित्तीय जांच का स्वागत करता हूं.
प्रदर्शन के लिए लेनी होगी जानकारी
तालिबान की ओर से जारी नए नियमों के मुताबिक, किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन के लिए न्याय मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी. साथ ही विरोध प्रदर्शन का मकसद, नारे, जगह, समय और प्रदर्शन से जुड़ी हर बात सुरक्षा एजेंसियों को बतानी होगी. यही नहीं 24 घंटे पहले सुरक्षा एजेंसियों को विरोध प्रदर्शन की जानकारी भी देनी होगी. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो उल्लंघन करने वाले पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
अफगानिस्तान में तालिबान शासन कायम होने के बाद से ही आम लोगों में काफी चिंता है. पिछले कुछ दिनों से राजधानी काबुल समेत अलग-अलग शहरों में तालिबान की सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगहों पर प्रदर्शनों की अगुवाई महिलाएं कर रही हैं. लेकिन तालिबान को यह पसंद नहीं है.
पत्रकारों और महिलाओं पर बर्बरता
यही वजह है कि प्रदर्शन कर रही महिलाओं, आम लोगों और उन प्रदर्शनों को कवर कर रहे पत्रकारों पर तालिबान बरस पड़ा है. तालिबान के लोगों द्वारा न सिर्फ प्रदर्शनकारी महिलाओं को पीटा गया, बल्कि वहां मौजूद पत्रकारों को भी मारा गया.
सोशल मीडिया में कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जहां तालिबान के लड़ाकों द्वारा महिलाओं को पीटा जा रहा है. उनके लड़ाकों ने महिलाओं और पत्रकारों को डंडों और रायफल की बट से मारा. साथ ही कई पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है और उन्हें पीटा गया.
CIA निदेशक पाक सेना प्रमुख और ISI प्रमुख से मिले
इस बीच अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) के निदेशक विलियम बर्न्स ने इस्लामाबाद में आज गुरुवार को पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों और अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.
सोमवार को तालिबान सरकार का गठन
तालिबान ने सोमवार को ही अफगानिस्तान में अपनी सरकार का ऐलान कर दिया. मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद को अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया तो मुल्ला बरादर और अब्दुल सलाम हनफी को डिप्टी पीएम बनाया गया है.
हक्कानी नेटवर्क की शुरुआत करने वाले जलालुद्दीन के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी को आंतरिक मंत्री बनाया गया है. जबकि आमिर खान मुतक्की को विदेश मंत्री और मुल्ला याकूब को देश का रक्षा मंत्री बनाया गया है.