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हाथरस हादसे पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन और जापान के पीएम किशिदा ने जताया दुख, भारत को भेजा शोक संदेश

हाथरस में मंगलवार को एक बाबा के सत्संग में भगदड़ मची और 121 लोगों की मौत हो गई. सत्संग के आयोजक से लेकर प्रशासन तक कठघरे में खड़ा है. 24 घंटे बाद भी घटना के गुनहगार फरार हैं. खुद बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा लापता है. 

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हाथरस घटना पर पुतिन ने जताया दुख
हाथरस घटना पर पुतिन ने जताया दुख

उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को एक सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को इस घटना पर शोक व्यक्त किया है. जापान के प्रधानमंत्री ने भी हाथरस घटना पर संवेदना व्यक्त की है. ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.

भारत में रूसी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर प्रदेश में भगदड़ की घटना पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक शोक संदेश भेजा है.' जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भी घटना पर दुख जताया है. 

मुख्य सेवादार को बनाया आरोपी

हाथरस में मंगलवार को एक बाबा के सत्संग में भगदड़ मची और 121 लोगों की मौत हो गई. सत्संग के आयोजक से लेकर प्रशासन तक कठघरे में खड़ा है. 24 घंटे बाद भी घटना के गुनहगार फरार हैं. खुद बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा लापता है. 

बाबा के बारे में किसी को कोई खबर नहीं है. मुख्य सेवादार और आयोजन समिति का प्रभारी देव प्रकाश का मधुकर भी अब तक पुलिस के हाथ नहीं आया है. पुलिस एफआईआर में देव प्रकाश को मुख्य आरोपी बनाया गया है. 

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जुटी ढाई लाख लोगों की भीड़

घटना सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव की है. यहां मानव मंगल मिलन सद्भावना समिति ने 150 बीघा के खुले मैदान (खेत) में सत्संग आयोजित किया था. पुलिस एफआईआर के अनुसार, 80 हजार लोगों के कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति ली गई और तीन गुना ज्यादा यानी ढाई लाख लोगों की भीड़ जुटा ली गई. व्यवस्थाएं भी खुद बाबा के सेवादार और आयोजन समिति से जुड़े लोग संभाले थे. 

पुलिस के सिर्फ 40 जवान मौके पर मौजूद थे. जो लोग मारे गए हैं, वे धार्मिक उपदेशक भोले बाबा के 'सत्संग' में शामिल होने पहुंचे थे. फिलहाल, सरकारी अस्पताल के अंदर बर्फ की सिल्लियों पर शव पड़े हुए हैं और पीड़ितों के रिश्तेदार रोते-बिलखते देखे जा रहे हैं.

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