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34 दिन की जंग, अबतक यूक्रेन का कोई बड़ा शहर नहीं कब्जा सका रूस, देखें किस इलाके पर किसका नियंत्रण

Russia-Ukraine War: यूक्रेन के साथ जंग को शुरू किए 34 दिन बीतने के बाद भी रूस की सेना किसी बड़े शहर पर पूरी तरह कब्जा नहीं कर पाई है. यूक्रेन के जिन इलाकों पर रूसी सेना ने कब्जा कर भी लिया है, वहां उसका यूक्रेन की सेना से संघर्ष चल रहा है.

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रूस की सेना को लगातार जवाब दे रही है यूक्रेन की सेना. (फाइल फोटो-AP/PTI)
रूस की सेना को लगातार जवाब दे रही है यूक्रेन की सेना. (फाइल फोटो-AP/PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजधानी कीव से सटे इरपिन पर फिर यूक्रेन का नियंत्रण
  • खारकीव, चेर्नीहिव पर रूस का कब्जा, पर संघर्ष जारी

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन में शुरू हुई जंग को 34 दिन हो चुके हैं. महीनेभर से चल रही जंग अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. यूक्रेन की सेना के मुकाबले रूस की सेना ज्यादा बड़ी है और उसके पास हथियार भी ज्यादा हैं, लेकिन इसके बावजूद यूक्रेन के किसी भी बड़े शहर पर अब तक रूस कब्जा करने में नाकाम रहा है. 

रूस के सैन्य अधिकारी सर्गेई रत्स्कॉय का कहना है कि यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान का पहला चरण पूरा हो गया है और अब रूसी सेना डोनबास को पूरी तरह से आजाद कराने पर फोकस करेगी. जानकार इसे रूस की नाकामी से जोड़ रहे हैं. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इतने दिन की भीषण जंग के बाद भी कीव पर कब्जा न कर पाने के कारण अब रूस डोनबास पर ध्यान दे रहा है.

इसी बीच यूक्रेन की मिलिट्री इंटेलिजेंस के प्रमुख किरिलो बुडानोव ने दावा किया है कि रूस की मंशा यूक्रेन को दो टुकड़ों में बांटने की है. उनका कहना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन को पूरी तरह निगल नहीं सकते, इसलिए अब दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया की तरह ही यूक्रेन को बांटने की कोशिश करेंगे.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया था. महीने भर से चल रही जंग के बाद भी रूसी सेना अब तक यूक्रेन के कुछ ही हिस्सों पर कब्जा कर पाई है. और जहां रूसी सेना कब्जा कर भी लिया है, वहां भी उसे यूक्रेन की सेना से संघर्ष करना पड़ रहा है.

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कीव से 400 किमी दूर रूसी सेना का तबाह टैंक. (फाइल फोटो-AP/PTI)

अब तक किन-किन इलाकों पर रूस का कब्जा?

- चेर्नोबिलः जंग के पहले ही दिन रूस की सेना ने यहां पर कब्जा कर लिया था. यहां न्यूक्लियर पावर प्लांट भी है, जहां 1986 में भयंकर हादसा हुआ था. 1986 में यहां गैस लीक हो गई थी, जिससे हजारों लोगों की मौत हुई थी. यूक्रेन ने इस पावर प्लांट पर रूसी कब्जे को लेकर चिंता जताई है.

- चेर्नीहिवः यूक्रेन के उत्तर में स्थित चेर्नीहिव प्रांत पर भी रूस की सेना ने कब्जा तो कर लिया है, लेकिन संघर्ष अब भी जारी है. यूक्रेन का दावा है कि चेर्नीहिव में रूस की सेना बमबारी कर रही है. यहां की इमारतों और पुलों को तबाह कर रही है. इसी बीच रूसी सेना पर चेर्नीहिव प्रांत के स्निव्स्क शहर से 7 लोगों को किडनैप करने का आरोप लगा है. स्निव्स्क सिटी काउंसिल के प्रमुख अलेक्जेंड मेदवेदेव ने रूसी सेना पर 7 लोगों को अगवा करने का आरोप लगाया है.

- सूमीः इस इलाके पर रूस और यूक्रेन की सेना के बीच भयंकर संघर्ष अब भी जारी है. सूमी पर रूस की सेना ने कब्जा कर लिया था, लेकिन अब यूक्रेन का दावा है कि उसने इसे रूसी सेना के कब्जे से छुड़ा लिया है. सूमी वही इलाका है जहां 700 भारतीय फंसे हुए थे, जिन्हें बाद में निकाल लिया गया था. इसी बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि सेना को एक व्यक्ति की लाश मिली है, जिसे बुरी तरह टॉर्चर किया गया है. यूक्रेन का आरोप है कि रूसी सेना के टॉर्चर से ही इस व्यक्ति की मौत हुई है.

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- खारकीवः इस प्रांत पर रूस की सेना ने कब्जा कर लिया है, लेकिन ये पूरी तरह से रूसी सेना के नियंत्रण में नहीं गया है. यहां न सिर्फ यूक्रेन की सेना बल्कि आम नागरिक भी रूस की सेना से लड़ रहे हैं. खारकीव के कई शहरों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच भयानक संघर्ष जारी है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, खारकीव का साल्तिव्का शहर अब भूतिया शहर में तब्दील हो गया है. यूक्रेन ने कल खारकीव में रूसी सेना का एक प्लेन भी मार गिराने का दावा किया है.

- खेरसनः यहां भी रूस की सेना का कब्जा होने की बात कही जा रही है. इसी इलाके में जेपोरीजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट है, जिस पर रूस की सेना ने कब्जा कर लिया था. हालांकि, यहां भी उसे यूक्रेन की सेना की जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि खेरसन के ओडेसा में रूस की सेना ने क्लस्टर बम का इस्तेमाल किया है. यूक्रेन का आरोप है कि आम नागरिकों को टारगेट करने के लिए रूस की सेना ओडेसा में क्लस्टर बम का इस्तेमाल किया है, जो वॉर क्राइम है. 

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कीव से सटे ब्रोवरी में तैनात यूक्रेन के सैनिक. (फाइल फोटो-AP/PTI)

राजधानी कीव में कैसे हैं हालात?

रूस की सेना ने भले ही अब कीव से अपना ध्यान हटाकर डोनबास पर लगाने की बात कही है, लेकिन अब भी रूसी सेना कीव पर कब्जे की कोशिश में लगी है. यूक्रेन का दावा है कि कीव पर कब्जे को लेकर रूस की सेना लगातार बमबारी और हमले कर रही है. यूक्रेन ने ये भी दावा किया है कि कीव पर कब्जे के लिए रूस की सेना लगातार बढ़ती जा रही है. हालांकि, यूक्रेन की सेना जवाब भी दे रही है. 

यूक्रेन की सेना ने कीव से सटे इरपिन शहर को रूसी सेना से छीनने का दावा किया है. इरपिन के मेयर ओलेक्सेंद्र मारकुशिन ने दावा किया है कि यूक्रेन की सेना ने इरपिन पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया है. हालांकि, उन्होंने लोगों से अभी यहां न लौटने की अपील की है, क्योंकि हालात अब भी खतरनाक बने हुए हैं. 

क्रिमिया के बाद अब डोनबास की बारी?

- रूस को अब तक यूक्रेन में कोई बड़ी कामयाबी हाथ नहीं लगी है. उसे इस जंग के इतने दिन तक चलने की उम्मीद भी नहीं थी, लेकिन जंग लंबी ही खींचती जा रही है. इसी बीच रूस ने अपना ध्यान डोनबास को आजाद कराने पर लगा दिया है. 

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- डोनबास वही इलाका है जहां डोनेत्स्क और लुहांस्क स्थित हैं. डोनेत्स्क और लुहांस्क पर रूस समर्थित अलगाववादियों का कब्जा है. दोनों इलाकों ने 2014 में खुद को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया था. डोनबास के डोनेत्स्क और लुहांस्क पर भले ही रूस समर्थित अलगाववादियों का कब्जा है, लेकिन अब भी कई सारे इलाकों पर अलगाववादियों और यूक्रेन की सेना के बीच संघर्ष चल रहा है. ये संघर्ष 2014 से ही जारी है.

- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, लुहांस्क के एक स्थानीय नेता ने रविवार को बताया कि जल्द ही डोनबास में रूस में शामिल होने के लिए जनमत संग्रह कराया जाएगा. जिस तरह 2014 में क्रीमिया में जनमत संग्रह करवाया गया था और बाद में उसे रूस में विलय किया गया था, उसी तरह अब डोनबास में भी किया जाएगा.

 

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