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इस देश के नए राष्ट्रपति ने आते ही चीन को सुनाई खरी-खोटी

प्रशांत महासागर में स्थित द्वीप पलाउ में अमेरिका समर्थक राष्ट्रपति सुरंगेल व्हिप्स ने दोबारा चुनाव जीत लिया है. उनकी जीत से जहां अमेरिका खुश है तो वहीं, चीन की चिंताएं बढ़ गई हैं.

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पलाऊ के राष्ट्रपति सुरंगेल व्हिप्स जूनियर (Photo- AP)
पलाऊ के राष्ट्रपति सुरंगेल व्हिप्स जूनियर (Photo- AP)

द्वीप देश पलाउ के अमेरिका समर्थक राष्ट्रपति सुरंगेल व्हिप्स जूनियर ने दोबारा चुने जाने के बाद चीन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि चीन लगातार पलाउ की समुद्री सीमाओं का उल्लंघन कर रहा है और चीन के खोजी जहाज अकसर बिना अनुमति पलाउ की समुद्री सीमा में आते रहते हैं. उन्होंने चीन के समुद्री दावों पर भी शिकायत की और देश में अमेरिका की मौजूदगी बढ़ाने पर जोर दिया.

पलाउ में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव हुए जिसमें व्हिप्स ने 5, 626 वोट हासिल कर अपने बहनोई टॉमी रेमेन्गेसाऊ को हराया जिन्हें 4,103 वोट मिले थे. 20 हजार लोगों की आबादी वाले द्वीप देश पलाउ में व्हिप्स दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए हैं. अमेरिका और चीन के प्रभाव क्षेत्रों के बीच प्रशांत महासागर में स्थित पलाउ अमेरिका का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और ताइवान का भी राजनयिक दोस्त है.

जीत के बाद व्हिप्स ने एक बयान में कहा कि वो अर्थव्यवस्था में विविधता लाने और पर्यावरण की रक्षा करने की कोशिश करेंगे. 

पलाउ ने इस साल अमेरिका के साथ एक समझौते को रिन्यू किया है जिसके तहत उसे अपने समुद्री क्षेत्र, हवाई क्षेत्र और जमीन तक अमेरिकी सैन्य पहुंच जारी रखने के बदले में 89 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद मिलेगी.

'चीन लगातार कर रहा हमारी संप्रभुता का उल्लंघन'

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व्हिप्स ने समाचार एजेंसी एएफपी को एक इंटरव्यू भी दिया है जिसमें उन्होंने चीन पर पलाउ की समुद्री सीमाओं का सम्मान न करने के अपने आरोप को दोहराया.

उन्होंने आरोप लगाया कि चीन के खोजी जहाज बिना अनुमति पलाउ के समुद्री क्षेत्र में छिपे बैठे हैं. उन्होंने आगे कहा, 'वो (चीन) लगातार हमारी संप्रभुता और हमारी सीमाओं का सम्मान नहीं करते हैं.'

उन्होंने कहा कि चीनी अधिकारियों ने पलाउ के दो समुद्री पहाड़ों का नामकरण किया है जो कि उनके देश की संप्रभुता का उल्लंघन है. उन्होंने चीन के इस कदम को भड़काने वाला बताया है.

उन्होंने कहा कि पलाउ दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस के जहाजों के बीच टकराव को लेकर भी चिंतित है.

पलाउ में अमेरिका का रहना चीन को रोकने के लिए जरूरी

व्हिप्स ने अपने पहले कार्यकाल में इस बात को बार-बार दोहराया था कि पलाउ में अमेरिका की सैन्य उपस्थिति चीन को रोकने के लिए बेहद जरूरी है. उन्होंने सुरक्षा के मामले में पलाउ को "अमेरिकी मातृभूमि का हिस्सा" तक बता दिया था.

अमेरिका ने पलाउ में लंबी दूरी की रडार चौकी बनाई है जो कि एक महत्वपूर्ण अर्ली वार्निंग सिस्टम है. इस चौकी का निर्माण ताइवान स्ट्रेट में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को देखते हुए किया गया है.

पलाउ चीन से तेजी से दूरी बना रहा है और यह ताइवान की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले कुछेक देशों में से एक है. इस कारण चीन ने पलाउ को टूरिस्ट प्लेस के रूप में ब्लैकलिस्ट कर दिया है. इससे चीनी पर्यटकों से होने वाली पलाउ की आय प्रभावित हुई है.

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