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पाकिस्तान के साथ ट्रंप का तेल समझौता बना मजाक! खुद पाकिस्तानी उड़ा रहे खिल्ली

पाकिस्तान बीते कई दशकों से तेल और गैस की कमी का सामना कर रहा है. वहां के लोग पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमत से परेशान हैं. ऐसे में ट्रंप ने घोषणा की है कि उन्होंने पाकिस्तान के विशाल तेल भंडार को विकसित करने के लिए उसके साथ एक समझौता किया है. इस डील को लेकर खुद पाकिस्तान सौ सवाल खड़े कर रहे हैं.

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पाकिस्तान और अमेरिका के तेल डील को लेकर खुद पाकिस्तानी सवाल खड़े कर रहे हैं (Photo- Social Media/Meta AI)
पाकिस्तान और अमेरिका के तेल डील को लेकर खुद पाकिस्तानी सवाल खड़े कर रहे हैं (Photo- Social Media/Meta AI)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच विशाल तेल भंडार के विकास के लिए एक समझौता हो गया है. करीब 20 सालों से तेल और गैस उत्पादन में गिरावट झेल रहे पाकिस्तान को लेकर ट्रंप की ऐसी घोषणा को शहबाज शरीफ सरकार बड़ी जीत की तरह पेश कर रही है. लेकिन देश की जनता सवाल पूछ रही है कि वो विशाल तेल भंडार है कहां, जिसे विकसित करने को लेकर दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है? पाकिस्तान में पिछले कई दशकों से तेल का कोई विशाल भंडार नहीं मिला है और ट्रंप की बे सिर-पैर की घोषणा का पाकिस्तान के लोग मजाक उड़ा रहे हैं.

ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया वेबसाइट ट्रूथ पर एक मैसेज में लिखा था कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक समझौता हुआ है जिसके तहत दोनों देश पाकिस्तान के विशाल तेल भंडार के विकास के लिए साथ मिलकर काम करेंगे.

ट्रंप ने लिखा, 'अभी हम उस तेल कंपनी का चुनाव करने की प्रक्रिया में जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी. कौन जानता है, शायद वो (पाकिस्तानी) किसी दिन भारत को तेल बेच रहे होंगे.'

तेल और गैस उत्पादन की किल्लत झेल रहे पाकिस्तान को लेकर ट्रंप की इस घोषणा पर बाजार विश्लेषकों को हैरानी हुई तो वहीं, पाकिस्तान के लोगों ने इसका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया. पाकिस्तान के कई लोग मजाक में कह रहे हैं कि पाकिस्तान में विशाल तेल भंडार है, इसकी जानकारी उन्हें ट्रंप के ट्रूथ मैसेज से मिली है.

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आर्थिक बदहाली झेल रहा पाकिस्तान स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए भारी मात्रा में तेल और गैस का आयात करता है. पाकिस्तान की बड़ी तेल उत्पादक यूनिट्स सूई, माड़ी, उच और कादिरपुर जैसे ऑयल और गैस फील्ड्स में हाल के सालों में उत्पादन रिकॉर्ड रूप से गिरा है.

अमेरिका के साथ तेल समझौते का मजाक उड़ा रहे पाकिस्तान के लोग

पाकिस्तान अपनी जरूरत का महज 10-15 फीसदी तेल ही स्थानीय रूप से उत्पादित करता है और बाकी की जरूरत के लिए वो आयात पर निर्भर है. ऐसी स्थिति में ट्रंप का ये कहना है कि पाकिस्तान में विशाल तेल भंडार को अमेरिका मिलकर विकसित करने जा रहा, ये बात पाकिस्तानियों को भी हजम नहीं हो रही और लोग मीम शेयर कर इसका मजाक बना रहे हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस्लामाबाद के एक यूजर सलमान ने एक मीम शेयर किया है जिसमें एक पाकिस्तान खाने वाले तेल का बड़ा कनस्तर उठाए किसी डिश में भारी मात्रा में तेल उड़ेल रहा है. फोटो के कैप्शन में लिखा है, 'पाकिस्तान का विशाल तेल भंडार.'

यूजर ने एक और ट्वीट किया है जिसमें रॉयटर्स की एक खबर रीट्वीट की गई है. खबर में लिखा है कि तेल समझौते के बाद पाकिस्तान को अमेरिका से तेल की पहली शिपमेंट मिलने जा रही है. इस खबर को रीट्वीट करते हुए यूजर ने व्यंगात्मक लहजे में लिखा, 'कल तक तो पाकिस्तान में तेल की बड़ी खोज हो रही थी और आज हम अमेरिका से तेल खरीदना शुरू कर रहे हैं.'

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...तो क्या खाना पकाने वाले तेल की बात कर रहे ट्रंप?

पेशावर से एक यूजर मोहम्मद तकी ने ट्रंप का ट्रूथ मैजेस शेयर करते हुए लिखा, 'पाकिस्तान के पास बेचने के लिए सचमुच टनों तेल है, वो भी सांप का तेल! आरसीडी हाईवे से लेकर चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर, एसआईएफसी और ट्रंप की बचकानी हरकतों तक, पाकिस्तानी सेना और उसके चाटुकार नेता एल्डोरैडो को ढूंढ़ने के वादे करके जनता को ठगते रहते हैं. ये दावा भी झूठा साबित होगा.'

कराची, पाकिस्तान से नूर तौकीर नाम की एक यूजर ने तेल में बने परांठे और तंदूरी चिकन की तस्वीर शेयर करते हुए मजाकिया अंदाज में लिखा, 'अगर आप कहते हैं कि पाकिस्तान के पास तेल नहीं है तो ये परांठे और तंदूरी चिकन किस चीज में बने है... जरा बताइए...'

पाकिस्तान से एक अन्य यूजर ने लिखा, 'प्रधानमंत्री भुट्टो ने नेशनल असेंबली में कहा था कि पाकिस्तान तीन साल में अपनी तेल जरूरतों में आत्मनिर्भर हो जाएगा. यह 50 साल पहले की बात है! इसलिए जब ट्रंप या आसिम मुनीर यह दावा करें कि पाकिस्तान ने तेल और खनिजों का खजाना पा लिया है तो हमें इस पर शक होता है.' 

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कासिफ नाम के एक यूजर ने लिखा कि पाकिस्तान में चीन की चोरी जिस तरह कभी नहीं पकड़ी गई, उसी तरह पाकिस्तान भी कभी तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं होना वाला.

पाकिस्तान के बहुत से यूजर्स मजाक में कह रहे हैं कि ट्रंप क्रूड ऑयल की खोज की बात नहीं कर रहे बल्कि वो खाना पकाने वाले तेल की बात कर रहे हैं.

अमेरिका-पाकिस्तान तेल डील को लेकर क्या कह रहे एक्सपर्ट्स

अमेरिका-पाकिस्तान तेल समझौते को लेकर एक्सपर्ट्स भी हैरानी जता रहे हैं. विदेश नीति के जानकार माइकल कुगेलमैन ने एक्स पर लिखा कि पाकिस्तान अपने यहां तेल की खोज को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है.

उन्होंने लिखा, 'ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका और पाकिस्तान ने पाकिस्तान के विशाल तेल भंडार को विकसित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. हाल के हफ्तों में पाकिस्तान ने अपने तेल भंडार के बढ़ते अनुमान को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है.'

एक अन्य ट्वीट में कुगेलमैन ने डील पर सवाल उठाते हुए लिखा, 'वैसे, यह ट्रंप प्रशासन का एक और मामला लगता है जिसमें वो उत्साह में आकर पाकिस्तान के साथ गाड़ी को घोड़े के आगे लगाने की कोशिश कर रहा है- बिल्कुल क्रिप्टो और महत्वपूर्ण खनिजों की तरह. इन भंडारों के बारे में कई सवाल हैं, जिनमें सुरक्षा, तकनीक और उन तक पहुंचने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं.'

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किसी अमेरिकी तेल कंपनी ने पाकिस्तान से नहीं की डील

डील को लेकर 'इंडिपेंडेंट एनर्जी पॉलिसी इंस्टिट्यूट' के चेयरमैन नरेंद्र तनेजा ने बीबीसी हिंदी से बात करते हुए कहा कि जब तक समझौते की बारीकियां सामने नहीं आ जाती तब तक अमेरिका-पाकिस्तान तेल डील को डील मानना ही नहीं चाहिए.

उनका कहना है कि अमेरिका में सरकारी तेल कंपनियां नहीं होती हैं और सारी तेल कंपनियां प्राइवेट हैं. वो कहते हैं, 'जहां तक मेरी जानकारी है, किसी अमेरिकी कंपनी ने पाकिस्तान के साथ डील नहीं की है. ट्रंप कहेंगे और अमेरिकी कंपनियां पाकिस्तान चली जाएंगी, ऐसा अमेरिका में नहीं होता. वो बहुत बड़ी कंपनियां हैं. अमेरिकी कंपनियां अपनी सरकार की इच्छा से पाकिस्तान नहीं जाएंगी, बल्कि तभी जाएंगी जब उन्हें सुरक्षा मिलेगी.'

वो सवाल पूछते हैं कि 'पाकिस्तान में तेल के भंडार कहां मिले हैं? ट्रंप कह रहे हैं कि पाकिस्तान में बड़े तेल भंडार हैं तो ये कहां और कितने बड़े हैं? जब तक ये सब साफ नहीं होता कोई भी कंपनी पाकिस्तान नहीं जाएगी.'  

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