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मुनीर पर आई बात तो अपने यौन अपराधियों को पाकिस्तान बुलाने पर राजी हुए शहबाज, ब्रिटेन से की ये डील

पाकिस्तान ने ब्रिटेन को ग्रूमिंग गैंग के दोषियों को वापस लेने की पेशकश की है, बशर्ते ब्रिटेन दो प्रमुख राजनीतिक विरोधियों को पाकिस्तान सौंपे. पाकिस्तान यौन दोषियों के वापस लेने के बदले में आसिम मुनीर के आलोचकों को पाकिस्तान वापस चाहता है ताकि उन्हें जेल में डाल सके.

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शहबाज शरीफ सरकार आसिम मुनीर के विरोधियों को विदेशों में भी टार्गेट कर रही है (File Photo: Reuters)
शहबाज शरीफ सरकार आसिम मुनीर के विरोधियों को विदेशों में भी टार्गेट कर रही है (File Photo: Reuters)

पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार देश भर में अपने आर्मी चीफ आसिम मुनीर के विरोधियों का दमन तो कर ही रही है, साथ ही विदेशों में रह रहे आलोचकों को भी चैन से नहीं रहने दे रही. क्विड-प्रो-क्वो (लेन-देन के बदले लेन-देन) की चाल चलते हुए पाकिस्तान ने कथित तौर पर ब्रिटेन को यह प्रस्ताव दिया है कि वो ब्रिटेन में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के दोषी सेक्स अपराधियों को स्वीकार कर लेगा, लेकिन इसके बदले ब्रिटेन को पाकिस्तान के कुछ राजनीतिक विद्रोहियों को सौंपना होगा.

रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान ने कहा है कि वो कारी अब्दुल रऊफ और आदिल खान जैसे 'पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग' के दोषी सदस्यों को वापस लेने को तैयार है, बशर्ते ब्रिटेन दो हाई-प्रोफाइल एंटी-आसिम मुनीर राजनीतिक विरोधियों को पाकिस्तान को सौंप दे. इन दो लोगों के नाम हैं- शहजाद अकबर (पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक) और आदिल राजा (पूर्व पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी जो कि आसिम मुनीर के खिलाफ व्हिसलब्लोअर बन गए).

अमेरिका-स्थित स्वतंत्र मीडिया Drop Site News ने सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है. शहजाद अकबर और आदिल राजा अप्रैल 2022 से यूके में निर्वासन में रह रहे हैं. दोनों ही आसिम मुनीर के नेतृत्व वाली सेना और पीएम शहबाज शरीफ की हाइब्रिड सरकार के कड़े आलोचक हैं.

ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग वो नेटवर्क थे जिनमें मुख्यतः पाकिस्तानी पुरुष शामिल थे. ये पुरुष मुख्य रूप से श्वेत नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाते थे. पहले उन्हें ग्रुम किया जाता था और फिर उनका सामूहिक बलात्कार किया जाता था. इस दौरान उन्हें धमकी दी जाती थी और अलग-अलग पुरुषों के साथ उन्हें संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता था. इस सेक्स रैकेट की भयावहता ने दुनिया को झकझोर दिया था. ग्रुमिंग गैंग की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक लड़की के साथ रात में 30-40 पुरुषों ने रेप किया था.

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ड्रॉप साइट न्यूज की रिपोर्ट कब आई?

यह रिपोर्ट उस बैठक के कुछ दिनों बाद सामने आई, जिसमें पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने ब्रिटेन की हाई कमिश्नर जेन मैरियट से मुलाकात की. इस मुलाकात से कुछ हफ्तों पहले जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान की सेहत को लेकर कई अफवाहें सामने आईं जिसके बाद शहबाज सरकार ने 'फेक न्यूज' से सख्ती से निपटने की बात कही थी.

यह रिपोर्ट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर की सरकार लंबे समय से रोचडेल ग्रूमिंग गैंग के दोषियों- कारी अब्दुल रऊफ और आदिल खान को पाकिस्तान भेजने का दबाव बना रही है.

अब तक पाकिस्तान इन दोषियों को वापस लेने से इनकार करता रहा है, क्योंकि उन्होंने पाकिस्तानी नागरिकता छोड़ दी थी. 2018 में दोनों दोषियों की ब्रिटेन की नागरिकता भी रद्द कर दी गई, जिससे उनके पास किसी राष्ट्र की नागरिकता नहीं बची और वो स्टेटलेस हो गए.

पिछले दो सालों में इस मुद्दे को टेक टाइकून एलन मस्क ने काफी जोर-शोर से उठाया है. उनका दावा है कि ब्रिटेन में 'ढाई लाख' बच्चे इसके शिकार हुए हैं. अब तक यह मामला इसलिए आगे नहीं बढ़ सका है क्योंकि पाकिस्तान लंबे समय से इन दोषियों को वापस लेने से इनकार करता आ रहा था. दोषी भी अपनी नागरिकता त्यागकर वापस भेजे जाने से बचने की कोशिश करते रहे हैं.

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हालांकि, कथित क्विड प्रो क्वो से संकेत मिलता है कि अब पाकिस्तान शायद गतिरोध खत्म करने के लिए तैयार है. लेकिन तभी, जब उसे उन दो राजनीतिक विरोधियों को सौंपा जाए जिन्हें वो लंबे समय से चुप कराना चाहता रहा है.

हालांकि, अभी तक किसी भी मुख्यधारा की मीडिया या सरकारी स्रोत ने इस कथित क्विड प्रो क्वो की पुष्टि नहीं की है.  

'विदेशों में अपनी बदनामी नहीं सहेगा पाकिस्तान'

यह प्रस्ताव 4 दिसंबर को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में नकवी और जेन मैरियट के बीच बैठक के बाद सामने आया. आधिकारिक बयान में कहा गया कि दोनों की बातचीत 'सुरक्षा सहयोग', 'फेक न्यूज पर नियंत्रण' और 'गैर-कानूनी पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी' पर केंद्रित थी.

पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' ने लिखा कि दोनों पक्षों ने केवल 'यूके में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानियों की वापसी' पर चर्चा की. लेकिन ग्रूमिंग गैंग अपराधियों का सार्वजनिक उल्लेख नहीं हुआ.

ड्रॉप साइट न्यूज के अनुसार, नकवी ने इन दोषियों को 'यूके में अवैध रह रहे पाकिस्तानियों' की कैटेगरी में डालने की कोशिश की. 

नकवी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान विदेश में बैठकर 'राज्य संस्थानों की बदनामी' सहन नहीं करेगा. उनकी इस टिप्पणी का इशारा मुनीर के विरोधियों अकबर और राजा की ओर था. पाकिस्तान का कहना है कि अगर इन दोनों को पाकिस्तान को सौंप दिया जाता है तो वो ग्रुमिंग गैंग के दोषियों के लिए पाकिस्तान आने का रास्ता खोल सकता है, उनके लिए ट्रैवल डॉक्यूमेंट जारी कर सकता है क्योंकि वो अपनी नागरिकता खो चुके हैं.

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शहजाद अकबर क्या बोले?

इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए शहजाद अकबर ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, 'मेरी पत्रकारिता, मानवीय अधिकारों पर लेख और सेना की तानाशाही की आलोचना ने पाकिस्तान की सरकार को बेहद गुस्से में ला दिया है.'

न्यूयॉर्क में रहने वाले पत्रकार वकास अहमद ने कहा, 'सामान्य लोग इस तरह से नहीं सोचते लेकिन पाकिस्तान की सरकार सोचती है. पाकिस्तान सरकार ने ब्रिटिश ग्रूमिंग गैंग को विदेशों में एक्टिविस्टों के खिलाफ हथियार बना लिया है.' वकास उन लोगों में से हैं जिन्होंने ड्रॉप साइट न्यूज की रिपोर्ट बनाने में मदद की.

इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स फाउंडेशन ने इसे 'अंतरराष्ट्रीय दमन' कहा. फाउंडेशन ने कहा कि आदिल राजा को उनकी अनुपस्थिति में 14 साल की सजा सुनाई गई वो भी बिना वकील या बचाव के अधिकार के.

क्या हैं पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग की कहानी?

यूके में पाकिस्तानी-मूल के ग्रुमिंग गैंग ऐसे संगठित नेटवर्क थे जिनमें मुख्यतः पाकिस्तानी पुरुष शामिल थे. 1990 के दशक से उन्होंने कमजोर और संवेदनशील लड़कियों- ज्यादातर श्वेत, वर्किंग-क्लास किशोरियों को डराने-धमकाने, मानसिक रूप से कंट्रोल करने और बेहद क्रूर हिंसा के जरिए निशाना बनाया.

पीड़ितों को पहले सजाया-धजाया जाता था, उन्हें ट्रेन किया जाता था फिर उन्हें तस्करी कर ले जाया जाता था. रोथरहैम, रोचडेल, ओल्डहम, और टेलफर्ड जैसे शहरों में ले जाकर उनका गैंग-रेप किया जाता था. अत्यंत भयावह मामलों में हुसैन ब्रदर्स ने दर्जनों लड़कियों का अमानवीय शोषण, लुईज लो (बदला हुआ नाम) का 100 से ज्यादा पुरुषों का बलात्कार, टेलफर्ड की 16 साल की लड़की और उसके परिवार की हत्या, और रूबी (बदला हुआ नाम) का एक ही रात में 30-40 पुरुषों द्वारा यौन उत्पीड़न शामिल हैं.

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2012 का रोचडेल ग्रुमिंग केस ब्रिटेन में बच्चों के यौन शोषण से संबंधित सबसे विवादित राजनीतिक मामलों में से एक माना जाता है. ब्रिटेन की सरकारें दोषियों को देश से निकालने का प्रयास करती रहीं, लेकिन पाकिस्तान बार-बार यह कहते हुए उन्हें वापस लेने से इनकार करता रहा कि वो अब पाकिस्तानी नागरिक नहीं हैं. पाकिस्तान का कहना रहा है कि उनके पुनर्वास से सुरक्षा व सामाजिक जोखिम उत्पन्न होंगे. पाकिस्तान में दोहरी नागरिकता की नीति लागू है.

एलन मस्क उठाते रहे हैं ग्रुमिंग गैंग का मामला

2024 के अंत से एलन मस्क ने एक्स पर इस घोटाले को काफी जोरदार तरीके से उठाया है. उन्होंने 'भ्रष्ट अधिकारियों' के खिलाफ कानूनी लड़ाई का खर्च उठाने का वादा किया है. बढ़ते दबाव के बीच ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने जून में एक राष्ट्रीय वैधानिक जांच की घोषणा की. लेकिन दिसंबर तक यह कई विवादों के कारण अटकी हुई है, जिनमें यह आरोप भी शामिल है कि स्टार्मर की लेबर पार्टी ने महिलाओं के अधिकारों से समझौता कर लिया है.

लंदन-स्थित पत्रकार नरेश कौशिक, जो पहले BBC और Associated Press में काम कर चुके हैं, ने लिखा कि पाकिस्तानी-मूल के पुरुषों से जुड़े ग्रुमिंग गैंग का कांड किएर स्टार्मर सरकार के लिए 'बुरी खबर' है.

अक्टूबर में इंडिया टुडे में लिखे लेख में उन्होंने कहा कि यह 'बुरी खबर' इसलिए है क्योंकि पीड़ितों के बीच अविश्वास बढ़ रहा है और सलाहकार पैनल के सदस्य इस्तीफा दे रहे हैं. यह साफ दिखाता है कि जांच को 'जानबूझकर कमजोर' किया जा रहा है और सरकार 'सच्चाई छिपाने' की कोशिश कर रही है ताकि गैंग के अत्याचारों की पड़ताल न हो.

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वर्तमान में पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच कोई औपचारिक प्रत्यर्पण संधि नहीं है, हालांकि UK Extradition Act 2003 की धारा 194 विशेष 'ऐड-हॉक' व्यवस्थाओं की अनुमति देती है.

कथित क्विड प्रो क्वो यह संकेत देता है कि पाकिस्तान अपने राजनीतिक हितों के लिए ग्रुमिंग गैंग मुद्दे का दबाव के रूप में इस्तेमाल कर सकता है. इससे ब्रिटेन भी एक जटिल कानूनी और नैतिक स्थिति में फंस सकता है. 

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