पाकिस्तान पिछले कुछ महीनों से गंभीर आर्थिक संकट और महंगाई से जूझ रहा है. इस मुश्किल परिस्थिति में रूस ने पाकिस्तान की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस भारत की तरह पाकिस्तान को भी सस्ता तेल निर्यात करेगा. पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक के अनुसार, पाकिस्तान ने रियायत कीमतों पर रूसी कच्चे तेल की पहली खेप का ऑर्डर कर दिया है. इस डील से भुगतान संकट और गंभीर रूप से विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान को कुछ राहत मिलेगी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में मुसादिक मलिक ने कहा, "पाकिस्तान और रूस के बीच हुए ट्रेड डील के तहत हमने रियायत कीमतों पर रूसी कच्चे तेल के लिए अपना पहला ऑर्डर दे दिया है. हमारे ऑर्डर प्लेस भी हो गए हैं. यह शिपमेंट मई में कराची बंदरगाह पर डॉक होने की उम्मीद है.
मंत्री मुसादिक मलिक के अनुसार इस सौदे के तहत पाकिस्तान रूस से केवल कच्चा तेल खरीदेगा. पाकिस्तान रूस से रिफाइन ईंधन नहीं खरीदेगा. इस डील के बाद रूस से पाकिस्तान की तेल आयात प्रति दिन एक लाख बैरल तक पहुंचने की उम्मीद है.
रूस का भी फायदा लेकिन सऊदी-यूएई का नुकसान
वहीं, पाकिस्तान का रूस से कच्चा तेल खरीदना रूस के लिए भी फायदे का सौदा है. रूस को पाकिस्तान के रूप में एक नया खरीदार मिला है. भारत और चीन के बाद पाकिस्तान तीसरा देश होगा, जो अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी रूस से भारी मात्रा में तेल आयात करेगा.
यूक्रेन से युद्ध के कारण पश्चिमी देश रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं. इसके अलावा रूसी कच्चे तेल पर भी प्राइस कैप लागू है. अमेरिका के नेतृत्व में जी-7 और पश्चिमी देशों ने रूसी तेल पर प्राइस कैप लगाकर उसकी कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल तय कर दी है. हालांकि, व्यापारियों और समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, भारत और चीन प्राइस कैप से ऊपर भुगतान कर रहे हैं.
एनर्जी एनालिटिक्स फर्म Kpler के आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान ने 2022 में प्रतिदिन 154,000 बैरल तेल आयात किया. यह आंकड़ा 2021 की तुलना में अपेक्षाकृत फ्लैट था. पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा कच्चा तेल दुनिया के शीर्ष तेल निर्यातक देश सऊदी अरब से आयात किया. दूसरे स्थान पर एक और मिडिल ईस्ट कंट्री संयुक्त अरब अमीरात है.
ऐसे में अगर सिर्फ रूस प्रतिदिन एक लाख बैरल तेल पाकिस्तान को निर्यात करता है, तो मिडिल ईस्ट देशों पर पाकिस्तान की निर्भरता कम होगी. इसे यूं भी कहा जा सकता है कि पाकिस्तान के तेल बाजार में रूस का आना सऊदी अरब और यूएई के लिए एक झटका है.
पाकिस्तान को निर्यात होने वाली रूसी तेल की कीमत स्पष्ट नहीं
हालांकि, पाकिस्तानी मंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि रूस को भुगतान किन माध्यमों से किया जाएगा. चूंकि, रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लागू है. साथ ही पाकिस्तान डॉलर की कमी से जूझ रहा है. जब मंत्री से यह पूछा गया कि क्या पाकिस्तान रूस को चीनी युआन और यूएई दिरहम के माध्यम से भुगतान करेगा? उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. इसके अलावा उन्होंने यह भी नहीं बताया कि रूस पाकिस्तान को किस कीमत और कितनी छूट पर तेल निर्यात कर रहा है. उन्होंने कहा, "मैं इस डील के व्यावसायिक पक्ष के बारे में कुछ भी खुलासा नहीं करूंगा."
पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री ने आगे बताया कि रूस से आने वाली तेल को शुरुआत में पाकिस्तान की रिफाइनरी लिमिटेड (पीआरएल) ट्रायल रन के तौर पर रिफाइन करेगी. इसके बाद पाक-अरब लिमेटेड और अन्य रिफाइनरियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा.
डील को लेकर लंबे समय से हो रही थी बातचीत
दोनों देशों के बीच लंबे समय से इस डील को लेकर बातचीत हो रही थी. साल की शुरुआत में रूसी ऊर्जा मंत्री निकोले शुल्गिनोव ने पाकिस्तान का दौरा किया था. इस दौरे के बाद उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को मार्च के बाद रूसी तेल मिलना शुरू हो सकता है. इससे पहले इस डील का प्रस्ताव लेकर पाकिस्तान के मंत्री दिसंबर में रूस गए थे.