पाकिस्तान की साहसी किशोरी और सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई पर हमला करने वाले 10 आतंकियों को एक पाकिस्तानी अदालत ने 25 साल की सजा सुनाई है.
मलाला पर हमले के आरोपियों को पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था. बीते दिसंबर को पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए हमले के एक दिन बाद 17 दिसंबर को पाकिस्तान में सजा-ए-मौत पर लगी रोक हटा दी गई थी.
तालिबानी आतंकियों ने किया था हमला
गौरतलब है कि तालिबान के फतवे की परवाह न करते हुए 14 साल की मलाला 9 अक्टूबर 2012 को स्कूल गई थी, वहां तालिबानी आतंकवादियों ने उस पर हमला कर दिया . मलाला के सिर में गोली लगी थी, लेकिन वह किसी तरह बच गई. करीब दो महीने तक उसका ब्रिटेन के अस्पताल में इलाज चला और फिर वह दुनिया के लिए मिसाल बन गई. आज मलाला दुनियाभर में बालिकाओं की शिक्षा की पैरोकारी करने वाला जाना पहचाना चेहरा बन गई है.
ठीक 2 साल एक दिन बाद 10 अक्टूबर 2014 को मलाला यूसुफजई को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया. मलाला ने दुनिया में सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार जीतने का कीर्तिमान कायम किया. उनके साथ बच्चों के अधिकार के लिए लड़ने वाले भारत के समाजसेवी कैलाश सत्यार्थी को भी नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया.