पाकिस्तान की सियासत में इन दिनों बड़ा हंगामा मचा हुआ है. विदेश मंत्री और उपप्रधानमंत्री इशाक डार ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि अफगानिस्तान को लेकर देश की नीति में गंभीर भूल हुईं, जिनकी कीमत पाकिस्तान आज खून-खराबे के रूप में चुका रहा है.
इशाक डार ने अप्रत्यक्ष रूप से इमरान खान की सरकार और पूर्व आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद पर निशाना साधा, जिन्हें अफगान तालिबान से नजदीकियां बढ़ाने का वास्तुकार माना जाता है.
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एक कार्यक्रम में बोलते हुए इशाक डार ने तंज भरे लहजे में कहा, "पाकिस्तान ने इतनी आउटरीच की कि जब हम वहां गए तो कहा कि हम तो सिर्फ एक कप चाय पीने आए हैं. अल्लाह सबकी मुश्किलें आसान करे, लेकिन वो कप चाय हमें बहुत भारी पड़ गया. उसी कप चाय ने हमारी सीमाएं खोल दीं और 35-40 हजार तालिबान जो यहां से भाग गए थे, वे वापस लौट आए."
इशाक डार ने बताया कि उस वक्त की सरकार ने स्वात में पाकिस्तान का झंडा जलाने वाले और दर्जनों लोगों की हत्या करने वाले सबसे खतरनाक आतंकियों को भी रिहा कर दिया. उन्होंने कहा कि यह निर्णय देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी गलती साबित हुआ. उन्होंने कहा, "हमने खुद अपनी सीमाएं कमजोर कीं और अपने दुश्मनों को दोबारा ताकतवर होने का मौका दिया."
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इशाक डार ने कहा कि इस 'तालिबान आउटरीच' ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा को बर्बाद कर दिया. डार ने चेतावनी दी कि अब वक्त आ गया है जब पाकिस्तान को अपनी नीतियों में संयम बरतना होगा और बीती गलतियों से सबक लेना होगा.