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तेल, टैरिफ और S-400 पर बात... डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के बीच रूस में NSA अजित डोभाल

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल रूस के दौरे पर उस वक्त पहुंचे हैं जब दुनिया की जिओ-पॉलिटिकल सिचुएशन काफी नाजुक है. अमेरिकी राष्ट्रपति एक साथ भारत और रूस को धमकी दे रहे हैं. ऐसे में अजित डोभाल के सामने भारत के हितों के लिहाज से अमेरिका और रूस के बीच संतुलन स्थापित करने की चुनौती होगी.

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अजित डोभाल रूस से कच्चे तेल और S-400 पर बात करेंगे. (File Photo: kremlin.ru)
अजित डोभाल रूस से कच्चे तेल और S-400 पर बात करेंगे. (File Photo: kremlin.ru)

रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत पर हैवी टैरिफ लगाने की राष्ट्रपति ट्रंप की धमकियों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल मॉस्को पहुंच गए हैं. इस दौरान अजित डोभाल रूसी सरकार के सीनियर रणनीतिकारों से मुलाकात करेंगे. अजित डोभाल राष्ट्रपति पुतिन से भी मुलाकात कर सकते हैं. 

रूस की न्यूज एजेंसी TASS के अनुसार अजित डोभाल  रूसी नेताओं के साथ रणनीतिक साझेदारी और आपसी संबंधों को बेहतर करने पर चर्चा करेंगे. अजित डोभाल का रूस दौरा बेहद नाजुक भू-राजनीतिक समय पर हो रहा है. 

इस वक्त अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने पर भन्नाये हुए हैं. उन्होंने एक साथ दो धमकियां दी है. ट्रंप ने कहा है कि भारत रूस के यूक्रेन वॉर की फंडिग मॉस्को से कच्चा तेल खरीदकर रहा है. इसलिए भारत को रूस से कच्चे तेल की खरीद रोकनी चाहिए. अन्यथा अमेरिका भारत पर हैवी टैरिफ लगाएगा. 

इसके साथ ही ट्रंप ने रूस को भी कहा है कि वो यूक्रेन की लड़ाई में जल्द युद्धविराम की घोषणा करे. ट्रंप ने कहा है कि अगर रूस सीजफायर नहीं करता है तो अमेरिका कड़े प्रतिबंध लगाएगा. 

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अजित डोभाल की रूस यात्रा ऐसे तनावपूर्ण माहौल में हो रही है. हालांकि उनकी ये यात्रा पूर्व निर्धारित थी. लेकिन मौजूदा माहौल ने इस दौरे को और भी अहम बना दिया है. 

रूस की न्यूज़ एजेंसी तास के अनुसार यह एक पूर्व-निर्धारित यात्रा है. इसका एजेंडा भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग पर केंद्रित होगा. सूत्रों के अनुसार, "भू-राजनीतिक स्थिति में मौजूदा तनाव पर भी चर्चा होगी. इसके अलावा रूसी तेल की भारत को आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे भी इसमें शामिल होंगे."

मॉस्को टाइम्स के अनुसार भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस महीने के अंत में रूस की यात्रा पर जाएंगे. 

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदकर रूस की वॉर मशीन की मदद कर रहा है. इसकी वजह से यूक्रेन में कई लोग मर रहे हैं. इससे पहले ट्रंप भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा कर चुके है. बाद में ट्रंप ने कहा कि 'भारत अच्छा ट्रेड पार्टनर नहीं है, इसलिए हम उनके साथ ज्यादा बिज़नेस नहीं करते. हमने उन पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला किया था लेकिन मुझे लगता है कि अगले 24 घंटों में हम उन पर इससे कहीं ज़्यादा टैरिफ लगाने वाले हैं.'

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रूस से तेल खरीदने के ट्रंप के आरोपों पर भारत ने अमेरिका को आईना दिखाते हुए कहा अमेरिकी खुद रूस के साथ बंपर बिजनेस कर रहा है. भारत के विदेश मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया कि "किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा."  

विदेश मंत्रालय ने कहा कि जब 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो अमेरिका ही चाहता था कि भारत सस्ता रूसी तेल खरीदे, ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊर्जा की कीमतें स्थिर बनी रहें. 

S-400 पर भी बातचीत संभव 

द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार इस यात्रा में अजित डोभाल अपने रूसी समकक्ष के साथ डिफेंस डील पर भी बात कर सकते हैं. भारत द्वारा S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की और खरीद, इसका मेंटेनेंस भी इस बातचीत के एजेंडे में शामिल है. बता दें कि भारत और रूस बड़े रक्षा साझीदार हैं. 

भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस से 5 S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए डील की है. इसकी कीमत लगभग करीब 40,000 करोड़ रुपये है. इसमें से भारत को S-400 की 3 बैटरियां मिल चुकी है. इसकी तैनाती देश में हो चुकी है. 

बाकी के दो S-400 स्क्वाड्रन की डिलीवरी रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते देरी से हो रही है. ताजा जानकारी के अनुसार अगस्त 2026 तक इनकी डिलीवरी हो सकती है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन्स के हमले को नाकाम करने में S-400 का बड़ा रोल रहा है. 

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