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Gen-Z प्रोटेस्ट के बाद आ गई नेपाल चुनाव की तारीख, EC ने जारी किया शेड्यूल... जानें क्या है पूरा प्रोसेस

नेपाल के चुनाव आयोग ने मार्च में होने वाले संसदीय चुनाव की आधिकारिक शेड्यूल जारी कर दी है. 275 सीटों वाले प्रतिनिधि सभा के लिए 20 जनवरी को नामांकन होगा, जबकि 5 मार्च को मतदान होगा. पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की बर्खास्तगी और हालिया हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद यह चुनाव बेहद अहम माना जा रहा है.

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Gen-Z प्रोटेस्ट के दौरान संसद में भी आगजनी की गई थी. (Photo: AP)
Gen-Z प्रोटेस्ट के दौरान संसद में भी आगजनी की गई थी. (Photo: AP)

नेपाल निर्वाचन आयोग ने रविवार को आगामी प्रतिनिधि सभा चुनाव (संसदीय चुनाव) की विस्तृत शेड्यूल जारी करते हुए स्पष्ट किया कि देश में 5 मार्च 2026 को मतदान होगा. आयोग के अनुसार, चुनाव सुबह 7 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगा.

निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार, उम्मीदवारों को अपना नामांकन 20 जनवरी को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच दाखिल करना होगा. उसी दिन शाम 5 बजे के बाद उम्मीदवारों की प्रारंभिक सूची जारी कर दी जाएगी. किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराने की समयसीमा 21 जनवरी को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक निर्धारित की गई है.

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आवेदन की जांच-पड़ताल पूरी होने के बाद उम्मीदवारों की सत्यापित सूची 22 जनवरी को प्रकाशित होगी. वहीं, यदि कोई उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी वापस लेना चाहता है, तो वह 23 जनवरी दोपहर 1 बजे तक ऐसा कर सकता है. अंतिम सूची उसी दिन दोपहर 3 बजे से पहले जारी कर दी जाएगी, जिसके बाद आधिकारिक चुनाव-चिह्न आवंटित किए जाएंगे.

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नेपाल में कैसे होता है चुनाव?

नेपाल के संविधान के अनुसार, प्रतिनिधि सभा की कुल 275 सीटें होती हैं. इनमें से 165 सदस्य प्रत्यक्ष चुनाव (First Past The Post) के आधार पर चुने जाते हैं, जबकि 110 सीटें आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत तय होती हैं.

नेपाल में Gen-Z प्रोटेस्ट में गई केपी ओली की सत्ता

यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि देश में राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है. 9 सितंबर को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद से हटाए जाने के बाद परिस्थितियां और तनावपूर्ण हो गई थीं. यह निर्णय तब सामने आया जब भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल जेन-Z के युवाओं ने सोशल मीडिया बैन हटाने की मांग को लेकर व्यापक आंदोलन शुरू किया. प्रदर्शन हिंसक हो गए और दो दिनों में 76 लोगों की मौत हो गई, जिसने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी.

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सुशीला कार्की को बनाया गया था अंतरिम पीएम

उन घटनाओं के बाद, 12 सितंबर को सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और देश में स्थिरता बहाल करने की जिम्मेदारी संभाली. अब यह संसदीय चुनाव नेपाल की राजनीतिक दिशा तय करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा. नेपाल निर्वाचन आयोग का कहना है कि पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाया जा रहा है.

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