गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर इजरायली सेना लगातार बमबारी कर रही है. हमास के खात्मे के लिए इजरायली ग्राउंड फोर्स ऑपरेशन भी चला रही है. वहीं, दूसरी ओर इजरायल की कोशिश हमास द्वारा गाजा में बंधक बनाए गए नागरिकों को छुड़ाने की भी है. इसके लिए इजरायल की निगाहें कतर पर टिकी हैं. अमेरिकी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) और इजरायली एजेंसी मोसाद के चीफ ने दोहा में कतर के पीएम से मुलाकात की. खास बात ये है कि कतर में ही हमास पॉलिटिकल हेड इस्माइल हनियेह ने भी शरण ले रखी है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यह बैठक बंधकों की रिहाई और हमास-इजरायल की लड़ाई रोकने के लिए समझौते के मापदंडों पर चर्चा करने के लिए हुई. हालांकि, इस बातचीत में क्या नतीजा निकला, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है. हालांकि, अमेरिका की ओर से कहा गया है कि इजरायल अस्थाई विराम के लिए सहमत हो गया है.
कतर, जहां हमास चीफ समेत कई राजनीतिक नेता रहते हैं. कतर ही 240 बंधकों की रिहाई के लिए हमास और इजरायली अधिकारियों के बीच मध्यस्थता कर रहा है. 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था. इस हमले में 1400 लोग मारे गए. वहीं, हमास के लड़ाकों ने सैकड़ों नागरिकों को भी बंधक बना लिया था. इसके बाद से इजरायली सेना गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर हमला कर रही है. इन हमलों में 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
कतर के नेताओं ने बुधवार को हमास के नेताओं से मुलाकात की थी. इसके बाद अब कतर के पीएम शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने दोहा में इजरायल की मोसाद चीफ डेविड बार्निया, सीआईए निदेशक विलियम बर्न्स से मुलाकात की. एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया बर्न्स ने हमास द्वारा बंधकों की संभावित रिहाई पर चर्चा करने के लिए बार्निया और कतरी प्रधानमंत्री से मुलाकात की. हालांकि, उन्होंने अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया. बैठक के दौरान गाजा में ईंधन की सप्लाई की अनुमति देने के बारे में चर्चा हुई. जिसे अब तक इजरायल ने अस्वीकार कर दिया था. इजरायल का दावा है कि इससे हमास को लाभ होगा.
एक सूत्र ने बुधवार को रॉयटर्स को बताया कि बातचीत में गाजा युद्ध में एक से दो दिन के सीजफायर के बदले में 10-15 बंधकों की रिहाई पर चर्चा हुई. कतर के शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने गुरुवार रात संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की, जहां उन्होंने अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की.