ऐसी रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं जिसमें कहा जा रहा है कि मालदीव पर विदेशी कर्ज हद से ज्यादा बढ़ गया है. मालदीव पर लगभग 4.038 अरब डॉलर तक विदेशी कर्ज बढ़ गया है और घरेलू कर्ज का आंकड़ा भी इसी से मिलता जुलता है जिससे 2026 के आते-आते मालदीव कर्ज संकट में फंस जाएगा. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू इस संकट से निकलने के लिए अपने करीबी दोस्त चीन और तुर्की से वित्तीय मदद मांग रहे हैं लेकिन कोई भी देश उनकी मदद को सामने नहीं आ रहा है.
मालदीव के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मालदीव की सकल घरेलू आय 5.6 अरब डॉलर है. इस हिसाब से देखें तो, मालदीव पर कर्ज काफी बढ़ गया है और आने वाले समय में वो बड़े संकट में फंसता दिख रहा है.
भारत विरोधी रुख अपनाने वाले मुइज्जू अपने करीबी दोस्त चीन से मदद मांग रहे हैं ताकि कर्ज के बढ़ते बोझ को कम किया जा सके. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के साथ-साथ उन्होंने तुर्की से भी मदद की मांग की है.
मालदीव पर 1.3 अरब की चीनी कर्ज है जो उसके कुल विदेशी कर्ज का 30% है. चीनी कर्ज का बॉन्ड 2026 में मैच्योर हो रहा है. मालदीव को ऐसे में विदेशों से वित्तीय मदद की जरूरत है वरना वो कर्ज संकट में फंस जाएगा. लेकिन फिलहाल न तो चीन और न ही तुर्की मदद को सामने आते दिख रहे हैं.
मालदीव की जनता में चीनी प्रोजेक्ट को लेकर डर
चीन मालदीव में अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है. इसी वजह से मालदीव पर चीनी कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है.
चीनी प्रोजेक्ट की वजह से पाकिस्तान, केन्या, तंजानिया जैसे कई देश कर्ज के बोझ तले दब गए हैं जिसे देखते हुए मालदीव की जनता नहीं चाहती कि देश में चीनी प्रोजेक्ट्स बड़ी संख्या में संचालित हों. लेकिन मुइज्जू अपने राजनीतिक लाभ के लिए चीन समर्थक और भारत विरोधी रुख अपनाए हुए हैं. अप्रैल के महीने में मालदीव की संसद यानी मजलिस के चुनाव हैं जिसे देखते हुए मुइज्जू अपने भारत विरोधी रुख पर कायम हैं.
अभी तक मालदीव नहीं पहुंचा चीनी जहाज
चीन का खोजी जहाज Xiang Yang Hong 03 फरवरी के पहले हफ्ते में ही मालदीव की राजधानी माले के बंदरगाह पर रुकने वाला था. लेकिन अब तक चीनी जहाज वहां नहीं पहुंचा है. चीन का जासूसी जहाज फिलहाल माले से 20 घंटे की दूरी पर दक्षिण हिंद महासागर में मालदीव, श्रीलंका और भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र से काफी बाहर खड़ा है.
मालदीव ने चीनी जहाज को लेकर उठते सवालों पर कहा था कि चीन का जहाज माले बंदरगाह पर ईंधन के लिए रुकेगा और किसी तरह का सर्वे नहीं करेगा. मालदीव ने कहा था कि चीनी जहाज उसके या किसी और देश के विशेष आर्थिक क्षेत्र में समुद्र तल की मैपिंग या कोई रिसर्च का काम नहीं करेगा.
वहीं, अगले महीने मालदीव में मौजूद भारत के ALH हेलिकॉप्टर और उसका संचालन कर रहे भारतीय सैनिक वापस लौट आएंगे. मोदी सरकार हालांकि, निगरानी मोड पर है और अगर मानवीय आपदा की स्थिति में मालदीव की मदद के लिए पूरी तरह से तैयार है.
मालदीव से सटे अपने द्वीपों पर भारत बना रहा एयरपोर्ट
मुइज्जू का राजनीतिक अस्तित्व भारत विरोध पर आधारित है और इसी वजह से उन्होंने भारतीय सैनिकों की वापसी की कसम खाई है.
इसे देखते हुए मोदी सरकार ने भारतीय नौसेना को लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीपों के बगल में अगत्ती द्वीपों पर हवाई पट्टी का विस्तार करने के लिए हरी झंडी दे दी है. मिनिकॉय द्वीप पर एक नया एयरपोर्ट बनाया जाना है.