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'चीन के लोगों को जीवित काट देते थे जापानी सैन्य चिकित्सक'

एक जापानी युद्ध अपराधी ने माना है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चीन पर काबिज जापानी सेना के चिकित्सक चीनी लोगों को जीवित काट देते थे. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चीन में जुल्म ढाने वाले जापानी सैनिकों ने खुद लिख कर अपनी जुल्म की कहानी सुनाई थी.

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द्वितीय विश्व युद्ध
द्वितीय विश्व युद्ध

एक जापानी युद्ध अपराधी ने माना है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चीन पर काबिज जापानी सेना के चिकित्सक चीनी लोगों को जीवित काट देते थे. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चीन में जुल्म ढाने वाले जापानी सैनिकों ने खुद लिख कर अपनी जुल्म की कहानी सुनाई थी. जंग की 70वीं बरसी पर चीन का अभिलेखागार प्रशासन इन्हें एक-एक कर जारी कर रहा है.

ऐसा ही एक इकरारनामा तोकोकिची नागाता का है. 1920 में पैदा हुए नागाता को 1942 में बतौर चिकित्सक जापानी सेना में भर्ती किया गया था. उसे 1945 में पकड़ा गया था.

नागाता ने अपने इकरारनामे में कहा है कि वह जापानी सेना के लिए चुना गया था. वह पूर्वी चीन में जिनन सैन्य अस्पताल में शरीर रचना विज्ञान की पढ़ाई कर रहा था. उसने देखा कि एक जापानी सैन्य सर्जन ने चिकित्सा में काम आने वाली छुरी से दो चीनी किसानों को चीर कर मार डाला . इसके बाद सार्जेट रैंक के एक चिकित्सक ने उन दोनों का जिगर, तिल्ली, पाचक ग्रंथी और गुर्दे निकाल लिए. इनका इस्तेमाल पढ़ाई के दौरान किया जाना था.

नागाता ने अपने इकरारनामे में कहा है कि 1943 में बीजिंग में वह एक नागरिक के घर में घुसा. घर में कॉलरा से पीड़ित एक आदमी था. उसने मदद के लिए हाथ बढ़ाया. नागाता ने लिखा है कि उसने मदद के लिए बढ़े हाथ को झटका, उस आदमी को जमीन पर पटका और घर के बाहर रस्सी से बंद कर दिया. आदमी घर में ही मर गया.

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नागाता ने यह भी माना कि 1944 में उसने चार कोरियाई और एक चीनी महिला के साथ कई बार दुष्कर्म किया था.

-इनपुट IANS

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