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जंग खत्म लेकिन फोर्डो से गायब 400 KG एनरिच यूरेनियम पर घमासान शुरू, इजरायल बोला- ईरान को हैंडओवर करना ही होगा

ईरान के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा है कि शुरू से ही यह स्पष्ट था कि हमारा हमला परमाणु केंद्र के आसपास के बुनियादी ढांचे को तबाह कर देगा, यह परमाणु सामग्री को खत्म नहीं करेगा. अब अमेरिका-इजरायल ने संयुक्त रूप से ईरान से कहा है कि वह एनरिच यूरेनियम इजरायल-अमेरिका को सौंप देगा. बता दें कि एनरिच यूरेनिम से ही एटम बम बनता है.

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उच्च संवंर्धित यूरेनियम से ही परमाणु बम बनाए जाते हैं. (फोटो साभार-IAEA)
उच्च संवंर्धित यूरेनियम से ही परमाणु बम बनाए जाते हैं. (फोटो साभार-IAEA)

इजरायल और ईरान के बीच संबंध अभी भी तनावपूर्ण बने हैं. इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा है कि ईरान को कहा जाएगा कि वह खतरनाक स्तर तक एनरिच किए गए यूरेनियम को लौटा दे. एनरिच यूरेनियम से ही परमाणु बम बनाया जाता है. माना जाता है कि ईरान अपने यूरेनियम को 60 फीसदी तक एनरिच कर चुका था. अगर एनरिचमेंट का ये स्तर 90 फीसदी तक पहुंच जाता तो ईरान परमाणु बम बनाने में सक्षम हो जाता. 

इजरायल के रक्षा मंत्री ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और इजरायल ने ईरान से कहा है कि उसे अपना एनरिच यूरेनियम सौंपना होगा. इजरायल के चैनल 13 के साथ एक साक्षात्कार में इजरायल काट्ज ने ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमलों पर चर्चा की. इस दौरान काट्ज ने कहा, "
शुरू से ही यह स्पष्ट था कि हमला आसपास के बुनियादी ढांचे को तबाह कर देगा, यह परमाणु सामग्री को खत्म नहीं करेगा. अब अमेरिका-इजरायल संयुक्त रूप से ईरान से कह रहे हैं कि, 'यह सामग्री आपको सौंपनी होगी.' यानी कि ईरान को अपना एनरिच यूरेनियम सौंपना होगा.

कैट्ज ने कहा कि ईरान पर इजरायल के हालिया हमलों का उद्देश्य उसकी "क्षमताओं को बेअसर करना" था. उन्होंने दावा किया, "आज उनके पास परमाणु बम बनाने का कोई तरीका नहीं है, क्योंकि हमने यूरेनियम को ठोस रूप में बदलने वाली ट्रांसफर सुविधा को भी नष्ट कर दिया है."

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इजरायल काट्ज ने एक और बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि इजरायल को नहीं पता है कि ईरान के सभी एनरिच यूरेनियम के भंडार कहां रखे हुए हैं. 

यह भी पढ़ें: बिजली बनाते-बनाते कैसे बम बनाने लगते हैं देश? समझें ईरान के यूरेनियम एनरिचमेंट पर क्यों नहीं दुनिया को भरोसा

इस बीच फाइनेंशियल टाइम्स के एक अहम अखबार ने कहा है कि यूरोपीय देशों का मानना है कि ईरान के मुख्य परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों के बाद भी उसका उच्च स्तर तक एनरिच यूरेनियम भंडार काफी हद तक बरकरार है. 

गौरतलब है कि ईरान के परमाणु केंद्र फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर अमेरिकी बी-2 बॉम्बर से हमले से पहले फोर्डो के पास ट्रकों की मूवमेंट देखी गई थी. इस आधार पर कई खुफिया एजेंसियों ने आकलन किया है कि ईरान ने फोर्डो से अपने एनरिच यूरेनियम हटा लिया है. 

फाइनेंशियल टाइम्स ने प्रारंभिक खुफिया आकलन पर जानकारी देने वाले दो लोगों का हवाला देते हुए कहा कि यूरोपीय राजधानियों का मानना ​​है कि ईरान के पास वेपन ग्रेड के करीब संवर्धित लगभग 408 किलोग्राम यूरेनियम का भंडार है, जो पिछले सप्ताह फोर्डो में मौजूद नहीं था. 

ट्रंप ने 408 किलोग्राम यूरेनियम पर क्या बोला 

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने गुरुवार को कहा कि उन्हें ऐसी किसी खुफिया जानकारी के बारे में पता नहीं है, जिसमें कहा गया हो कि ईरान ने हमलों से बचने के लिए अपने अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम को कहीं और भेजा है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस दावे का दृढ़ता से खंडन किया है कि ईरान ने बमबारी से पहले अपने 408 किलोग्राम उच्च संवर्धित यूरेनियम के भंडार को किसी सुरक्षित जगह पर ट्रांसफर करने में कामयाबी पाई है.
 
ट्रंप की ये टिप्पणी उन बढ़ती अटकलों के बीच आई है, जिसमें सैटेलाइट इमेज का विश्लेषण भी शामिल है, इसमें आशंका जताई गई है कि ईरान ने हमलों से पहले अपने हथियार-ग्रेड परमाणु सामग्री, यानी 408 किलोग्राम यूरेनियम को सफलतापूर्वक ट्रांसफर कर लिया हो. 

गायब 408 किलो यूरेनियम पर नया दावा

वहीं ईरान के लापता लगभग 400 किलोग्राम यूरेनियम के बारे में अटकलों के बीच एक रिपोर्ट का दावा है कि इजरायल "ठीक ठीक" जानता है कि ईरान ने समृद्ध ईंधन का भंडार कहां रखा है. सऊदी चैनल अल-हदथ ने एक गुप्त इजरायली स्रोत के हवाले से कहा कि अधिकांश समृद्ध यूरेनियम "ईरान में मलबे के नीचे दबा हुआ है."

इस सूत्र ने कहा कि हालांकि उन्हें पता है कि ईंधन कहां रखा गया है, लेकिन इजरायल परमाणु आपदा से बचने के लिए उस पर हमला नहीं करेगा. इस सूत्र ने कहा कि "ईरान की परमाणु क्षमताएं, बुनियादी ढांचा, सुविधाएं और सेंट्रीफ्यूज नष्ट हो गए हैं."

खामेनेई को मारना चाहते थे मौका ही नहीं मिला

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इजरायली रक्षा मंत्री काट्ज ने यह भी कहा है कि ईरान से जंग के दौरान इजरायली सेना ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई को मारना चाहती थी. लेकिन जंग के दौरान ऐसा मौका ही नहीं मिला. जब उनसे पूछा गया कि क्या इजरायल ने इस तरह कार्रवाई के लिए अमेरिका से अनुमति मांगी थी, तो उन्होंने साफ साफ कहा कि ऐसे मामलों के लिए हमें किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है. 

काट्ज ने कहा कि ईरानी नेता को मारने का फैसला ले लिया गया था. लेकिन एक बार जब वह बंकर में छिप गए तो इजरायल उन्हें नहीं खोज पाया. 

काट्ज ने कहा, "खामेनेई ने यह समझ लिया, वह बहुत गहरे भूमिगत हो गए, कमांडरों से संपर्क तोड़ दिया. और आखिरकार इजरायल उन्हें नहीं ढूंढ़ पाया."

इजरायल काट्ज ने साफ कह दिया कि इजरायल अब ईरान को परमाणु बम नहीं बनाने देगा और न ही लंबी दूरी के मिसाइल बनाने देगा. 

 

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