इजरायल ने एक बार फिर बेकूसर फिलिस्तीनियों पर कहर बरपा दिया. इजरायली सेना ने गाजा सिटी के एक स्कूल पर हवाई हमले किए, जिसमें कम से कम एक महिला और उसके बच्चे समेत सात लोगों की मौत हो गई. अल-अहली बैपटिस्ट अस्पताल के मुताबिक माजदा वासिला स्कूल पर हुए हमले में 12 अन्य लोग घायल हो गए. इजरायल का कहना है कि शरणर्थियों के बीच हमास के लड़ाके छिपे हुए थे, जिन्हें निशाना बनाया गया.
फिलिस्तीनी प्रशासन का दावा है कि स्कूल में शरण लिए हुए लोगों में हमास का कोई लड़ाका नहीं था. वहां सभी आम लोग थे जिन पर बमबारी हुई है. एक विस्थापित महिला एताफ सादात ने कहा, "हमारी आंखों के सामने ही ये हमला हुआ है. इस हमले में कई लोग जल गए. कुछ लोगों के शव क्षत विक्षत हो गए. कई लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं. उनको निकालने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी तक हमें सफलता नहीं मिली है.''
इजरायल ने स्कूल पर हमले के साथ-साथ मध्य गाजा पट्टी में नगरपालिका की चल रही बैठक पर भी हमले किए. केंद्रीय शहर दीर अल-बलाह के नगर पालिका परिसर पर चल रही बैठक पर हुए हमले में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए. बताते चलें कि पिछले साल अक्टूबर से ही इजरायल फिलिस्तीनियों पर भारी बमबारी कर रही है. फिलिस्तीन की दो फीसदी से ज्यादा की आबादी मारी जा चुकी है.
इजरायली नागरिकों की रिहाई के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू
उधर, गाजा में बंधक बनाए गए इजरायली नागरिकों की रिहाई के लिए विरोध प्रदर्शन का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा. शनिवार को एक बार फिर हजारों प्रदर्शनकारी तेल अवीव की सड़कों पर उतर आए. इजरायल की सरकार से बंधकों की रिहाई के लिए गाजा में बमबारी रोकने और हमास से तुरंत समझौते की मांग की है. बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों और दोस्तों को डर है कि समझौता नहीं हुआ तो ज्यादा से ज्यादा बंधक मारे जाएंगे.
ये प्रदर्शन ऐसे समय हुआ जब गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन मध्य-पूर्व देशों का दौर कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से इस्तीफा भी मांगा है. देश में आम चुनाव कराए जाने की भी मांग की है. उनका दावा है कि पीएम नेतन्याहू बंधकों को छुड़ाने में अबतक असमर्थन रहे हैं. ऐसे में उन्हे पद छोड़ देना चाहिए. अभी 100 से ज्यादा इजरायली हमास की कैद में हैं.
हमास और इजरायल के बीच मध्यस्थता के लिए कतर तैयार
इसी बीच कतर ने एक बार फिर गाजा में युद्धविराम और बंधकों की अदला-बदली के लिए मध्यस्थता को तैयार हो गया है. इसके लिए कोशिशें भी शुरू कर दी गई हैं. कतर के प्रवक्ता माजिद बिन मोहम्मद अल अंसारी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कतर युद्धविरम वार्ता में जुड़े मध्यस्थों के साथ जुड़ गया है. सभी पक्षों को सुन रहा है. माजिद ने कहा, "यह कहना उचति नहीं है कि दबाव एक पक्ष पर होना चाहिए. दोनों पक्षों पर दबाव डालना होगा."
अल अंसारी के मुताबिक, हाल में कुछ सकारात्मक संकेत मिले हैं, जो युद्ध विराम वार्ता को आगे बढ़ा सकते हैं. इससे पहले नवंबर में कतर ने मुख्य मध्यस्थ के रूप में खुद को ये कहते हुए अलग कर लिया था कि वो तब तक वार्ता में दिलचस्पी नहीं लेगा जब तक हमास और इज़रायल बातचीत में गंभीरता नहीं दिखाते. इस मध्यस्थता में अमेरिका और मिस्र भी मुख्य भूमिका में हैं. 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से गाजा में जंग जारी है.