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एयरस्ट्राइक के बाद घबराया पाकिस्तान, ईरान के विदेश मंत्री को फोन कर कही ये बात

पाकिस्तान ने ईरान के साथ सभी मुद्दों पर मिलकर काम करने की इच्छा जताई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी की ईरान के विदेश मंत्री के साथ टेलीफोन वार्ता के दौरान उनके रवैये में नरमी के संकेत दिखाई दिए. 

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ईरान और पाकिस्तान तनाव
ईरान और पाकिस्तान तनाव

पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ईरान की एयरस्ट्राइक और फिर इस्लामाबाद की जवाबी कार्रवाई से दोनों देशों के बीच खटास बढ़ गई है. दोनों देशों के रिश्तों में आई इस तल्खी को खत्म करने के लिए अब पाकिस्तान के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं.

पाकिस्तान ने ईरान के साथ सभी मुद्दों पर मिलकर काम करने की इच्छा जताई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी की ईरान के विदेश मंत्री के साथ टेलीफोन वार्ता के दौरान उनके रवैये में नरमी के संकेत दिखाई दिए. 

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि विदेश मंत्री जिलानी ने ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लहियान से फोन पर बात की. बयान में कहा गया कि विदेश मंत्री ने आपसी विश्वास और सुरक्षा सहयोग के आधार पर ईरान के साथ सभी मोर्चों पर काम करने के लिए तैयार रहने की इच्छा जताई. 

बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में ईरान ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोन से ताबड़तोड़ हमले कर दिए थे. ईरान को ये शक था कि उसका पुराना दुश्मन सऊदी अरब पाकिस्तान की सीमा से उस पर हमला करने वाले आतंकी संगठन जैश-अल-अदल आतंकी गुट को शह दे रहा है. 

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इस संबंध में ईरान के विदेश मंत्री ने कहा था कि हमारे मिसाइल और ड्रोन हमले से पाकिस्तान में किसी भी नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया. पाकिस्तान में जैश अल-अद्ल नाम का एक ईरानी आतंकी संगठन है. इन आतंकियों ने पाकिस्तान के सिस्तान-बलूचिस्तान के कुछ हिस्सों में पनाह ली है. 

उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान में कई अधिकारियों से बात की है. इन आतंकियों ने ईरान में हमारे खिलाफ कुछ ऑपरेशन किए. हमारे सुरक्षाकर्मियों को मार गिराया. हमने उसी के अनुरूप इन पर कार्रवाई की है. हमने पाकिस्तान की जमीं पर सिर्फ ईरान के आतंकियों पर हमला किया है. 

उन्होंने कहा कि मैंने पाकिस्तान के हमारे विदेश मंत्री से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि हम पाकिस्तान का सम्मान करते हैं, उनकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं. लेकिन हम हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते. हमारी कुछ आपत्तियां थीं. हमने जो भी किया, वह पाकिस्तान और इराक की सुरक्षा के मद्देनजर ही किया.

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