इजरायल पर ड्रोन और मिसाइल अटैक के बाद ईरान ने कहा कि अगर सुरक्षा परिषद और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से कोई जिम्मेदार कार्रवाई की गई होती, तो हम इतना साहसिक कदम नहीं उठाते. ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा कि इजरायल द्वारा ईरान के राजनयिक ठिकानों के खिलाफ अपराध को अंजाम देने में अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया गया है. इसलिए ईरान ने राजनयिक तरीकों को देखने के बाद अपनी ज़िम्मेदारी निभाई है.
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा कि अपने राष्ट्रीय हितों के लिए हमने स्वाभाविक रूप से इस कार्रवाई (इजरायल पर हमला) को अंजाम दिया और अगर कोई अन्य कार्रवाई (इजरायल द्वारा) की जाती है, तो हमारी कार्रवाई निश्चित रूप से और भी ज्यादा खतरनाक होगी.
यूरोपीय देशों पर साधा निशाना
हमले की निंदा करने वाले यूरोपीय देशों का जिक्र करते हुए कनानी ने कहा कि हमारी सलाह है कि इजरायली शासन के सभी समर्थकों को ईरान के बारे में अनुचित शब्दों का चयन करने के बजाय ईरान की जिम्मेदार और संतुलित कार्रवाई की सराहना करनी चाहिए.
'हमले से पहले किसी भी देश से समझौता नहीं किया'
नासिर कनानी ने को कहा कि इज़राइल के खिलाफ ईरान के जवाबी हमले से पहले किसी भी देश के साथ कोई पूर्व-निर्धारित समझौता नहीं किया गया था. ईरान ने शनिवार (13 अप्रैल) देर रात इजरायली क्षेत्र पर अपने पहले सीधे हमले में मिसाइलों और विस्फोटक ड्रोनों की बौछार की, यह एक जवाबी हमला था जिसे तेहरान ने सीरिया की राजधानी में अपने दूतावास परिसर पर 1 अप्रैल को बमबारी के बाद आत्मरक्षा के रूप में कहा था. ईरान के विदेश मंत्री सहित क्षेत्रीय अधिकारियों ने कहा कि तेहरान ने अपने हमले से कुछ दिन पहले पड़ोसी देशों को नोटिस दिया था. हालांकि कनानी ने आगाह किया कि तेहरान इजरायल के प्रति अपनी सैन्य ताकतों से कैसे जवाब देगा, इसके बारे में किसी भी देश के साथ कोई पूर्व-निर्धारित समझौता नहीं किया गया है.
इजरायल के जहाज को लेकर दिया ये जवाब
कनानी ने कहा कि पुर्तगाली ध्वज वाले मालवाहक जहाज एमएससी एरीज़ को 13 अप्रैल को समुद्री कानूनों का उल्लंघन करने के लिए जब्त कर लिया गया था. उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि जहाज इज़रायल का था. अक्टूबर में गाजा में इज़रायल के अभियान की शुरुआत के बाद से पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है, इज़रायल या उसके सहयोगी अमेरिका दरअसल लेबनान, सीरिया, इराक और यमन में ईरानी-गठबंधन समूहों के साथ बार-बार संघर्ष कर रहे हैं.