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Anti Hijab Protest: ईरान में प्रदर्शनकारियों की बड़ी जीत, मॉरलिटी पुलिस को किया गया खत्म, जानें बड़ी बातें 

ईरान की मॉरलिटी पुलिस को औपचारिक रूप से गश्त-ए-इरशाद या गाइडेंस पेट्रोल के नाम से जाना जाता है. इसी पुलिस ने महिसा आमिनी को बीते सितंबर में इस्लामिक गणतंत्र के सख्त ड्रेस के कोड के उल्लंघन और अनुचित तरीके से हिजाब पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसकी तीन बाद हिरासत में ही मौत हो गई थी.

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ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन (फाइल फोटो)
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन (फाइल फोटो)

ईरान में महिसा आमिनी की मौत के बाद मॉरलिटी पुलिस और महिलाओं के लिए कड़े कानून के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद रविवार को ईरान में मॉरलिटी पुलिस को खत्म कर दिया गया. ईरान के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जाफर मोंटाजेरी ने बताया कि पुलिस की मॉरलिटी ईकाई को समाप्त कर दिया गया है. 22 वर्षीय महिसा आमिनी की हिरासत में मौत के बाद दुनियाभर में ईरान में महिलाओं के इन नियमों के खिलाफ विरोध देखा गया.  

ईरान की मॉरलिटी पुलिस को औपचारिक रूप से गश्त-ए-इरशाद या गाइडेंस पेट्रोल के नाम से जाना जाता है. इसी पुलिस ने महिसा आमिनी को बीते सितंबर में इस्लामिक गणतंत्र के सख्त ड्रेस के कोड के उल्लंघन और अनुचित तरीके से हिजाब पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसकी तीन बाद हिरासत में ही मौत हो गई थी. इस इकाई की 2006 में स्थापना की गई थी.  

ईरान में किन परिस्थितियों में हुआ ऐलान, समझिए  

1- ईरान के अटॉर्नी जनरल मोंटेजरी ने रविवार को कहा कि मॉरलिटी पुलिस का न्यायपालिका से कोई संबंध नहीं है और उसे ठीक वैसे ही समाप्त कर दिया गया, जैसे उसकी शुरुआत हुई थी. उन्होंने ये बात तब कही, जब उनसे पूछा गया था कि ईरानी प्रशासन इस इकाई को समाप्त करने पर विचार क्यों कर रहा है.

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2- इससे एक दिन पहले अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि महिलाओं के लिए उचित ड्रेस को नियंत्रित करने वाला कानून जरूरी था या नहीं यह निष्कर्ष निकालने के लिए संसद और न्यायपालिका दोनों मिलकर काम कर रहे हैं. साथ ही, इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई कि इस इकाई को समाप्त कर दिया गया है.  

3- ईरान में तीन महीने तक चले विरोध प्रदर्शनों ने सरकार को हिलाकर रख दिया. इन प्रदर्शनों का नेतृत्व मुख्य रूप से महिलाओं ने किया, जिन्होंने सड़कों पर अपने हेडस्कार्व्स और घूंघट निकाल दिए. महिलाओं ने प्रदर्शनों में नारी-जीवन और आजादी जैसे नारे लगाए. ईरान में आमिनी की मौत के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों की ओर से भी निंदा की गई.  

4- मोंटेजेरी ने यह भी कहा कि न्यायपालिका 'सामुदायिक स्तर पर व्यवहार संबंधी कार्यों की निगरानी' करना जारी रखेगी. हालांकि ईरानी अधिकारियों ने इसको लेकर कोई संकेत नहीं दिया कि महिलाओं के लिए अनिवार्य ड्रेस कोड लागू करने के कानून को खत्म कर दिया जाएगा. हिजाब को 1979 की क्रांति के चार साल बाद अनिवार्य कर दिया गया था, जिसमें अमेरिका समर्थित राजशाही को उखाड़ फेंका गया था और ईरान के इस्लामी गणराज्य की स्थापना की गई थी. पिछले कुछ वर्षों में घूंघट से संबंधित कानूनों में संशोधन किया गया है.  

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5- ईरानी अधिकारियों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की कि मॉरलिटी पुलिस इकाई को अस्थायी या स्थायी तौर पर खत्म किया गया है. इससे पहले ईरान ने हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप को खारिज कर दिया था.

(रिपोर्ट- सृष्टि झा)

 

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