आस्था का महापर्व छठ 17 नवंबर से देशभर में मनाया जा रहा है. नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ यह त्योहार 20 नवंबर की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा. लेकिन भारत ही नहीं सैंकड़ों मील दूर अमेरिका में भी पूरी श्रद्धा के साथ छठ मनाई जा रही है.
अमेरिका के कई राज्यों में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक छठ मना रहे हैं. न्यूजर्सी के एडिसन में भारतीय मूल के लोगों ने सूर्य को अर्घ्य दिया. एडिसन में बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रवासी भारतीयों ने छठ पूजा की.
अमेरिका के न्यूजर्सी में छठ का यह महापर्व बिहार झारखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (BJANA) और बिहार फाउंडेशन की यूएस टीम के प्रयासों के तहत मनाया जा रहा है. अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के सबसे बड़े संगठन द फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन (एफआईए) की भी इसमें बड़ी भूमिका है. इस दौरान सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों समय सूर्य को अर्घ्य दिया गया.

एडिसन में 19 नवंबर की सुबह उगते को अर्घ्य दिया गया. भारतीय मूल के लगभग 2000 लोग उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाट पर पहुंचे थे. इस दौरान प्रशासन की मदद से विशेष तौर पर घाटों को तैयार किया गया था, जहां बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों का हुजूम पहुंचा.
न्यूजर्सी के मोनरो के थॉमसन पार्क में भी लगातार पाचंवें साल छठ पूजा मनाई जा रही है. इस दौरान अमेरिका में बसे प्रवासी भारतीयों ने सूर्य अर्घ्य दिया. स्थानीय प्रशासन ने प्रवासी भारतीयों के लिए विशेष प्रबंध किए हुए थे.

बता दें कि 17 नवंबर को नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हुई थी. इसके दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिए जाने के साथ यह संपन्न होगा.

क्या है छठ पूजा?
छठ पूजा में भगवान सूर्यदेव की आराधना की जाती है. चार दिनों के इस पर्व की शुरुआत पहले दिन नहाय-खाय के साथ होती है. इसके बाद छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना के नाम से जाना जाता है. इस दिन छठी मैया के लिए प्रसाद तैयार किया जाता है. तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह पर्व संपन्न होता है. छठ का यह महापर्व बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों में बहुत लोकप्रिय है.