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'INDIA OUT' के मंसूबे में फेल रहे मुइज्जू! सैनिकों की वापसी पर भारत ने मालदीव के साथ निकाला ये समाधान

मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर दोनों देशों के उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की दूसरी बैठक शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में संपन्न हुई. इस दौरान दोनों पक्षों में कई मुद्दों को लेकर सहमति बनी. इस दौरान यह भी तय हुआ कि भारत मालदीव में तैनात अपने सैनिकों को असैनिक समूह के साथ बदलेगा.

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पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू (फाइल फोटो)
पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू (फाइल फोटो)

मालदीव में हुए राष्ट्रपति चुनाव में 'India Out' का नारा देने वाले मुइज्जू अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए हैं. दोनों देशों के बीच हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद भले ही मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर औपचारिक सहमति बन गई हो लेकिन खबर इससे इतर भी है. भारतीय सैनिक मालदीव से वापस आएंगे और उनके बदले भारत वहां सिविलयंस की तैनाती करेगा. यानि भारत सैनिक बुला लेगा और उनके बदले वहां असैनिकों (Civilians) को तैनात करेगा. 

मालदीव के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत इस द्वीपीय देश में तीन विमानन प्लेटफॉर्म में अपने सैन्यकर्मियों को बदलेगा और इस प्रक्रिया का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा किया जाएगा. दोनों देशों के कोर समूह की बैठक दिल्ली में संपन्न हुई, जिसमें मुख्य रूप से मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने के विषय पर चर्चा हुई.

भारत ने कहा कि भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के संचालन को जारी रखने के लिए मालदीव के साथ "पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों" पर सहमति बनी है. यह सहमति ऐसे समय में बनी है जब  पिछले महीने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुईज्जू ने भारत से अपने सैनिकों को 15 मार्च तक वापस बुलाने के लिए कहा था. विवादास्पद मुद्दे का हल निकालने के लिए दोनों पक्षों के बीच दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी.

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10 मई तक भारत अपने सैन्य कर्मियों को बदल देगा

मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत 10 मई तक मालदीव में तीन विमानन प्लेटफार्मों का संचालन करने वाले अपने सैन्य कर्मियों को बदल देगा और प्रक्रिया का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा हो जाएगा. एक बयान में कहा गया, 'दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत सरकार 10 मार्च तक तीन विमानन प्लेटफार्मों में से एक में सैन्य कर्मियों को बदल देगी और बाकी बचे दो प्लेटफॉर्मों से सैनिकों को 10 मई 2024 तक हटा लिया जाएगा.' चीन समर्थक नेता के रूप में देखे जाने वाले मुईज्जू ने पिछले महीने भारत से 15 मार्च तक अपने देश से अपने सभी सैन्य कर्मियों को वापस लेने को कहा था.

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान में कहा कि बैठक के दौरान दोनों पक्ष "भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के निरंतर संचालन को सक्षम करने के लिए पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों के एक सेट पर सहमत हुए" जो मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा निकासी सेवाएं प्रदान करते हैं. इस बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने मौजूदा विकास सहयोग परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर चर्चा की. इसके अलावा दोनों देशों ने आपसी साझेदारी को बढ़ाने के कदमों की पहचान करने की दिशा में द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित व्यापक मुद्दों पर चर्चा जारी रखी.

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सिविलियंस तैनात करेगा भारत

विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बात पर सहमति हुई कि उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की अगली बैठक दोनों की सुविधा के मुताबिक तय की गई तारीख पर माले में होगी. वर्तमान में, लगभग 80 भारतीय सैन्यकर्मी मुख्य रूप से दो हेलीकॉप्टर और एक विमान संचालित करने के लिए मालदीव में हैं जो बड़ी संख्या में मानवीय सहायता और चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं.

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यह बात सामने आई है कि भारतीय सैन्य कर्मियों के बदले उन असैनिकों (सिविलियंस) को तैनात किया जा सकता है जो तीनों प्लेटफार्मों का संचलान करने में दक्ष हैं. पिछले साल नवंबर में मुईज्जू के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में कुछ तनाव आ गया था. राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मुईज्जू ने कहा कि वह भारतीय सैन्य कर्मियों को अपने देश से बाहर निकालने के अपने चुनावी वादे को निभाएंगे.

मुईज्जू ने किया था चुनावी वादा

45 वर्षीय मुईज्जू नेता ने पिछले साल सितंबर में राष्ट्रपति पद के चुनाव में भारत के मौजूदा उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हराया था. मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है. सोलिह सरकार के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में काफी प्रगति हुई थी. मुईज्जू ने पिछले साल 17 नवंबर को मालदीव के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी.  इस शीर्ष पद की शपथ लेने के एक दिन बाद, उन्होंने मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की अपील की थी.

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भारत-मालदीव की कोर समूह की 14 जनवरी को हुई पहली बैठक के बाद, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों पक्ष एक परस्पर स्वीकार्य समाधान तलाशने पर गौर कर रहे हैं, ताकि मालदीव के लोगों को मानवीय सहायता एवं मेडिकल बचाव सेवाएं मुहैया करने वाले भारतीय विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन जारी रखा जा सके.

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