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ब्रिटेन सरकार ने भारत को दिया झटका, वीजा को लेकर मंत्री ने कही ये बात

ब्रिटेन की व्यापार मंत्री केमी बडेनोच ने कहा है कि भारत के साथ किसी भी मुक्त व्यापार समझौते (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) में बड़े स्तर पर भारतीय श्रमिकों को ब्रिटेन आने की अनुमति नहीं होगी. ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत में सिर्फ अस्थायी व्यापार वीजा ही शामिल है. इस डील के तहत बड़े स्तर पर भारतीय को ब्रिटेन के श्रम बाजार तक पहुंच की अनुमति नहीं होगी.

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ब्रिटेन की व्यापार मंत्री केमी बडेनोच (फाइल फोटो- रॉयटर्स)
ब्रिटेन की व्यापार मंत्री केमी बडेनोच (फाइल फोटो- रॉयटर्स)

भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर जारी बातचीत को लेकर ब्रिटेन की मंत्री ने कहा है कि दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में सिर्फ अस्थायी व्यापार वीजा पर चर्चा होगी. इस डील के तहत ऐसा कोई भी एग्रीमेंट नहीं होगा जिससे भारतीय कामगारों को व्यापक स्तर पर ब्रिटेन आने का मौका मिले. ब्रिटेन और भारत के बीच पिछले साल जनवरी में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर वार्ता शुरू हुई थी. उस वक्त भी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा था कि जल्दबाजी में वो गुणवत्ता से समझौता नहीं करेंगे.

भारत सरकार लंबे समय से ब्रिटेन सरकार से मांग कर रही है कि भारत के कामगारों और छात्रों के लिए वीजा की संख्या बढ़ाई जाए. दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता भी इसी का हिस्सा माना जा रहा है. अगर दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता होता है तो इससे ब्रिटेन में भारतीयों की एंट्री आसान हो सकती है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ब्रिटेन के व्यापार मंत्री केमी बडेनोच ने माइग्रेशन और मोबिलिटी को लेकर सरकार के रुख पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत के साथ एफटीए समझौते में बड़े पैमाने पर प्रवासियों को लेकर प्रतिबद्धताएं शामिल नहीं होंगी. 

ब्रिटेन की सीमा नियंत्रित करने की क्षमता कमजोर हो बर्दाश्त नहींः ब्रिटिश मंत्री

व्यापार मंत्री केमी बडेनोच ने सांसद को दिए एक लिखित जवाब में कहा, "भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में इमीग्रेशन को लेकर किसी भी तरह की प्रतिबद्धताएं शामिल नहीं होंगी. ऐसी किसी भी चीज पर कोई समझौता नहीं होगा जो ब्रिटेन के पॉइंट बेस्ड इमीग्रेशन सिस्टम के सिद्धांतों या कामकाज को कमजोर करता हो या ब्रिटेन को अपनी सीमा नियंत्रित करने की क्षमता को कमजोर करता हो."

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मंत्री ने आगे कहा कि ट्रेड डील में व्यापार गतिशीलता पर चर्चा होगी. ताकि हाइली स्किल्ड प्रोफेशनल्स दोनों देशों में शॉर्ट-टर्म के लिए रह सकें. इससे पहले अक्टूबर 2022 में ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमेन ने कहा था कि मैं भारतीयों के लिए ब्रिटेन की सीमा खोलने वाली इस नीति को लेकर काफी चिंतित हूं. भारतीय प्रवासी ब्रिटेन में अपनी वीजा अवधि से ज्यादा समय बिताते हैं.

ब्रेवरमेन के इस विवादित बयान के बाद भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. भारतीय उच्चायोग ने कहा था कि जब वीजा और प्रवास से संबंधित मुद्दों पर बातचीत चल रही है, उस वक्त इन मामलों पर टिप्पणी करना उचित नहीं है. उच्चायोग ने यहां तक कह दिया था कि भविष्य में कोई भी समझौता दोनों तरफ के लाभों को देखते हुए ही होगा.

क्या है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट? ( What is Free Trade Agreement)

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट दो या दो से ज्यादा देशों के बीच होता है. यह दो देशों के बीच होने वाला एक कारोबारी समझौता है जिसके तहत दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात पर टैक्स नहीं लगता है. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में सब्सिडी, कोटा, टैरिफ को भी कम कर दिया जाता है. भारत के लिहाज से बात करें तो फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होने पर एक्सपोर्ट सेक्टर में बड़ी ग्रोथ देखने को मिल सकती है.

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इसके अलावा एग्रो, लेदर, टेक्सटाइल जैसे सेक्टरों में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है. वहीं, ब्रिटेन में भारतीय छात्रों और कामगारों की एंट्री हमेशा से भारत के लिए व्यापार समझौते का एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है. ऐसे में अगर ब्रिटेन और भारत के बीच यह समझौता होता है तो भारतीयों की ब्रिटेन में एंट्री पहले की तुलना में आसान हो सकती है.


 

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