पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित अदियाला जेल के बाहर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहनों अलीमा, उजमा और नौरीन खान के साथ पुलिस ने बदसलूकी की है. रिपोर्ट के मुताबिक इमरान की बहन नौरीन को हिरासत में लेने से पहले सड़क पर घसीटा गया. एक वीडियो में इमरान खान की बहनें कांपती, डरती और सहमी नजर आ रही हैं.
इमरान खान की तीनों बहनें पूर्व पीएम से मिलने अदियाला जेल पहुंचीं थी. इमरान खान अदियाला जेल में एकांत कारावास काट रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान प्रशासन ने इन्हें उनसे नहीं मिलने दिया.
नौरीन खान ने कहा कि, 'मैं वहां पर खड़ी थी. पुलिसवाली आई और मुझे पकड़कर जमीन पर फेंका, मुझे तो समझ में नहीं आया, एक बहुत मोटी सी पुलिसवाली थी, मुझे लगा कि वो इसी काम के लिए आई थी. बाजू पकड़कर टांगों से घसीटा. ये बहुत अफसोसनाक है कि वे इस हद तक गिर सकते हैं. पंजाब पुलिस दरिंदा पुलिस है.'
इस घटना के बाद इमरान की एक दूसरी बहन ने कहा कि इन्हें सड़क पर घसीट रही थी वो औरतें. उन्हें गैरत भी नहीं. इस दौरान इमरान की बहन काफी परेशान, डरी हुई थी और कांप रही थी.
इमरान से मिलने गईं थी उनकी बहनें
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने मंगलवार देर रात कहा कि पुलिस ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहनों के साथ रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर दुर्व्यवहार किया और उन्हें "हिंसक तरीके से हिरासत में" लिया.
इमरान से मिलने की इजाजत न मिलने के बाद उसकी बहनें जेल के बाहर ही धरना दे रही थीं.
سرزمین ء بے آئین بے دستور پاکستان ۔۔۔ pic.twitter.com/eoDhv4CihS
— PTI Khyber Pakhtunkhwa (@PTIKPOfficial) November 19, 2025
जेल प्रशासन ने पार्टी नेताओं और पीटीआई संस्थापक के परिवार को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी.
आधी रात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पार्टी ने कहा कि जब पुलिस कार्रवाई हुई तब अलीमा खान, नोरीन नियाज़ी और डॉ. उज़मा खान जेल के बाहर "शांति से बैठी" थीं.
आगे कहा गया है कि खैबर पख्तूनख्वा की स्थानीय सरकार मंत्री मीना खान अफरीदी, एमएनए शाहिद खट्टक और कई महिलाओं सहित अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं को "हिंसा का शिकार होना पड़ा और पुलिस ने उन्हें उठा लिया".
पीटीआई ने कहा, "एक कैदी के रूप में इमरान खान के अधिकारों के अनुसार उन्हें अपने परिवार से मिलने का हक है. लेकिन इसका इस्तेमाल उनके परिवार के सदस्यों और समर्थकों के खिलाफ उत्पीड़न और हिंसा के एक हथियार के रूप में किया जा रहा है."
पार्टी द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किए गए वीडियो में पार्टी कार्यकर्ता के अलावा अलीमा और उजमा नौरीन के चारों ओर जमा दिखाई दे रहे थे. नौरीन इस दौरान कांपती हुई दिखाई रही हैं.
पार्टी द्वारा बाद में शेयर किए गए एक वीडियो में नौरीन ने कहा कि महिला पुलिस अधिकारियों ने उसके बाल पकड़कर उसे ज़मीन पर गिरा दिया. उन्होंने कहा, "मुझे कुछ समझ नहीं आया. मुझे अब भी समझ नहीं आ रहा कि क्या हुआ." उन्होंने जोर देकर कहा कि पीटीआई कार्यकर्ता जेल के बाहर शांतिपूर्वक बैठे थे.
”میں تو بس وہاں کھڑی تھی، پولیس والی نے مجھے بالوں سے پکڑ کر زمین پر پھینک دیا۔ جو انہوں نے کیا مجھے ابھی تک سمجھ نہیں آ رہی کہ کیا اور کیوں کیا؟ بازو اور ٹانگوں سے پکڑ کر گھسیٹا گیا۔ افسوس ہے کہ یہ کس حد تک گِر چکے ہیں۔ ہم تو پُرامن بیٹھے ہوئے تھے۔“
نورین نیازی pic.twitter.com/2Z6GPET60j
— PTI Khyber Pakhtunkhwa (@PTIKPOfficial) November 19, 2025
पीटीआई ने कहा कि "बारह घंटे गंभीर संकट में बिताने के बावजूद रात 10 बजे तक पंजाब सरकार ने एक भयावह कार्रवाई का आदेश दे दिया, जिसे कोई भी सभ्य या लोकतांत्रिक समाज कभी उचित नहीं ठहरा सकता."
इसमें आरोप लगाया गया है कि जिस जगह इमरान की बहनें बैठी थीं वहां "जानबूझकर पानी भर दिया गया था."
पार्टी ने आगे कहा कि, "पूरी जगह को अंधेरे में डुबोने के लिए लाइटें बंद कर दी गईं और इसके बाद हुई अफरा-तफरी में पुलिस ने इमरान खान की बहनों अलीमा खान, नोरीन खान और उज़मा खान के साथ मारपीट की."
पीटीआई नेता और पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा कि ये आज का पाकिस्तान है, जहां ख्वातिनों की मर्यादा को भंग किया जाता है. इन बहनों की एक मात्र गलती ये थी कि वे अपने भाइयों से मिलने आई थीं.
क्यों जेल में है इमरान खान
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं. उनकी गिरफ्तारी नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में की है. इस मामले में इमरान पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. ये ट्रस्ट इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीवी द्वारा संचालित है.
आरोप है कि इमरान ने ट्रस्ट के नाम पर रियल एस्टेट टायकून मलिक रियाज हुसैन ने 60 एकड़ जमीन दान की बदले में खान सरकार ने विदेशी फंड्स (लगभग 1.5 मिलियन डॉलर) का इस्तेमाल किया, जिससे राज्य को नुकसान हु.
जनवरी 2025 में अदालत ने खान को 14 साल की सजा सुनाई, जबकि बुशरा को 7 साल. इसके अलावा इमरान खानपर पर अन्य मामले भी चल रहे हैं.
इनमें तोशाखाना केस, सिफर केस है. उनकी पार्टी PTI इन्हें राजनीतिक साजिश बताती है जो सेना और सरकार द्वारा सत्ता से दूर रखने के लिए की गई है.