साउथ अफ्रीका को जोहान्सबर्ग में आयोजित 20वीं जी-20 शिखर सम्मेलन बिना औपचारिक हैंडओवर के संपन्न हो गया है. अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने किसी भी अमेरिकी अधिकारी को गवेल नहीं सौंपा है. शिखर सम्मेलन के समाप्त होने से पहले G20 में अमेरिका के शामिल न होने पर दक्षिण अफ्रीका के व्यापार, उद्योग और प्रतिस्पर्धा मंत्री पार्क्स ताऊ ने नाराजगी जताई. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि व्यापार को लेकर अमेरिका के साथ चर्चा जारी रहेगी. उन्होंने ये बातें मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहीं हैं. इससे पहले अफ्रीकी राष्ट्रपति ने अमेरिका की अनुपस्थिति में खाली कुर्सी को शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता सौंपने की बात कही थी.
मीडिया ब्रीफिंग के दौरान जब पार्क्स ताऊ से पूछा गया कि क्या इसमें भाग न लेने से अमेरिका को नुकसान होगा और वैश्विक व्यापार पर उसका प्रभाव कम होगा तो उन्होंने कहा कि इसका आकलन G-20 के परिणामों के संदर्भ में किया जाना चाहिए.
G20 में इन मुद्दों पर हुई चर्चा
उन्होंने कहा, 'वैश्विक व्यापार, विश्व व्यापार संगठन (WTO), औद्योगीकरण, विकास के लिए वित्तपोषण और कर्ज जैसे अहम मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई. ये सभी विषय पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन बैठकों में अमेरिका की आवाज नहीं सुनाई दी.'
अगले महीने से US करेगा G20 की अध्यक्षता
ताऊ ने स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ व्यापारिक चर्चाएं जारी रहेंगी. उन्होंने कहा, 'G20 एक अलग प्रक्रिया है. अभी तक इसका कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है.'
उन्होंने बताया कि जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन में लिए गए फैसलों पर नजर रखी जाएगी, खासकर तब जब अगले महीने से अमेरिका G20 की अध्यक्षता संभालेगा.
ताऊ ने कहा, 'हम विभिन्न देशों के साथ हुए समझौतों की प्रगति पर नजर रखेंगे, बहुपक्षीय व्यवस्था पर इसका असर देखेंगे और संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर रखे जाने वाले प्रस्तावों को ट्रैक करेंगे.' साथ ही उन्होंने WTO में सुधार और इसके निहितार्थों पर चर्चा को भी ट्रैक करने की बात कही.
अफ्रीकी विकास और अवसर अधिनियम (AGOA) के संबंध में बात करते हुए ताऊ ने पुष्टि की कि ये अभी भी एजेंडे में है. साल 2000 में लागू होने के बाद से AGOA अफ्रीका के साथ अमेरिकी आर्थिक नीति का मूल रहा है. ये उप-सहारा अफ्रीकी देशों को अमेरिकी बाजार तक शुल्क-मुक्त पहुंच प्रदान करता है. हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अलग-अलग देशों के लिए विभिन्न शुल्कों को लागू करने से इस पर गंभीर असर पड़ा है.
AGOA पर लॉबिंग जारी रहेगी
ताऊ ने कहा, 'अमेरिका में सरकारी शटडाउन के कारण कांग्रेस में निर्णय लेने की प्रक्रिया प्रभावित हुई थी. अब कांग्रेस फिर से काम शुरू कर चुकी है, इसलिए हम फिर से सांसदों से संपर्क करेंगे और AGOA के लिए लॉबिंग जारी रखेंगे.' उन्होंने कहा कि AGOA एक कान्ग्रेसनल निर्णय है, इसलिए एंगेजमेंट के लिए प्रतिनिधियों का सत्र में होना ज़रूरी है.
अफ्रीका को G20 में जगह देने का प्रयास
मंत्री ने बताया कि राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने सभी अफ्रीकी ब्लॉक्स के प्रमुखों को आमंत्रित किया था ताकि अफ्रीका की आवाज मजबूती से सामने आए. शिखर सम्मेलन में क्रिटिकल मिनरल्स, अफ्रीकी देशों पर कर्ज का बोझ और पूंजी की ऊंची लागत जैसे मुद्दों पर ठोस सहमति बनी है और इसके लिए कार्यक्रम भी तैयार किए गए हैं.
अंत में उन्होंने कहा कि G20 के फैसलों का असर तुरंत नहीं दिखेगा, लेकिन सदस्य देश एक-दूसरे के प्रति जवाबदेह रहेंगे. हम अपने साझेदार देशों को उनके वादों के लिए उतना ही जवाबदेह ठहराएंगे, जितना वे हमें ठहराते हैं.
ट्रंप ने किया जी20 का बहिष्कार
दरअसल, इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया था कि कोई भी अमेरिकी अधिकारी दक्षिण अफ्रीका में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा. उन्होंने इसका कारण दक्षिण अफ्रीकी सरकार द्वारा श्वेत किसानों (अफ्रीकानर्स) के साथ होने वाले कथित दुर्व्यवहार को बताया. हालांकि, दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों ने ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया.
खाली कुर्सी को सौंपेंगे अध्यक्षता
वहीं, ट्रंप के जी-20 से बहिष्कार के ऐलान के बाद अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा कहा कि अमेरिका की अनुपस्थिति में शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता प्रतिकात्मक रूप से एक खाली कुर्सी को सौंपी जाएगी.
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मैंने पहले भी कहा कि मैं खाली कुर्सी को अध्यक्षता सौंपना नहीं चाहता, लेकिन कुर्सी तो वहां खाली रहेगी ही तो शायद प्रतीकात्मक रूप से खाली कुर्सी को अध्यक्षता सौंप देंगे.