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'हम फिलिस्तीनियों के लिए...', इजरायल-हमास युद्ध के बीच विदेश मंत्री जयशंकर ने कह दी बड़ी बात

इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के बीच अब भारत ने फिलिस्तीनियों के लिए अलग देश बनाने के अपने रुख पर जोर दिया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अहम बात कही है.

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर टिप्पणी की है (Photo- Reuters)
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर टिप्पणी की है (Photo- Reuters)

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मध्य-पूर्व में चल रहे इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर अहम टिप्पणी की है. बुधवार को विदेश मंत्री ने कहा कि भारत फिलिस्तीनियों के लिए एक राष्ट्र का समर्थन करता है और उसका यह रुख पूरी दुनिया को पता है.

समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गार्गी कॉलेज में 'विश्व बंधु भारत' मुद्दे पर बोलते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'हम एक बहुत ही तनावपूर्ण, मुश्किल स्थिति से गुजर रहे हैं जिसमें इजरायल शामिल है, फिलिस्तीन शामिल है, बहुत से अरब देश शामिल हैं, खाड़ी के राजशाही शामिल हैं, ईरान शामिल है. कुछ दिनों पहले ईरान और इजरायल ने एक-दूसरे पर हमला भी कर दिया था.'

विदेश मंत्री ने आगे कहा, 'अब आप देखिए कि एक विश्व बंधु को इस स्थिति से कैसे निपटना चाहिए. जब 7 अक्टूबर को इजरायल पर आतंकवादियों ने  हमला किया तब हम बहुत स्पष्ट थे कि यह आतंकी हमला है. हमने इस पर स्पष्ट रुख रखा. जब इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की तब भी हमने अपना रुख स्पष्ट रखा कि जहां कहीं भी सैन्य कार्रवाई हो, वहां आम लोगों की जिंदगी को बचाना बेहद जरूरी है. अगर आप नागरिकों को विस्थापित कर रहे हैं, उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ रहा है तो उनके लिए एक मानवीय कॉरिडोर बनाया जाना चाहिए.'

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'पीएम मोदी के कहने पर मैंने...'

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री के कहने पर उन्होंने सभी पक्षों के विदेश मंत्रियों से फोन कर बात की और उनसे क्षेत्र की स्थिति पर चिंता जताते हुए शांति की अपील की.

उन्होंने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री के कहने पर व्यक्तिगत रूप से दो विदेश मंत्रियों को फोन किया और कहा कि देखिए, पूरे क्षेत्र में घबराहट है. हम आपसे आग्रह कहते हैं कि आप तनाव को और मत बढ़ाइए. हम फिलिस्तीनियों के लिए एक राष्ट्र का समर्थन करते हैं और हमारा यह रुख दुनिया के सामने हमेशा से स्पष्ट रहा है. '

जयशंकर ने आगे कहा कि स्थिति को ठीक करने के लिए भारत ने कोशिशें भी की हैं. भारत ने लाल सागर में 20 जहाज तैनात किए हैं ताकि लाल सागर में जहाजों पर हो रहे हमले को कम किया जा सके. लाल सागर में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के हमले से व्यापार बाधित हुआ है और लागत भी बढ़ी है.

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